बीते फरवरी में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा था कि नीरव मोदी का भारत में प्रत्यर्पण मानवाधिकारों के अनुरूप है. हीरा कारोबारी नीरव मोदी साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक से क़रीब 1400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जालसाज़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर भारत में वांछित हैं.
नई दिल्ली: ब्रिटेन के गृह विभाग ने लगभग चौदह हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित करने की अनुमति प्रदान कर दी है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
मोदी पर अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी करने का आरोप है.
#UPDATE | Nirav Modi has 14 days to appeal against his extradition.
— ANI (@ANI) April 16, 2021
बताया गया है कि इस प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए मोदी के पास चौदह दिन का समय है. उल्लेखनीय है कि गत 25 फरवरी को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी.
तब ब्रिटेन की एक अदालत के न्यायाधीश ने कहा था कि उनके खिलाफ एक मामला है, जिसमें उन्हें भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना है. कोर्ट ने कहा कि पीएनबी घोटाला मामले में नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है.
49 वर्षीय नीरव मोदी दक्षिण पश्चिम लंदन में वेंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस सुनवाई में शामिल हुए थे.
अदालत के फैसले की जानकारी ब्रिटेन के गृह विभाग को दी गई, जिसके आधार पर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए अनुमति दी गई.
प्रत्यर्पण वारंट पर नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था. वह प्रत्यर्पण मामले में अदालती सुनवाई में वेंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हिस्सा लेते हैं.
इससे पहले जमानत के लिए मजिस्ट्रेट और उच्च न्यायालय स्तर पर उनकी कई याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं.
हीरा कारोबारी नीरव मोदी साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक से करीब 1400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मुख्य आरोपी नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया था.
विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरे ऐसे कारोबारी था, जिसे नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया.
मालूम हो कि जनवरी 2018 में पीएनबी घोटाले के उजागर होने के बाद से सीबीआई और ईडी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी की जांच कर रही है.
नीरव और उसका मामा मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक से तकरीबन 14,000 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं जो गारंटी पत्र जारी करने में कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है.
पीएनबी ने आरोप लगाया है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने धोखाधड़ी की है, जिसकी वजह से पीएनबी को दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है.
दोनों जनवरी 2018 में ही जांच शुरू होने से पहले ही देश छोड़कर फरार हो गए थे. नीरव मोदी को मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था, तबसे वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है.
पीएनबी में धोखाधड़ी से जुड़े मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है और मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में ईडी छानबीन कर रही है.
अब तक का घटनाक्रम
29 जनवरी 2018: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य के खिलाफ 2.81 अरब डॉलर की धोखाधड़ी के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
5 फरवरी 2018: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने घोटाले की जांच शुरू की.
16 फरवरी 2018: प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के आवास और कार्यालयों से करोड़ों रुपये मूल्य के हीरा, सोना और जेवरात की जब्ती की.
17 फरवरी 2018: सीबीआई ने मामले में पहली गिरफ्तारी की. पीएनबी के दो कर्मचारियों और नीरव मोदी समूह के अधिकारी को हिरासत में लिया गया.
17 फरवरी 2018: सरकार ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पासपोर्ट को चार हफ्ते के लिए निलंबित किया.
21 फरवरी 2018: सीबीआई ने नीरव मोदी की कंपनी के सीएफओ और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया. अलीबाग में उनके फार्महाउस को भी सील कर दिया गया.
22 फरवरी 2018: ईडी ने नीरव मोदी और उनकी कंपनी से जुड़ी नौ महंगी कारें जब्त की.
27 फरवरी 2018: एक मजिस्ट्रेट अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
2 जून 2018: इंटरपोल ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए नीरव के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया.
25 जून 2018: नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ईडी ने मुंबई में एक अदालत का रुख किया.
3 अगस्त 2018: भारत सरकार ने ब्रिटेन के प्राधिकारों को नीरव के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पत्र भेजा.
20 अगस्त 2018: लंदन में नीरव के होने की सूचना के बाद सीबीआई अधिकारियों ने इंटरपोल मैनचेस्टर से उसे हिरासत में लेने का अनुरोध किया.
27 दिसंबर 2018: भारत को सूचित किया गया कि नीरव मोदी ब्रिटेन में रह रहे हैं.
9 मार्च 2019: ब्रिटेन के अखबार ‘टेलीग्राफ’ के संवाददाता का लंदन की सड़कों पर नीरव मोदी से सामना हुआ और उनके देश में होने की पुष्टि हो गई.
9 मार्च 2019: ईडी ने कहा कि ब्रिटेन सरकार ने नीरव के लिए प्रत्यर्पण का अनुरोध पत्र आगे की प्रक्रिया के लिए ब्रिटेन की अदालत को भेजा है.
18 मार्च 2019: लंदन में वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
20 मार्च 2019: लंदन में नीरव मोदी गिरफ्तार हुए, उन्हें वेस्टमिंस्टर अदालत में पेश किया गया. उन्हें जमानत नहीं मिली.
20 मार्च 2019: नीरव को 29 मार्च तक वेंड्सवर्थ जेल भेजा गया.
29 मार्च 2019: लंदन में वेस्टमिंस्टर की अदालत ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की.
8 मई 2019: तीसरी बार नीरव मोदी की जमानत अर्जी खारिज.
12 जून 2019: फरार होने की आशंका के कारण नीरव की जमानत अर्जी चौथी बार खारिज.
22 अगस्त 2019: नीरव मोदी की हिरासत 19 सितंबर तक बढ़ाई गई.
6 नवंबर 2019: ब्रिटेन की अदालत ने नीरव की जमानत अर्जी खारिज की.
11 मई 2020: पीएनबी मामले में पांच दिनों के लिए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई ब्रिटेन में शुरू हुई.
13 मई 2020: भारत सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नीरव मोदी के खिलाफ और सबूत मुहैया कराया.
7 सितंबर 2020: ब्रिटेन की अदालत को मुंबई की आर्थर रोड जेल से संबंधित वीडियो मुहैया कराया गया.
1 दिसंबर 2020: नीरव मोदी की हिरासत बढ़ी.
8 जनवरी 2021: ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में फैसला सुनाने के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की.
25 फरवरी 2021: ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि नीरव मोदी को धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है.
16 अप्रैल 2021: ब्रिटेन के गृह विभाग ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)