कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे है. ऑक्सीजन की कमी की भी ख़बरें आ रही हैं. साथ ही कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर करने के आरोप भी योगी सरकार पर लग रहे हैं.
लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पूरी तरह से अपनी चपेट में लिया है. राजधानी की हालात नियंत्रण से बाहर होते नजर आ रहे हैं.
महामारी की वजह से अस्पतालों में जहां गंभीर रूप से पीड़ितों को बिस्तर और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, वहीं श्मशान घाटों, शवदाह गृहों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है.
राजधानी लखनऊ के अस्पतालों के बिस्तरों की कमी के कारण 65 वर्षीय एक महिला के परिवार को उचित इलाज की प्रतीक्षा है.
बीमार महिला के पौत्र ने बीते शनिवार को बताया कि मेरी दादी को भर्ती नहीं किया जा सका क्योंकि लखनऊ के अस्पतालों में बिस्तर खाली नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के बावजूद कोई आश्वासन नहीं मिला. ऑक्सीजन का स्तर जो 66 पर था, अब घटकर 40 के करीब पहुंच गया है.’
उन्होंने बताया कि उनके एक रिश्तेदार का भी ऑक्सीजन स्तर 65 पहुंच गया है, लेकिन उनका भी इलाज शुरू नहीं किया जा सका है. इसके अलावा शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति को लेकर भी संकट बना हुआ है.
राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, लखनऊ के निदेशक डॉक्टर एके सिंह से जब संपर्क किया गया उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हमें एक दिन में 300 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है और एक समय में 45 सिलेंडर उपयोग में होते हैं, जिनमें से अधिकांश की खपत वेंटिलेटर इकाइयों में होती है.’
उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि हमारे पास 150 खाली सिलेंडर हैं और हमने इसके लिए राज्य सरकार के समक्ष अपनी बात रखी है.
इसके बाद उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी लखनऊ में हर तरफ से ऑक्सीजन और अस्पताल में बिस्तरों की कमी, रेमडेसिविर और फेबिफ्लू जैसी दवाओं की कालाबाजारी और निजी प्रयोगशालाओं द्वारा आरटीपीसीआर जांच से इनकार करने की खबरें आ रही हैं.
प्रदेश के सबसे बड़े कोविड चिकित्सा संस्थान किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के स्टाफ ने बताया कि वहां बिस्तरों की कमी है और अधिकांश मरीजों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है.
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के रजिस्ट्रेशन काउंटर के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में एक बिस्तर के लिए तकरीबन 50 मरीज लाइन में हैं.
केजीएमयू के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने बताया अस्पताल प्रशासन कोविड बिस्तरों की संख्या 520 से बढ़ाकर 3,000 बिस्तर 19 अप्रैल तक कर पाएगा.
15 अप्रैल की सुबह एक रिटायर जिला जज अभिषेक प्रकाश की 64 वर्षीय पत्नी की मौत हो गई. 13 अप्रैल को उनके कोरोना से संक्रमित होने का पता चलता है.
जज के द्वारा लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें वो कह रहे हैं, ‘कल (13 अप्रैल) सुबह से मैंने दिए गए नंबरों पर प्रशासन को कई बार फोन लगाया, लेकिन न तो कोई दवा देने आया और न ही अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई. प्रशासन की ढिलाई के कारण मेरी पत्नी की मौत हो गई. वर्तमान में अंतिम संस्कार के लिए कोई नहीं है. कृपया मेरी मदद करें.’
शवदाह गृहों और कब्रिस्तानों में दबाव बढ़ा
लखनऊ के विभिन्न शवदाह गृहों और कब्रिस्तानों पर कोविड-19 से मौत के मामले बढ़ने की वजह से दबाव बढ़ गया. इतना ही नहीं परिजनों को अपनों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ नगर निगम के आयुक्त अजय द्विवेदी ने एक शवदाह गृह का दौरा के दौरान शुक्रवार शाम को कहा था, ‘बीते दो हफ्ते से रोजाना हमें तकरीबन 50 शव मिल रहे हैं. इससे पहले हम सामान्य दिनों में 10 से 15 शवों का अंतिम संस्कार करते थे. कोविड-19 मरीजों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए हमने उचित और सुरक्षित प्रबंध किए हैं.’
