कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को चुनाव से जोड़ना सही नहीं: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर उन्हीं राज्यों में देखी जा रही है, जहां चुनाव नहीं है. शाह ने कोरोना टीकों की कमी से इनकार किया है.

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अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर उन्हीं राज्यों में देखी जा रही है, जहां चुनाव नहीं है. शाह ने कोरोना टीकों की कमी से इनकार किया है.

अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)
अमित शाह. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी उन्हीं राज्यों में है, जहां चुनाव नहीं हो रहा है, इसलिए संक्रमण में बढ़ोतरी को चुनाव से जोड़ना सही नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शाह ने बीते शुक्रवार को कहा कि ‘अभी जल्दबादी में लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है.’ उन्होंने दावा कि सरकार पूरी ताकत से इस लड़ाई को लड़ रही है और वे जीतेंगे.

अमित शाह ने कहा, ‘देखिए महाराष्ट्र में चुनाव है क्या? उधर 60,000 केस हैं, इधर 4,000 हैं. महाराष्ट्र के लिए भी मुझे अनुकंपा है. और इसके लिए अनुकंपा है. इसको चुनाव के साथ जोड़ना ठीक नहीं है. जिन-जिन राज्यों में चुनाव हुआ? जहां चुनाव नहीं हुआ है, उधर ज्यादा बढ़े. अब आप क्या कहेंगे?’

ये पूछे जाने पर कि पहली लहर के विपरीत इस बार केंद्र बहुत गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है, शाह ने कहा, ‘ये सही नहीं है. मुख्यमंत्रियों के साथ दो बैठकें हुई थी और मैं भी वहां मौजूद था. टीकाकरण को लेकर वैज्ञानिकों के साथ विचार-विमर्श हुआ है, पूरी ताकत के साथ इसके खिलाफ लड़ाई चल रही है.’

कोरोना टीकों की कमी को लेकर राज्यों द्वारा की गईं शिकायतों के संबंध में गृह मंत्री ने कहा, ‘हमारा टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में सबसे तेज है. पहले 10 दिनों में दुनिया में सबसे ज्यादा टीका भारत में लगा था. पहली डोज मिलने के बाद इसमें गैप आएगा ही, क्योंकि दूसरी डोज लगने में समय लगता है और इसे तेज नहीं किया जा सकता है. मैं इससे सहमत नहीं हूं कि टीके की कमी है.’

अमित शाह ने कहा कि उनका मानना है कि कोरोना की ये दूसरी लहर वायरस के नये रूप की वजह से है. उन्होंने कहा, ‘दुनियाभर में इस तरह की लहर देखी जा रही है. वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे हैं, अभी इस पर कुछ भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी.’

मालूम हो कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि और रोजाना हजारों मौत के बाद पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनावी रैलियों पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

सभी पार्टियों की नेताओं से गुजारिश की जा रही है कि वे वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक रैलियों को रद्द करें.

वहीं चुनाव आयोग ने भी पश्चिम बंगाल में बाकी बचे चरणों को समेटते हुए एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग को खारिज कर दिया है. आयोग ने सिर्फ शाम सात से सुबह 10 बजे के बीच रैलियों-सभाओं पर प्रतिबंध लगाया है.

इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 संकट के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में अपनी सभी रैलियों को रद्द कर दिया है और अन्य राजनीतिक दलों को भी इस बारे में सोचने के लिए कहा है.