दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित नगर निगमों के पास लगभग 3,127 अस्पताल बिस्तर हैं, लेकिन कोरोना रोगियों के लिए एक भी बिस्तर उपलब्ध नहीं कराया गया है. भाजपा ने दावा किया दिल्ली सरकार नगर निकायों को ज़रूरी अनुमति नहीं दे रही है. इस बीच दिल्ली में 19 अप्रैल की रात से 26 अप्रैल की सुबह तक पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया है.
नई दिल्ली: दिल्ली में नगर निकायों द्वारा संचालित अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर की उपलब्धता को लेकर आप और भाजपा के बीच रविवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला.
आप ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित नगर निगमों के पास दिल्ली में लगभग 3,127 अस्पताल बिस्तर हैं, लेकिन उन्होंने कोविड-19 रोगियों के लिए एक भी बिस्तर उपलब्ध नहीं कराया है, भाजपा ने इस आरोप को खारिज किया और दावा किया दिल्ली सरकार नगर निकायों को जरूरी अनुमति नहीं दे रही है.
आप नेता दुर्गेश पाठक ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह बहुत शर्मनाक है कि ऐसे समय में जब हर नागरिक कोविड-19 रोगियों की मदद कर रहा है, भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) राजनीति करने में व्यस्त हैं.
पाठक ने कहा, ‘एक ओर (अरविंद) केजरीवाल सरकार कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए पूरी कोशिश कर रही है और दूसरी तरफ भाजपा शासित एमसीडी दिल्ली के नागरिकों के साथ विश्वासघात कर रही है. भाजपा शासित एमसीडी के पास दिल्ली में लगभग 3,127 अस्पताल बिस्तर हैं, लेकिन उन्होंने दिल्ली के कोविड-19 रोगियों के लिए एक भी बिस्तर उपलब्ध नहीं कराया है.’
पाठक ने कहा, ‘आप दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता और एमसीडी मेयरों से दिल्ली के नागरिकों के लिए तुरंत कोविड-19 बिस्तर मुहैया कराने के लिए मांग करती है.’
पाठक ने आरोप लगाया कि पिछले 15 सालों से भाजपा शासित एमसीडी ने दिल्ली को लूटा है, लेकिन कम से कम इस तरह के स्वास्थ्य आपातकाल के समय उसे गंदी राजनीति करने के बजाय लोगों के लिए खड़ा होना चाहिए.
आरोपों को खारिज करते हुए दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि एमसीडी पर आरोप लगाने से पहले आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक को अपने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहिए कि क्यों दिल्ली सरकार निकायों को कोविड-19 रोगियों का इलाज करने के लिए उसके अस्पतालों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे रही है.
उन्होंने कहा, ‘आधारहीन आरोप लगाने से पहले दुर्गेश पाठक को पता होना चाहिए कि दिल्ली सरकार के दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की मंजूरी के बाद ही किसी भी अस्पताल को कोविड-19 उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. पिछले हफ्ते ही सभी 3 एमसीडी ने कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए अपने अस्पताल के बुनियादी ढांचे का अधिकतम संभव इस्तेमाल करने के लिए लिखित में पेशकश की थी, लेकिन आज तक केजरीवाल सरकार ने केवल दो प्रस्तावों को ही मंजूरी दी है.’
उन्होंने कहा कि डीडीएमए की मंजूरी के बाद उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने हिंदू राव अस्पताल में 200 बिस्तरों वाला कोविड-19 केंद्र खोला. उन्होंने कहा कि बालक राम अस्पताल के उपयोग के लिए अनुरोध को अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है.
कपूर ने कहा कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने माता गुजरी देवी अस्पताल और पूर्णिमा सेठी अस्पताल को कोविड-19 सुविधाओं के रूप में उपयोग के लिए पेशकश की, लेकिन डीडीएमए ने केवल शनिवार को माता गुजरी देवी अस्पताल के लिए मंजूरी दी, जो अब उपयोग के लिए तैयार है.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने स्वामी दयानंद अस्पताल में एक कोविड-19 केंद्र तैयार किया है और डीडीएमए की अनुमति का इंतजार कर रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली में कोविड-19 के मामला लगातार बढ़ रहे हैं और लोगों से शिकायत मिल रही है कि अस्पतालों में बिस्तरों की कमी है. बीते गुरुवार को ट्विटर पर दिल्ली में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में बिस्तरों की कमी को लेकर कई लोगों ने पोस्ट किए थे.
बता दें कि राजधानी दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच 19 अप्रैल की रात से 26 अप्रैल की सुबह तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है.
ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बीते कुछ दिन से कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या 25,500 के लगभग बनी हुई है, तथा स्वास्थ्य प्रणाली पर भार बहुत बढ़ गया है.
बीते रविवार को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में भाजपा शासित नगर निगमों से अपने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और चिकित्सा ढांचा मजबूत करने का अनुरोध किया था.
उन्होंने कहा था, ‘मैंने सभी तीनों नगर निगमों से अधिक संख्या में बिस्तरों की व्यवस्था करने को कहा है. हम पीपीई किट और ऑक्सीजन मुहैया करने के लिए तैयार हैं, जिसकी जरूरत पड़ेगी. मैं आपसे अधिकतम चिकित्सा बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्यकर्मी तैनात करने का भी अनुरोध करता हूं.’
मुख्यमंत्री ने नगर निकायों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले शवदाह गृहों के प्रबंधन के तौर तरीकों को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया था और उनसे ऐसा करना जारी रखने की उम्मीद जताई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)