राजधानी के ऐशबाग कब्रिस्तान के एक अधिकारी ने शुक्रवार बताया कि एक अप्रैल से वहां पर 328 लाशों को दफन किया गया है. इनमें से 24 लोगों की मौत कोविड की वजह हुई थी.
कब्रिस्तान में दफनाने का काम देखने वाले अब्दुल मतीन ने बताया, ‘पहले यहां एक दिन में पांच से छह लाशें लाई जाती थीं. अब यहां रोजाना 25 से 40 लाशें आ रही हैं. बीते 15 अप्रैल को कुल 39 लाशों को दफनाया गया. 16 अप्रैल को शाम पांच बजे तक 28 लोगों की लाशें दफनाई गईं.’
कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों में हेराफेरी का आरोप
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कोविड 19 से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर करने का भी आरोप लगा है. राजधानी लखनऊ से भी कोरोना मौतों के आंकड़े गलत बताने का मामला सामने आया था.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने कहा था सात से 13 अप्रैल के बीच यानी कि सात दिनों में शहर में कोरोना से 124 मौते हुई हैं.
हालांकि शमशान घाटों के आंकड़े दर्शाते हैं कि इसी दौरान यहां पर 400 से अधिक कोरोना शवों को जलाया गया था. इस तरह सरकारी कोरोना बुलेटिन में 276 कम कोरोना मौतों का रिकॉर्ड दर्ज था.
इसे लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा था कि सरकार ने जो आंकड़ा पेश किया है वो सिर्फ यहां के अस्पतालों में एडमिट हुए या सीएमओ के यहां रजिस्टर कराए गए लोगों का आंकड़ा है. श्मशान घाट पर ऐसे लोग भी पहुंचते हैं जो दूसरे जिलों/प्रदेशों से आए होते हैं.
बीते 14 अप्रैल को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कोरोना महामारी से जुड़े आंकड़े छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर सरकार पहले दिन से ही सचेत रहती तो शायद आज यह दिन नहीं देखने पड़ते.
उन्होंने कहा था, ‘उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे ज्यादा विस्फोटक होने की कगार पर है, जबकि राज्य सरकार लगातार आंकड़े छुपा रही है. अगर सरकार कोरोना महामारी के पहले दिन से ही सचेत रही होती तो शायद आज इस तरह के दिन नहीं देखने पड़ते. इस महामारी में पहले ही दिन से बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था करने के बजाय सरकार ने संक्रमण के आंकड़े और मौतों की संख्या को लगातार छुपाया है.’
उप्र की सरकार से एक निवेदन है:
अपना समय, संसाधन और ऊर्जा इस त्रासदी को छुपाने, दबाने में लगाना व्यर्थ है। महामारी को रोकने, लोगों की जान बचाने, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाइए। यही वक्त की पुकार है। pic.twitter.com/xwKrfyav4o
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 15, 2021
इसके बाद 15 अप्रैल को लखनऊ के एक श्मशान घाट का वीडियो साझा करते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था, ‘उत्तर प्रदेश की सरकार से एक निवेदन है कि अपना समय, संसाधन और ऊर्जा इस त्रासदी को छिपाने, दबाने में लगाना व्यर्थ है. महामारी को नियंत्रित करने, लोगों की जान बचाने, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाइए. यही वक्त की पुकार है.’
सोशल मीडिया मदद की गुहार लगाने वालों की पोस्ट से भरा
आलम यह है कि सोशल मीडिया अस्पताल में बिस्तर दिलाने और दवाएं दिलवाने में मदद करने संबंधी पोस्ट से भर गया है.
