मेरा फोन टैप किया जा रहा है, सीआईडी जांच का दिया जाएगा आदेश: ममता बनर्जी

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: भाजपा ने शुक्रवार को एक कथित ऑडियो क्लिप जारी किया था, जिसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कूच बिहार ज़िले के सीतलकूची से टीएमसी उम्मीदवार से कथित तौर पर यह कहती सुनाई दे रही हैं कि वह केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए चार लोगों के शवों के साथ रैलियां करें. मुख्यमंत्री और टीएमसी ने इस क्लिप को फ़र्ज़ी बताया है. भाजपा ने इस ऑडियो क्लिप की जांच की मांग निर्वाचन आयोग से की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर लाशों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया है.

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Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee during a sit-in over the CBI's attempt to question the Kolkata Police commissioner in connection with chit fund scams, in Kolkata, Monday, Feb. 04, 2019. (PTI Photo/Ashok Bhaumik)(PTI2_4_2019_000159B)
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: भाजपा ने शुक्रवार को एक कथित ऑडियो क्लिप जारी किया था, जिसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कूच बिहार ज़िले के सीतलकूची से टीएमसी उम्मीदवार से कथित तौर पर यह कहती सुनाई दे रही हैं कि वह केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए चार लोगों के शवों के साथ रैलियां करें. मुख्यमंत्री और टीएमसी ने इस क्लिप को फ़र्ज़ी बताया है. भाजपा ने इस ऑडियो क्लिप की जांच की मांग निर्वाचन आयोग से की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर लाशों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया है.

Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee during a sit-in over the CBI's attempt to question the Kolkata Police commissioner in connection with chit fund scams, in Kolkata, Monday, Feb. 04, 2019. (PTI Photo/Ashok Bhaumik)(PTI2_4_2019_000159B)
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

गलसी: कूच बिहार में हुई गोलीबारी संबंधी कथित ऑडियो टेप सामने आने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनका फोन टैप किया जा रहा है और वह इस मामले की सीआईडी से जांच कराए जाने का आदेश देंगी.

भाजपा ने शुक्रवार को एक कथित ऑडियो क्लिप जारी किया था, जिसमें बनर्जी कूच बिहार जिले के सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार से कथित तौर पर यह कहती सुनाई दे रही हैं कि वह केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए चार लोगों के शवों के साथ रैलियां करें.

इस कथित ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद विवाद मच गया है. तृणमूल कांग्रेस ने ऑडियो क्लिप को ‘फर्जी’ करार दिया और कहा कि इस तरह की कभी कोई बात नहीं हुई.

समाचार एजेंसी पीटीआई स्वतंत्र रूप से ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता का सत्यापन नहीं कर सकी, जो चुनाव के पांचवें चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर जारी की गई.

बनर्जी ने शनिवार को गलसी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा विकास कार्यक्रमों पर आधारित तृणमूल कांग्रेस की मुहिम का मुकाबला नहीं कर सकती, इसलिए वह षड्यंत्र रच रही है.

तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘वे (भाजपा नेता) हमारी रोजाना की बातचीत भी छिप कर सुन रहे हैं. ऐसा लगता है कि वे फोन पर होने वाली खाना बनाने एवं घर से अन्य कामों से जुड़ी हमारी बातों संबंधी कॉल भी टैप कर रहे है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं इस मामले में सीआईडी जांच का आदेश दूंगी. मैं जासूसी संबंधी इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल किसी को नहीं छोड़ूंगी. मुझे पता चल चुका है कि इसके पीछे कौन है.’

बनर्जी ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया है, इस प्रकार के कृत्यों में केंद्रीय बलों को कुछ एजेंटों के साथ शामिल किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा भले ही इसमें कोई भूमिका नहीं होने का दावा करती है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसके पीछे उसी का हाथ है.’

मालूम हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीतलकूची सीट से टीएमसी उम्मीदवार पार्थ प्रतिम रे के बीच टेलीफोन पर हुई कथित बातचीत के अंश जारी करते हुए भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने शुक्रवार को दावा किया था, ‘पार्टी नेताओं को शवों के साथ रैलियां निकालने को कहकर मुख्यमंत्री दंगा भड़काने की कोशिश कर रही हैं.’

उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपनी पार्टी उम्मीदवार से यह कहते सुना जा रहा है कि मामला इस तरह बनाना कि पुलिस अधीक्षक (कूच बिहार के) और अन्य केंद्रीय बल के कर्मचारियों को फंसाया जा सके. क्या एक मुख्यमंत्री से यह उम्मीद की जाती है? वह सिर्फ अल्पसंख्यक मतों के लिए लोगों में भय पैदा करने की कोशिश कर रही हैं.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस तथाकथित ऑडियो में बनर्जी राय से यह कहती सुनाई देती हैं कि मतदान खत्म होने तक गुस्सा शांत रखें.

वह कथित तौर पर यह कहती सुनाई देती हैं, ‘घबराइए मत. आप अगले दिन शवों के साथ रैली करने के इंतजाम करें और वकील से विमर्श करें तथा पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं जिससे कि न तो एसपी बच सके और न ही आईसी.’

सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार ने भी ऑडियो को ‘फर्जी’ करार दिया है.

उन्होंने कहा, ‘इस तरह की बातचीत कभी नहीं हुई. भाजपा पांचवें दौर के मतदान से पहले लोगों को केवल गुमराह करने की कोशिश कर रही है.’

मालूम हो कि चौथे चरण के मतदान के दौरान 10 अप्रैल को कूच बिहार जिले के सीतलकूची क्षेत्र के जोरपाटकी गांव में कथित तौर पर स्थानीय लोगों की तरफ से केंद्रीय बलों पर कथित हमले और उसके बाद जवानों द्वारा की गई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने तब फायरिंग की जब गांववालों ने एक 12 साल के बच्चे पर सीआईएसएफ जवानों द्वारा हमले की अफवाह के बाद उन्हें घेर लिया था.

इस घटना से राजनीतिक तूफान आ गया है. केंद्रीय बल का दावा है कि गोली ‘आत्मरक्षा’ में चलाई गई है. वहीं टीएमसी ने इसे मतदाताओं को डराने के लिए सोच-समझकर की गई हत्या बताया है.

ममता बनर्जी ने गोलीबारी को नरसंहार करार दिया था और इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की साजिश बताया था.

बंगाल में आठ चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव के तहत अब तक पांच दौर का मतदान हो चुका है. बाकी चरणों का मतदान 22 से 29 अप्रैल के बीच होगा.

‘ममता के ऑडियो क्लिप’ की जांच करे निर्वाचन आयोग: भाजपा

कोलकाता: भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब से अनुरोध किया कि वो उस कथित ऑडियो क्लिप पर संज्ञान लें– जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कूच बिहार गोलीबारी के पीड़ितों के शवों के साथ रैली का प्रस्ताव देते सुनी जा रही हैं- क्योंकि राज्य में जारी चुनावों के बीच ऐसे किसी कदम से तनाव और बढ़ सकता है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वपन दासगुप्ता ने कोलकाता में सीईओ कार्यालय पहुंचे पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. दासगुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने आफताब को उस बातचीत से अवगत कराया जो संभवत: बनर्जी और सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच हुई और बताया कि इसकी वजह से विधानसभा चुनाव के अगले तीन चरणों में अप्रिय स्थिति बन सकती है.

ताराकेश्वर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार दासगुप्ता ने कहा कि सीईओ से इस मामले को निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष उठाने का भी अनुरोध किया गया है.

उन्होंने दावा किया कि यह ऑडियो टेप किसी उद्देश्य से लीक किया गया था.

दासगुप्ता ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि यह फोन टैपिंग का मामला है.’

दीदी खुद को  संविधान से ऊपर समझती हैं, दो मई के बाद हो जाएंगी भूतपूर्व मुख्यमंत्री: मोदी

आसनसोल/गंगारामपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं और साथ ही दावा किया कि उन्होंने राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाए तथा केंद्रीय बलों और सेना तक को ‘बदनाम’ किया.

नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)
नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

शनिवार को राज्य के छह जिलों की 45 विधानसभा सीटों पर पांचवें चरण के तहत हो रहे मतदान के बीच प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के औद्योगिक शहर आसनसोल और दक्षिण दिनाजपुर के गंगारामपुर में दो रैलियों को संबोधित किया और दावा किया कि दो मई को पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें ‘भूतपूर्व मुख्यमंत्री’ का प्रमाण पत्र देने वाली है.

लाशों पर राजनीति करने को तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष की ‘पुरानी आदत’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने 10 अप्रैल को कूच बिहार जिले के सीतलकूची में हुई हिंसा की घटना का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि उन्होंने लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर राजनीति करने की कोशिश की.

आसनसोल में दिन की पहली रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण सहित अन्य मुद्दों पर बुलाई गई बैठकों में ममता बनर्जी की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया कि ‘दीदी’ अपने अहंकार में इतनी ‘बड़ी’ हो गई हैं कि हर कोई उन्हें अपने आगे ‘छोटा’ दिखता है.

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने अनेक बार अनेक विषयों पर बात करने के लिए बैठकें बुलाई हैं, लेकिन दीदी कोई न कोई कारण बताकर इन बैठकों में नहीं आती हैं. कोरोना वायरस को लेकर बुलाई गई पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आईं.’

उन्होंने कहा कि यही नहीं, नीति आयोग की संचालन परिषद और गंगा की सफाई के लिए बुलाई गई बैठकों में भी वह नहीं आईं.

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्रीय दल जब जांच में सहयोग या फिर भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए राज्य में आते हैं तो उन्हें रोकने के लिए मुख्यमंत्री पूरा जोर लगा देती हैं जबकि अपने तोलाबाजों को कोरोना के दौरान भेजे गए राशन को लूटने की खुली छूट देती हैं.

मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित राजनीतिक हत्या के मामलों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की राजनीति सिर्फ विरोध और गतिरोध तक सीमित नहीं है बल्कि ‘प्रतिशोध की खतरनाक सीमा’ को भी पार कर गई है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कूचबिहार के सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच एक बातचीत का कथित ऑडियो क्लिप का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उन पर लाशों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘दीदी, वोटबैंक के लिए कहां तक जाएंगी आप? सच्चाई ये है कि दीदी ने कूचबिहार में मारे गए लोगों की मृत्यु से भी अपना सियासी फायदा उठाने की सोची. शवों पर राजनीति करने की दीदी को बहुत पुरानी आदत है.’

प्रधानमंत्री ने दावा किया, ‘दो मई को पश्चिम बंगाल की जनता दीदी को एक प्रमाण पत्र देने वाली है और वह है भूतपूर्व मुख्यमंत्री का. दीदी, इस प्रमाण को लेकर फिर घूमते रहना.’

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि चार चरणों के मतदान के बाद तृणमूल कांग्रेस टूट चुकी है और आठवें चरण का मतदान होते-होते मुख्यमंत्री बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी गायब हो जाएंगे.

आसनसोल में 26 अप्रैल को सातवें चरण के तहत मतदान होना है.

ज्ञात हो कि ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक तृणमूल कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. सत्ता की हैट्रिक के लिए तृणमूल कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है और भाजपा उसके समक्ष कठिन चुनौती पेश कर रही है.

आयुष्मान भारत और किसान सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू ना करने के लिए ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि ‘दीदी’ ने बीते दस सालों में विकास के नाम पर जनता के साथ सिर्फ विश्वासघात किया है.

गंगारामपुर की रैली में भी ममता बनर्जी ही प्रधानमंत्री के निशाने पर रहीं. उन्होंने मुख्यमंत्री पर राज्य के युवाओं और युवतियों की आकांक्षाओं का दमन करने का आरोप लगाया और कहा कि भतीजे का भविष्य बनाने के लिए बंगाल के लाखों युवाओं का भविष्य दांव पर लगा दिया.

बंगाल चुनाव के पांचवें चरण में हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं

बर्दवान/सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए शनिवार को जिन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है वहां से हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

उन्होंने बताया कि अपराह्न तीन बजे तक 1.13 करोड़ मतदाताओं में से करीब 69.40 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे.

