कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले की शमशेरगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रेजाउल हक़ कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर मतदान स्थगित कर दिया है. साथ ही उन अटकलों को ख़ारिज कर दिया कि देश में वायरस के मद्देनज़र बाकी चरणों के मतदान को एक बार में कराया जाएगा.
कोलकाता/नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच पश्चिम बंगाल में चार चरणों की 159 सीटों पर एक साथ चुनाव कराने के आग्रह को भारतीय निर्वाचन आयोग ने ठुकरा दिया है. इस दौरान महामारी के संक्रमण से कांग्रेस के एक प्रत्याशी की मौत हो गई है.
कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराए गए कांग्रेस प्रत्याशी रेजाउल हक की बृहस्पतिवार सुबह मौत हो गई.
मुर्शिदाबाद जिले की शमशेरगंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार 46 वर्षीय हक को सांस लेने में तकलीफ के बाद बुधवार को पहले तो जांगीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रात में हालत बिगड़ने के बाद उन्हें कोलकाता के अस्पताल में रेफर कर दिया गया.
सूत्रों ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे के आसपास उन्होंने दम तोड़ दिया. पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने हक के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
उन्होंने साथ ही कहा कि निर्वाचन आयोग को चुनाव रैलियों में कोविड सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल के उल्लंघन की विभिन्न घटनाओं पर संज्ञान लेना चाहिए.
चौधरी ने कहा, ‘मैंने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर बताया है कि कोविड दिशा-निर्देशों का किस तरह उल्लंघन किया जा रहा है. हमें जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है.’
इस बीच, निर्वाचन आयोग ने शमशेरगंज विधानसभा सीट पर मतदान स्थगित कर दिया है.
आयोग ने कहा कि मतदान के बारे में आगे जल्द फैसला किया जाएगा.
बंगाल में चार चरणों में 135 सीटों पर चुनाव हो चुकी है. पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को चुनाव होने है. पांचवें चरण में 319 प्रत्याशी मैदान में हैं, इनमें 39 महिलाएं हैं. ये 45 सीटें जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, दार्जिलिंग, नादिया, नॉर्थ 24 परगना और पूर्वा बर्धमान जिले में पड़ती हैं.
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाकी चरणों के मतदान को एक बार में कराया जाएगा.
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयोग से आग्रह किया था कि विधानसभा चुनाव के बाकी चरणों को एक बार में कराने पर विचार किया जाए.
बनर्जी ने जोर देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने पहले ही आठ चरणों में मतदान कराने का विरोध किया था.
सुबह से ही मीडिया में अटकलें चल रही थीं कि विधानसभा चुनाव के 22, 26 और 29 अप्रैल को होने वाले मतदान के चरणों को एक चरण में संपन्न कराया जा सकता है.
दिल्ली में निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने सवालों के जवाब में कहा, ‘इन चरणों को एक साथ करने की कोई योजना नहीं है.’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने ट्वीट में कहा कि इस तरह के कदम के बारे में फैसला जनहित को देखते हुए लेना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘महामारी के प्रकोप के बीच, पश्चिम बंगाल में आठ चरण में चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले का हमने कड़ा विरोध किया. कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब आयोग से मेरा अनुरोध है कि आगामी सभी चरण एक ही बार में करवा लिए जाएं.’
Amid an ongoing pandemic, we firmly opposed @ECISVEEP's decision to conduct WB polls in 8 phases.
Now, in view of the huge surge in #COVID19 cases, I urge the ECI to consider holding the remaining phases in ONE go. This will protect the people from further exposure to #COVID19.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 15, 2021
बनर्जी ने कहा, ‘इससे अब आगे लोगों को कोविड-19 की चपेट में आने से बचाया जा सकेगा.’
आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि 17 अप्रैल को होने जा रहे पांचवें चरण के चुनाव के लिए बंदोबस्त पहले ही किए जा चुके हैं. सोशल मीडिया पर कई लोग यह चर्चा कर रहे हैं कि क्या चुनाव के अगले तीन चरण एक ही बार में करवा लेने चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)