रविवार को ट्विटर डॉ. वीके शर्मा लिखते हैं, ‘प्लाज्मा की कमी हो रही है, लिहाजा अपील है कि जो भी कोविड से स्वस्थ हुए हैं, वे कृपया प्लाज्मा डोनेट करें. आपका योगदान किसी का जीवन बचा सकता है. कृपया सहयोग करें. पता- ब्लड बैंक,राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ.’
प्लाज्मा की कमी हो रही है, लिहाजा अपील है कि जो भी कोविड से स्वस्थ हुए हैं, वे कृपया प्लाज्मा डोनेट करें,आपका योगदान किसी का जीवन बचा सकता है,कृपया सहयोग करें।
पता -ब्लड बैंक,राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, (Contact No 8765676939/8765677008)— Dr V K Sharma (@DrVKSharma1) April 18, 2021
संजय ब्राह्मण नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘राममनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ के बाहर पड़े हैं परिजन. बिना कोविड टेस्ट के इलाज नहीं और कोविड टेस्ट की रिपोर्ट दो दिन बाद मिलनी है. ईश्वर मदद करें.’
राममनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ के बाहर पड़े हैं परिजन,बिना कोविड टेस्ट के इलाज नहीं और कोविड टेस्ट की रिपोर्ट दो दिन बाद मिलनी है,,ईश्वर मदद करें
Mob 7897910567,, https://t.co/P1ueUaRPPP— संजय कृष्ण (@SanjayKrishnaM8) April 18, 2021
विवेक वर्मा लिखते हैं, ‘चिनहट लखनऊ में मेरे 65 वर्षीय रिश्तेदार का ऑक्सीजन लेवल 80 से नीचे पहुंच गया है. तत्काल ऑक्सीजन की आवश्यकता है कृपया तत्काल मदद करें.’
@myogioffice @rajnathsingh @shalabhmani @swatantrabjp @drdineshbjp @AdminLKO @GopalJi_Tandon @Uppolice @lkopolice
चिनहट लखनऊ में मेरे 65 वर्षीय रिश्तेदार का ऑक्सीजन लेवल 80 से नीचे पहुंच गया है तत्काल ऑक्सीजन की आवश्यकता है कृपया तत्काल मदद करें। संपर्क सूत्र- 8896068928
— Vivek Kumar Verma (@VivekVe27506563) April 18, 2021
cool 08 नाम के यूजर लिखते हैं, ‘सांस की कीमत अदा की जा रही है शहर में. पूरा शहर वेंटिलेटर पर है. हर तरफ सांस चलने की जिद्दोजहद जारी है. जी हां ये आपका हमारा, हम सबका लखनऊ है, जहां टॉफी बिस्किट की तरह ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदे जा रहे हैं. एक सिलिंडर की सिक्योरिटी फीस 12 से 14000 है.’
#YogiAdityanath
सांस की कीमत अदा की जा रही है शहर में, पूरा शहर विण्टीलेटर पर है, हर तरफ सांस चलने की जिद्दोजहद जारी है..जी हां ये आपका हमारा, हम सबका लखनऊ है, जहां टॉफी बिस्किट की तरह ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदे जा रहे हैं
एक सिलिंडर की सिक्योरिटी फ़ीस 12 से 14000 है pic.twitter.com/iMctyzZROm— JAI SHRI RAM (@pandeyhr010) April 18, 2021
रविवार को प्रांजल दीक्षित लिखते हैं, ‘लखनऊ में एक महिला नीतू श्रीवास्तव की कोरोना से मौत हो गई है. पति आईसीयू में क्रिटिकल हैं. घर पर दो बच्चे ही हैं. अस्पताल कह रहा है शव ले जाइए. बच्चे कैसे ले आएं शव.’