दक्षिण बंगाल में उत्तर 24 परगना, पूर्व वर्धमान और नादिया तथा उत्तर बंगाल में जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों की 45 सीटों पर मतदान हुए.

मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कर्मी हालात पर कड़ी नजर रखे हैं और कुछ घटनाएं सामने आईं, जिन्हें संभाल लिया गया.

उत्तर 24 परगना जिले के देगांगा विधानसभा क्षेत्र के कुरुलगाचा इलाके में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एक मतदान केंद्र के नजदीक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए केंद्रीय बलों को गोलियां चलानी पड़ीं. बहरहाल, केंद्रीय बलों ने आरोपों से इनकार किया.

बिधाननगर के शांतिनगर क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हो गई और दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मतदाताओं को मतदान के लिए जाने से रोकने का आरोप लगाए.

अधिकारियों ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने ईंट और पत्थर फेंके जिसमें आठ लोग घायल हो गए. उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी घटनास्थल पर भेजी गई.

बारानगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार और अभिनेत्री पर्णो मित्रा का टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उस समय घेराव किया जब वह क्षेत्र का भ्रमण कर रही थीं.

टीएमसी ने आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि मतदान के दिन वह मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रही थीं.

मित्रा ने आरोप लगाए कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदतमीजी की जिसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत की.

सिलीगुड़ी में मतदान केंद्र के बाहर तृणमूल और माकपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. नादिया जिले के शांतिपुर क्षेत्र में तृणमूल की ओर से आरोप लगाया गया कि केंद्रीय बलों के एक कर्मी ने मतदाताओं को वापस जाने के लिए कहा.

तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाए कि भाजपा ने बर्दमान उत्तर विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र पर कब्जा कर लिया. विपक्षी दल ने आरोपों से इनकार किया जबकि चुनाव अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है.

उत्तर 24 परगना के बीजापुर में विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि मतदाताओं को मतदान केंद्र पर जाने नहीं दिया जा रहा है जिसके बाद तृणमूल और भाजपा समर्थकों में झड़प हुई.

भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि उसी जिले में मिनखा निर्वाचन क्षेत्र में उसके कुछ बूथ एजेंटों को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने अगवा कर लिया.

तृणमूल की ओर से कहा गया कि भाजपा के पास सभी बूथों पर तैनात करने के लिए पर्याप्त संख्या में एजेंट नहीं हैं, इसलिए इस प्रकार का निराधार आरोप लगाया जा रहा है.

ग्यासपुर विधानसभा क्षेत्र में वोट डालकर लौट रहे भाजपा के एक कार्यकर्ता पर कथित टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बम से हमला किया जिसमें वह जख्मी हो गया. राज्य में सत्तारूढ़ दल ने आरोपों से इनकार किया, जबकि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों को इलाके में भेजा गया है.

छह जिलों के 15,789 मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ जो शाम साढ़े छह बजे तक जारी रहा. इस चरण में चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की 853 कंपनियों को तैनात किया है.

भाजपा ही घुसपैठ को रोक सकती है, ममता फर्जी धर्मनिरपेक्षता का पालन करती हैं: शाह

चपरा: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आश्वासन दिया कि यदि भाजपा बंगाल में सत्ता में आती है तो घुसपैठ की समस्या खत्म हो जाएगी.

अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)
अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

शाह ने जोर देकर कहा, ‘न केवल लोग बल्कि परिंदे भी (भारत-बांग्लादेश) सीमा से देश में दाखिल नहीं हो सकेंगे.’

बांग्लादेश सीमा से लगने वाले नदिया जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं चाहतीं कि भारत में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता मिले, लिहाजा वह नए कानून का विरोध कर रही हैं.

शाह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री की नजरें उनके वोटबैंक पर हैं और वह ‘फर्जी धर्मनिरपेक्षता’ का पालन करती हैं.

