दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे मामले को लेकर की, जहां तत्काल सुनवाई का आवेदन दायर किया गया था, जबकि ऐसी सुनवाई की ज़रूरत नहीं थी. अदालत ने कहा कि कई जज और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हैं, ऐसे में वकीलों को आवेदन दायर करते समय और अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है.
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय की एक न्यायाधीश ने शुक्रवार को कहा कि उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों और कर्मचारियों के कोविड-19 की चपेट में होने के मद्देनजर वकीलों को मौजूदा स्थिति में आवेदनों को दायर करते समय और अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है.
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि जब किसी मामले को तुरंत सुने जाने की जरूरत नहीं है तो ऐसे में वकीलों द्वारा आवेदनों को तत्काल सुनवाई के लिए दायर करना न्यायाधीशों या रजिस्ट्री कर्मचारियों के लिए उचित नहीं है.
न्यायाधीश ने कहा, ‘कृपया न्यायाधीशों और उच्च न्यायालय के कर्मचारियों के प्रति थोड़ा और अधिक संवेदनशील बनें जो मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं और कई तो कोविड-19 से संक्रमित हैं.’
न्यायाधीश ने यह टिप्पणी उस मामले की सुनवाई के दौरान की, जिसमें तत्काल सुनवाई के लिए एक आवेदन दायर किया गया था, हालांकि इसमें ऐसा कुछ नहीं था कि इस पर जल्द सुनवाई की जाए.
अमर उजाला के मुताबिक, बीते 12 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट के तीन जज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और कुछ अन्य में भी संदिग्ध लक्षण पाए गए थे. उसके बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी अपना कार्यालय 20 अप्रैल तक बंद कर दिया.
हाईकोर्ट ने कोरोना के संक्रमण बढ़ने के बाद फिजिकल सुनवाई बंद कर 24 अप्रैल तक विडियों कांफ्रेंसिंग सिस्टम से ही सुनवाई करने का निर्णय लिया था.
बता दें कि राजधानी दिल्ली में लगातार कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. शुक्रवार को करीब 20 हजार कोरोना के नए मामले सामने आए थे. एक दिन में 19,486 नए मामले सामने आए, जो एक दिन में सामने आने वाले मामलों में अब तक का सर्वाधिक है. वहीं इस दौरान 141 मरीजों की मौत हुई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)