लखनऊ में एक महिला नीतू श्रीवास्तव की कोरोना से मौत हो गई है. पति ICU में क्रिटिकल हैं. घर पर दो बच्चे ही हैं. अस्पताल कह रहा है शव ले जाइए. बच्चे कैसे ले आएं शव
Add: 3/130 Vishal khand, Gomti nagar
Mob no. 7905172404 (mintu)@CMOfficeUP @AdminLKO @112UttarPradesh @nadeemwrites— 🇮🇳 Pranjal Dixit 🇮🇳 (@Pranjal_nbt) April 18, 2021
रत्नी सिंह लिखती हैं, ‘ये घटना लोकबंधु हॉस्पिटल लखनऊ की है. प्रधानमंत्री जी आप इस वीडियो को देखें और यहां के डॉक्टर मरीज के साथ क्या बर्ताव कर रहे हैं अच्छे भले इंसान को मौत मिल रही हैं क्यों? क्या यही आपका सिस्टम है. शर्म आती हैं हम युवाओं को जो आपको प्रधानमंत्री चुना और योगी को मुख्यमंत्री.’
ये घटना लोकबंधु हॉस्पिटल लखनऊ की है प्रधानमंत्री जी आप इस वीडियो को देखें और यहां के डॉक्टर मरीज के साथ क्या बर्ताव कर रहे हैं अच्छे भले इंसान को मौत मिल रही हैं क्यों ? क्या यही आपका सिस्टम है । शर्म आती हैं हम युवाओं को जो आपको प्रधानमंत्री चुना और योगी को मुख्यमंत्री । pic.twitter.com/Yv4l1z2BDL
— R Singh (@RatnaSi98544179) April 18, 2021
विपक्ष ने योगी पर साधा निशाना, भाजपा नेताओं ने भी की अपील
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीते 13 अप्रैल को ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा पीटने का आरोप लगाया था.
यादव ने अपने ट्वीट में कहा था, ‘उत्तर प्रदेश में कोरोना से जो हाहाकार मचा है उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा. टीका, टेस्ट, डॉक्टर, बेड, एंबुलेंस की कमी, टेस्ट रिपोर्ट में देरी व दवाई की कालाबाजारी पर भाजपा सरकार चुप क्यों है? स्टार प्रचारक कहां हैं?’
उप्र में कोरोना से जो हाहाकार मचा है उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा।
टीका, टेस्ट, डॉक्टर, बेड, एंबुलेंस की कमी; टेस्ट रिपोर्ट में देरी व दवाई की कालाबाज़ारी पर भाजपा सरकार चुप क्यों है।
स्टार प्रचारक कहाँ हैं? pic.twitter.com/sVsmULM6g0
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 13, 2021
इस बीच सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का एक गोपनीय पत्र वायरल हुआ, जिसने अव्यवस्था की पोल खोल दी.
गत दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य महकमे के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं की चिंताजनक स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि अगर परिस्थितियों को शीघ्र नियंत्रित नहीं किया गया तो कोविड-19 की रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है.
उधर, समाजवादी पार्टी ने मंत्री के पत्र बहाने कोरोना प्रबंधन में अव्यवस्था के लिए पूरी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का बीते 12 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजा गया कथित पत्र 13 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
इस पत्र के भेजे जाने के बारे में जब पाठक से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, ‘मैंने एक गोपनीय पत्र भेजा है.’
हालांकि उन्होंने पत्र में क्या लिखा है, इस बारे कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. पाठक ने पत्र लिखने की बात से इनकार नहीं किया, इसे लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ नीत सरकार मुश्किल में आ गई है.
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘अत्यंत कष्ट के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि वर्तमान समय में लखनऊ जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है. विगत एक सप्ताह से हमारे पास पूरे लखनऊ जनपद से सैकड़ों फोन आ रहे हैं, जिनको हम समुचित इलाज नहीं दे पा रहे हैं.’
पत्र में लिखा है, ‘मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में फोन करने पर बहुधा फोन का उत्तर नहीं मिलता. इसकी शिकायत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से और अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य से करने के उपरान्त फोन तो उठता है, किन्तु सकारात्मक कार्य नहीं होता.’
उन्होंने आगे लिखा है कि मरीज की जांच रिपोर्ट मिलने में चार से सात दिन का समय लग रहा है, एंबुलेंस नहीं मिल रही है.