उन्होंने कहा, ‘इस इलाके में घुसपैठ बड़ी समस्या है. कई जगहों पर फर्जी नोट मिलते रहते हैं. केवल भाजपा ही घुसपैठ को रोक पाएगी. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि यदि भाजपा दो मई को सत्ता में आएगी, तो केवल लोग ही नहीं बल्कि एक परिंदा भी उड़कर सीमा के उस पार से इस पार नहीं आ सकेगा.’

निर्वाचन आयोग ने जांगीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव स्थगित किया

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग (ईसी) ने पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के उम्मीदवार प्रदीप कुमार नंदी के निधन के बाद शनिवार को जांगीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया.

जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत किसी भी मान्यता प्राप्त दल के प्रत्याशी के निधन की स्थिति में चुनाव स्थगित कर दिया जाता है, ताकि वह दल नया प्रत्याशी तय कर सके.

नए उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने का मौका मिलता है. उसके नामांकन पत्रों की जांच की जाती है और उसे नाम वापस लेने का भी अवसर मिलता है.

आयोग के प्रवक्ता ने कहा, ‘मुर्शिदाबाद जिले में 58 जांगीपुर विधानसभा क्षेत्र में 26 अप्रैल को होने वाला मतदान आरएसपी उम्मीदवार के निधन के कारण स्थगित कर दिया गया है. ’

अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग आने वाले दिनों में इस सीट के लिए नया मतदान कार्यक्रम घोषित करेगा.

आरएसपी उम्मीदवार प्रदीप कुमार नंदी का शुक्रवार को ब्रह्मपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह चार दिन पहले कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे. वह 73 साल के थे.

नंदी वर्तमान पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुर्शिदाबाद जिले की जांगीपुर विधानसभा क्षेत्र से आरएसपी के प्रत्याशी थे.

नंदी से पहले कोविड-19 से संक्रमित मुर्शिदाबाद जिले के ही शमशेरगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार रेज़ाउल हक़ निधन हो गया था. यहां भी फिर से चुनाव कराए जाएंगे.

निर्वाचन आयोग ने टीएमसी नेता सुजाता मंडल खान को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने तृणमूल कांग्रेस की नेता सुजाता मंडल खान को अनुसूचित जाति को लेकर उनकी कथित टिप्पणी के लिए शुक्रवार को नोटिस जारी किया और उन्हें अपना पक्ष रखने के वास्ते 24 घंटे का समय दिया.

सुजाता मंडल खान. (फोटो साभार: फेसबुक)
सुजाता मंडल खान. (फोटो साभार: फेसबुक)

नोटिस में कहा गया है कि उन्हें यह भी बताना चाहिए कि ‘स्टार प्रचारक’ के रूप में उनका दर्जा वापस क्यों नहीं लिया जाना चाहिए.

इसमें कहा गया है कि भाजपा ने खान के खिलाफ एक शिकायत लेकर निर्वाचन आयोग का रुख किया था.

नोटिस में जिक्र किए गए उनके बयान के एक हिस्से के अनुसार तृणमूल कांग्रेस की नेता ने कथित तौर पर कहा था, ‘जैसा कि अनुसूचित जाति के परिवारों में संसाधनों की कमी है, ममता बंद्योपाध्याय ने चाहे जितनी भी उनकी मदद की है, उनकी किल्लत दूर नहीं होगी.’

खान के बयान के अनुसार, ‘जैसा कि कहा जाता है, कुछ वास्तव में भिखारी हैं और अन्य स्वभाव से भिखारी हैं. यहां अनुसूचित जाति के लोग स्वभाव से भिखारी हैं और ममता बंद्योपाध्याय (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) द्वारा उनकी इतनी मदद किए जाने के बावजूद मामूली रकम के लिए वे भाजपा के हाथों बिक गए हैं और अब हम पर अत्याचार कर रहे हैं.’

नोटिस में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने उनकी टिप्पणी को आचार संहिता और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन के रूप में पाया है.

चुनावों के दौरान 1,000 करोड़ रुपये की नकदी, शराब और दूसरी वस्तुएं जब्त: चुनाव आयोग

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों और कुछ सीटों पर उपचुनावों के दौरान 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी, शराब और दूसरी चीजें बरामद की गईं जिनका इस्तेमाल मतदाताओं को लालच देने के लिए होना था.

