वाराणसी: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी का आरोप, इलाज के अभाव में परिजन की मौत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष हाजी अनवर अहमद अंसारी ने कहा कि जब पार्टी के पदाधिकारियों की ही कोई नहीं सुन रहा है, तब आम जनता का क्या हाल होगा? इसके अलावा बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में कथित तौर पर आईसीयू बेड न मिलने से एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष हाजी अनवर अहमद अंसारी ने कहा कि जब पार्टी के पदाधिकारियों की ही कोई नहीं सुन रहा है, तब आम जनता का क्या हाल होगा? इसके अलावा बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में कथित तौर पर आईसीयू बेड न मिलने से एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष हाजी अनवर अहमद अंसारी ने कोरोना वायरस से संक्रमित अपनी एक रिश्तेदार की, कथित तौर पर इलाज के अभाव में मौत हो जाने का आरोप लगाया है.

अनवर अहमद अंसारी ने सोमवार को यह भी दावा किया कि उन्होंने पार्टी के रसूखदार लोगों के साथ ही जिले के आला अधिकारियों से भी चिकित्सीय सहायता के लिए फोन कर गुहार लगाई, परंतु कहीं से भी उनको सहायता नहीं मिली.

अंसारी ने बताया कि उनकी भाभी कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं. उन्होंने बताया कि भाभी के इलाज के लिए अस्पताल में एक बेड उपलब्ध कराने में मदद के वास्ते उन्होंने जिले के आला अधिकारियों से लेकर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों तक को फोन किया, पर सब व्यर्थ रहा.

उन्होंने कहा कि भी कोई उन्हें अस्पताल में एक बेड तक नहीं दिला पाया और इलाज के अभाव में उनकी भाभी ने दम तोड़ दिया.

अंसारी के अनुसार, उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिलाधिकारी से लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष और क्षेत्रीय अध्यक्ष तक को फोन किया, लेकिन सभी ने अस्पताल में बेड खाली न होने की बात कही.

उन्होंने कहा, ‘जब पार्टी के पदाधिकारियों की ही कोई नहीं सुन रहा है, तब कल्पना की जा सकती है कि आम जनता का क्या हाल होगा? पिछले लॉकडाउन में हम लोगों ने घर-घर जाकर गरीबों को अनाज दिया था जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की थी, पर अफसोस इस बात का है कि जब मेरे परिवार को मदद की जरूरत पड़ी, तो कोई मदद नहीं मिली.’

अंसारी दे दावा किया, ‘वाराणसी की स्थिति बहुत खराब है. अस्पतालों में भीड़ है तथा ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड के अभाव में लोग बुरी तरह परेशान हैं.’

गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान गरीबों को अनाज बांटने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर हाजी अनवर अहमद अंसारी की तारीफ की थी.

कथित तौर पर आईसीयू बेड नहीं मिलने से मरीज की मौत

वाराणसी के सर सुंदरलाल अस्पताल में एक मरीज की कथित तौर पर आईसीयू बेड न मिलने से मौत हो गई. लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में पिता की मौत के बाद बेटी ने आरोप लगाया कि पिता को आईसीयू में बेड नहीं दिया गया. इससे स्ट्रेचर पर ही उनकी मौत हो गई.

रोहनिया के मड़ाव गांव की रहने वाली अनिता गौड़ ने बताया कि पिता राजनाथ गौड़ को पिछले चार दिन से बुखार आ रहा था. इलाज के लिए उन्हें बनारस लेकर आए थे.

अनिता ने कहा, ‘यहां डॉक्टरों ने देखने के बाद बेड तक नहीं दिया और स्ट्रेचर पर ही एक सलाइन चढ़ा दिया. उसके लिए स्टैंड भी नहीं दिया, हाथ में लेकर खड़े रहना पड़ा. अंतत: मेरे पिता ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया.’

अनिता ने कहा, ‘उन्हें आईसीयू में भर्ती करने के लिए डॉक्टर से कहा तो जवाब मिला कि उच्च अधिकारियों से फोन करवाओ तब आईसीयू में जगह मिलेगी.’

उन्होने बताया कि उनके पिता डायबिटीज से भी पीड़ित थे. उनके भाई सेना में हैं, इसलिए राजनाथ को पहले मिलेट्री हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका कोविड-19 टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट निगेटिव आया था, लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था. उन्हे वेंटिलेटर की जरूरत थी.

वहीं, बीएचयू अस्पताल के एमएस प्रो. एसके माथुर ने इन आरोपों से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘आईसीयू में आने वाले मरीज को हरसंभव इलाज किया जाता है. बेड खाली होते ही मरीज को वहां भर्ती किया जाता है. इलाज में लापरवाही का आरोप गलत है.’

गौरतलब है कि वाराणसी में कोरोना से बिगड़ते हालत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से समीक्षा की थी और कहा था कि शहर कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम रहा है, क्योंकि इसकी स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत है.

उन्होंने कहा था कि वाराणसी के प्रतिनिधि के रूप में वह जनता से लगातार प्रतिक्रिया लेते हैं और पिछले पांच-छह वर्षों में वाराणसी में चिकित्सा की बुनियादी ढांचा उन्नत हुआ है, जिसने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में मदद की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)