ब्रजेश पाठक के अलावा 15 अप्रैल को पंचायत चुनाव के दो दिन पहले 13 अप्रैल को लखनऊ की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सांसद कौशल किशोर ने अपील की है कि लखनऊ में पंचायत चुनाव को एक महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए.
इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत के चुनाव को लखनऊ में निर्धारित मतदान की तिथि से 1 महीना आगे बढ़ा देना चाहिए, जान बचाना जरूरी है चुनाव कराना जरूरी नहीं है।@narendramodi @PMOIndia @AmitShah @ECISVEEP @myogiadityanath @CMOfficeUP @AwasthiAwanishK @ANINewsUP
— Kaushal Kishore (@mp_kaushal) April 13, 2021
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘निर्वाचन आयोग से मेरी अपील है लखनऊ में कोविड नियंत्रण से बाहर है, लखनऊ में कई हजार परिवार करोना की चपेट में बुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं, श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं. चुनाव जरूरी नहीं है लेकिन लोगों की जान बचाना जरूरी है, इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत के चुनाव को लखनऊ में निर्धारित मतदान की तिथि से एक महीना आगे बढ़ा देना चाहिए, जान बचाना जरूरी है चुनाव कराना जरूरी नहीं है.’
कोरोना वायरस से सर्वाधिक 129 की मौत, 30,596 नए मरीज मिले
उत्तर प्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस से एक दिन में अब तक सर्वाधिक 129 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30,596 नए मामले सामने आए.
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से 30,596 और लोग संक्रमित पाए गए, जिससे संक्रमण का कुल आंकड़ा 851,620 हो गया है.
उन्होंने बताया कि 129 और मरीजों की मौत होने के साथ ही अब तक कुल 9,830 लोग इस वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं.
प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 9,041 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद घर भेजा जा चुका है. प्रसाद के मुताबिक अब तक कुल 650,333 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ होकर वापस गए हैं.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में इस समय 191,457 मरीज उपचाराधीन हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार को 2.36 लाख से ज्यादा कोरोना के नमूनों का परीक्षण किया गया और अब तक 3.82 करोड़ से ज्यादा कोरोना के नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में कोविड मरीजों के लिए दो-दो सौ बेड बढ़ाये जा रहे हैं. अब तक एक करोड़ सात लाख 13654 कोविड-19 टीका की पहली और दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में राज्य की राजधानी लखनऊ में 5,551 नए मरीज सामने आए, जबकि 22 मरीजों की मौत हो गई. इसी अवधि में वाराणसी में 2,011, कानपुर नगर में 1,839 और इलाहाबाद में 1,711 नए मरीज सामने आए और इलाहाबाद में 15, वाराणसी में 10 और कानपुर नगर में आठ मरीजों की मौत हो गई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ सहित सभी जिलों में कोविड-19 बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश के साथ कहा कि प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप होना चाहिए.
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि किसी भी जीवन रक्षक औषधि तथा गृह एकांतवास में रह रहे मरीजों के मेडिकल किट की दवाओं में कोई कमी न होने पाए.
मुख्यमंत्री ने शनिवार को ऑनलाइन माध्यम से कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को और बेहतर करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे. इस कार्य में डीआरडीओ का सहयोग मिल रहा है.
उन्होंने निर्देश दिए कि इन ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए आज ही स्थल चिह्नित करते हुए युद्धस्तर पर कार्रवाई की जाए. चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस कार्य की निरंतर निगरानी की जाए.
योगी ने कहा कि एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा सीएसआर फंड से लखनऊ में एक डेडिकेटेड कोविड अस्पताल की स्थापना प्रस्तावित की गई है.
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि एचएएल से समन्वय स्थापित करते हुए इस कार्य को प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का कंट्रोल रूम निरंतर कार्यशील रहे एवं ऑक्सीजन आपूर्ति, रेमडेसिविर सहित विभिन्न औषधियों की उपलब्धता पर लगातार नजर रखे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)