देश भर में स्वाइन फ्लू से अब तक 1,094 लोगों की मौत

स्वाइन फ्लू से पिछले साल के मुक़ाबले चार गुना मौतें, महाराष्ट्र और गुजरात टॉप पर, दिल्ली में हुईं 47 मौतें लेकिन सरकार फ़िलहाल सिर्फ़ पांच मौतें बता रही है.

स्वाइन फ्लू से पिछले साल के मुक़ाबले चार गुना मौतें, महाराष्ट्र और गुजरात टॉप पर, दिल्ली में हुईं 47 मौतें लेकिन सरकार फ़िलहाल सिर्फ़ पांच मौतें बता रही है.

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मुंबई में एक क्लासरूम में स्वाइन फ्लू से बचने के लिए मास्क लगाकर पढ़ते बच्चे. (फोटो: पीटीआई)

 

नई दिल्ली: अमेरिका और चीन को पछाड़कर विश्वगुरु बनने निकले भारत में इंसान की क्या कीमत है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि स्वाइन फ्लू, डेंगू, डायरिया जैसी बीमारियों से हजारों मौतें हो रही हैं, बाढ़ से देश भर में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं, लेकिन इन मौतों पर देश भर में हैरत भरी चुप्पी है. देश भर में इस साल के आठ महीनों में अब तक सिर्फ स्वाइन फ्लू से 1000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार देश में इस साल अब तक 1,000 से अधिक लोग स्वाइन फ्लू से मारे गए हैं जो पिछले साल के आंकड़े से चार गुना ज्यादा है.

साथ ही अब तक इस बीमारी के कुल 22,186 मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र में एच1एन1 संक्रमण से सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं. यह संख्या 437 है. इसके बाद गुजरात में सर्वाधिक 269, केरल में 73 और राजस्थान में 69 लोगों ने बीमारी के कारण दम तोड़ा है.

आंकड़े के अनुसार भारत में 20 अगस्त तक बीमारी से कुल 1,094 मौतें हुई हैं और 22,186 मामले सामने आए हैं. जबकि 2016 में यह संख्या क्रमश: 265 और 1,786 थी.

महाराष्ट्र में 20 अगस्त तक एच1एन1 संक्रमण के सबसे ज्यादा 4,245 मामले सामने आए और इसके बाद गुजरात में 3,029, तमिलनाडु में 2,994 और कर्नाटक में 2,956 मामले सामने आए.

आंकड़े के अनुसार केवल अगस्त महीने में देश भर में 342 लोग मारे गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में छह लोग मारे गए थे.

देश में 2009-10 में एच1एन1 इंफ्लूएंजा का सबसे बुरा प्रकोप आया था जब बीमारी से 2,700 से ज्यादा लोग मारे गए थे और करीब 50,000 अन्य प्रभावित हुए थे.

स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाने वाला एच1एन1 इंफ्लूएंजा एक बेहद संक्रामक रोग है और एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है. 2009 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित किया था.

दिल्ली में 47 मौत, आंकड़ों में झोल

राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार के चार अस्पतालों में इस साल अभी तक (22 अगस्त तक) स्वाइन फ्लू से 47 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 22 लोग दिल्ली के थे.

हालांकि, ये आंकड़े राजधानी में केंद्र सरकार के चारों अस्पतालों समेत सभी अस्पतालों से इकट्ठे किए गए दिल्ली सरकार के आंकड़ों से इत्तेफाक नहीं रखते, जिनके अनुसार एच1एन1 वायरस से शहर में अभी तक पांच लोगों की मौत हुई है जिनमें से दो दिल्ली के हैं.

राम मनोहर लोहिया आरएमएल, एम्स, सफदरजंग अस्पतालों से इस साल अब तक स्वाइन फ्लू के क्रमश: 95, 45 और 27 पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें से 45 लोगों की मौत हो गई.

एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक एक जुलाई से 16 अगस्त तक केंद्र सरकार के लेडी हार्डिंग अस्पताल में स्वाइन फ्लू के 30 मामलों की पुष्टि हुई है और दो मरीजों की मृत्यु हो गई.

आरएमएल अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार एच1एन1 वायरस से यहां जिन 22 लोगों की मौत हो गई, उनमें से 13 दिल्ली के थे वहीं सात उत्तर प्रदेश से और दो हरियाणा के थे.

एक अधिकारी ने बताया कि आरएमएल अस्पताल में कुल 195 रोगियों को भर्ती कराया गया जिनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण थे. इनमें से 95 को वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि हुई.

एम्स अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि एम्स में स्वाइन फ्लू के 45 मामले दर्ज किए गए जिनमें 12 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में चार दिल्ली के थे.

सफदरजंग अस्पताल में 27 रोगी स्वाइन फ्लू के आए और 11 लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हो गई. मृतकों में पांच दिल्ली के थे.

हालांकि दिल्ली सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल स्वाइन फ्लू से मौत के मामलों की संख्या पांच है जिनमें दो दिल्ली के हैं.

जब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से पूछा गया कि दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से मौत के कई मामले सामने आए हैं तो उन्होंने कहा, हमें अस्पतालों से ये आंकड़े नहीं मिले हैं. जैसे ही वे डाटा भेजेंगे, हम अपनी सूची संशोधित करेंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)