यह राशि 2016 में हुए चुनावों के दौरान की गई जब्ती की तुलना में चार गुना से अधिक है.

आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में सबसे अधिक 446.28 करोड़ रुपये जब्त किए गए. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 300.11 करोड़ रुपये जब्त किए गए. तमिलनाडु में मतदान संपन्न हो चुका है, जबकि पश्चिम बंगाल में अभी तीन चरणों का मतदान शेष है.

आगे के चरणों के मतदान के संपन्न होने के बाद आयोग की रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

असम, केरल और पुदुचेरी में मतदान संपन्न हो चुका है.

कानून के मुताबिक, चुनाव प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के मकसद से नकद और उपहार देने की मनाही है और ऐसे खर्च को ‘रिश्वत’ की श्रेणी में गिना जाता है. ऐसी स्थिति में जन प्रतिनिधित्व कानून और भारतीय दंड संहिता की धारा 171बी के तहत अपराध का मामला बनता है.

भाजपा शेष चरणों के चुनाव एक साथ कराए जाने के खिलाफ

कोलकाता: भाजपा ने शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी की कोविड-19 स्थिति पर हुई सर्वदलीय बैठक में कहा कि वह पश्चिम बंगाल में शेष चरणों के चुनाव एक साथ कराए जाने के खिलाफ है, क्योंकि ऐसा करने से जिन सीटों पर चुनाव अभी होना है, वहां के मतदाताओं एवं उम्मीदवारों को नुकसान होगा.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

बैठक में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा नेता स्वप्न दासगुप्ता ने कहा कि पार्टी ऐसा कोई कदम नहीं चाहती जिससे ‘लोकतांत्रिक उत्साह’ प्रभावित हों.

दासगुप्ता ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने कहा कि हमारी पार्टी कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन करेगी और अपील की कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाए, जिससे अगले चरण में मतदान करने वाले लोगों से भेदभाव हो.’

उन्होंने कहा, ‘हमने चुनाव एक साथ कराने (शेष चरणों के) पर कुछ नहीं कहा. हमारा मानना है कि चुनाव आठ चरणों में होंगे.’

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और इस कारण होने वाली मौतों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार नहीं रोका जा सकता है और आश्चर्य जताया कि उम्मीदवारों और मतदाताओं के अधिकार किस तरह से छीने जा सकते हैं.

दासगुप्ता ने कहा कि शेष चरणों के लिए डिजिटल चुनावी सभाएं संभव नहीं हैं, क्योंकि आठ चरणों में से आधे बीत चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘समान अवसर दिया जाना चाहिए. हमने निर्वाचन आयोग को सलाह दी है कि ठोस लोकतांत्रिक संस्कृति एवं सुरक्षा मानकों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है.’

भाजपा नेता ने कहा, ‘यह निर्वाचन आयोग पर निर्भर करता है कि वह बताए कि राजनीतिक दलों को क्या करना है. हमने चुनाव आयोग को आश्वासन दिया है कि सभी परिस्थितियों में उसने जो मानक तय कर दिए हैं, भाजपा उनका पूरी तरह पालन करेगी.’’

उन्होंने कहा कि भगवा दल अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को जनसभाओं में मास्क देगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल बना रहे.

बहरहाल पश्चिम बंगाल में बचे हुए चरणों के मतदान कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा.

शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब ने सभी राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक में बचे हुए चरणों के लिए मास्क लगाने और दो गज की दूरी का पालन करने सहित कोविड-19 से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने को कहा है.

अधिकारी ने बताया, ‘यह बैठक चुनावी कार्यक्रम में बदलाव के लिए नहीं बुलायी गई थी. हालांकि, हमें एक राजनीतिक दल की ओर से ऐसा अनुरोध प्राप्त हुआ था. बचे हुए तीन चरणों के मतदान के कार्यक्रम में बदलाव का कोई फैसला नहीं किया गया है.’

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पिछले दिनों शेष चरणों के लिए मतदान एक ही बार में कराने का सुझाव दिये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब के साथ एक बैठक में अंतिम तीन चरणों के मतदान एकसाथ कराने की मांग की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)