महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आदि ने आपत्ति जताई थी. इसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं. बीते दिनों गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी इन इंजेक्शनों को मुफ़्त बांटने को लेकर विवादों के केंद्र में आ गए थे.
मुंबई/नागपुर: कोरोना वायरस के इलाज में महत्वपूर्ण मानी जाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर गुजरात में हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि महाराष्ट्र में यह फिर राजनीतिक तनातनी के केंद्र में आ गया है. इसकी वजह से शिवसेना नेतृत्व वाला सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं.
शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी और निर्यात को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर आपत्ति जताए जाने को लेकर सोमवार को भाजपा नेताओं देवेंद्र फडणवीस और प्रवीण दारेकर की आलोचना की और जानना चाहा कि क्या यह कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था को खराब करने का षड्यंत्र है?
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसका (भाजपा का) स्पष्ट एजेंडा है कि महाराष्ट्र सरकार कोविड-19 की रोकथाम में असफल रही है. शिवसेना का दावा है कि विपक्ष लगातार केंद्र सरकार की मदद से इस दिशा में प्रयास कर रहा है.
मुखपत्र में कहा गया है कि लोगों की जीवन रक्षा के मुद्दे पर कम से कम महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष को एकमत होना चाहिए और कोविड-19 के मरीजों के इलाज में आवश्यक दवाओं की कमी से हो रही लोगों की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
रेमडेसिविर के निर्यात पर प्रतिबंध होने के बावजूद इंजेक्शन की हजारों शीशियां विदेश भेजे जाने की सूचना मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने शनिवार को एक फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ की थी.
यह सूचना मिलने पर कि कंपनी के निदेशक से पूछताछ की जानी है, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य भाजपा के एक अन्य नेता प्रवीण दारेकर तुरंत पुलिस थाने पहुंचे थे.
उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में रेमडेसिविर की कमी के कारण फार्मा कंपनियों से संपर्क कर रही है. फडणवीस ने कहा कि उन लोगों ने महाराष्ट्र के लिए रेमडेसिविर का इंतजाम करने की पूरी कोशिश की.
लेकिन सोमवार को सामना के संपादकीय में आरोप लगाया गया कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति को लेकर राजनीति की जा रही है.
उसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं, लेकिन भाजपा के नेता यह इंजेक्शन फार्मा कंपनियों से सीधे-सीधे खरीद रहे हैं.
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि विपक्ष के नेता ने राज्य के बजाय किसी फार्मा कंपनी की वकालत की हो.
सामना में सवाल किया गया है, ‘क्या यह कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था खराब करने का षड्यंत्र नहीं है?’
शिवसेना ने दावा किया कि इंजेक्शन का उपलब्ध स्टॉक सीधे-सीधे भाजपा को मुहैया कराना, फार्मा कंपनियों द्वारा किया गया ‘अपराध’ है.
बता दें कि रेमडेसिविर अमेरिकी कंपनी गिलीड साइंसेज इंक द्वारा बनाई गई एक एंटीवायरल दवा है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रेमडेसिविर कोविड-19 परीक्षणों में सुधार दिखाने वाला पहला उपचार है.
अमेरिका, भारत और दक्षिण कोरिया में गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए इसकी मंजूरी मिली है, वहीं जापान में इसे पूर्ण स्वीकृति मिली है.
कोविड-19 के खिलाफ एंटीवायरल ड्रग की प्रभावकारिता साबित नहीं हुई है, लेकिन कोविड-19 के मामलों में देश में वृद्धि होने से इस दवा की मांग काफी बढ़ गई है, ऐसे में भारत ने बीते 11 अप्रैल को रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते इसकी मांग भी बढ़ी है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लगातार इसे कीमत से अधिक दाम पर बेचे जाने की ख़बर आ रही है.
महाराष्ट्र की तरह गुजरात में भी इसी तरह का विवाद बीते दिनों उठ खड़ा हुआ था जब इस इंजेक्शन की बढ़ती मांग के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बीते 10 अप्रैल से इन्हें मुफ्त में बांटना शुरू कर दिया था.
पाटिल ने अपने गृहनगर सूरत में रेमडेसिविर की कमी के बीच इस दवा की 5000 खुराकें वितरित करने की घोषणा कर विवादों को जन्म दिया था. दवा का नि:शुल्क वितरण दस अप्रैल से भाजपा के सूरत कार्यालय में शुरू हुआ. जिस पर विपक्षी दल कांग्रेस ने अवैध रूप से दवा को खरीदने और इसके भंडारण के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी.
रेमडेसिविर के भंडारण पर फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ की, भाजपा नाराज
दरअसल मुंबई पुलिस ने शनिवार रात (17 अप्रैल) केंद्रशासित प्रदेश दमन आधारित ब्रुक फार्मा के निदेशक राजेश डोकानिया से पूछताछ की थी. उनकी कंपनी रेमडेसिविर का उत्पादन करती है.
डोकानिया को विले पार्ले पुलिस ने रविवार रात को करीब 8:30 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था और आधी रात के बाद जाने दिया था.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘पुलिस ने डोकानिया को जाने दिया, लेकिन कहा कि जब भी पूछताछ की जरूरत पड़ेगी, उन्हें पेश होना पड़ेगा.’
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता एस. चैतन्य ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘दवा कंपनी के निदेशक को पूछताछ के लिए जब थाने लाया गया तो उस वक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की एक टीम भी वहां मौजूद थी.’
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी सूचना मिली थी कि रेमडेसिविर की कम से कम 60,000 शीशियां एयर कार्गो के जरिये देश से बाहर भेजी जानी हैं.
उन्होंने कहा कि दवा की मात्रा काफी अधिक थी, इसलिए पुलिस ने इसके बारे में कंपनी के निदेशक से पूछताछ करने का फैसला किया.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने कम से कम 60,000 शीशियां जमा कर रखी थीं. कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा की कमी की वजह से राज्य और केंद्र सरकार ने उन्हें इस माल को घरेलू बाजार में बेचने की इजाजत दी थी. हालांकि, मूल रूप से यह निर्यात के लिए थी.’
पुलिस उपायुक्त मंजूनाथ सिंघे ने कहा, ‘हमारा इरादा नेक था क्योंकि इतनी सारी दवा महाराष्ट्र के मरीजों की जरूरत पूरी कर सकती है.’
वहीं, महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी भाजपा ने मुंबई पुलिस द्वारा फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ किए जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि राज्य की शिवसेना नीत सरकार महामारी के बीच राजनीति कर रही है.
डोकानिया से पूछताछ किए जाने की खबर मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य भाजपा के अन्य नेता प्रवीण दारेकर पुलिस थाने पहुंच गए.
फडणवीस ने कहा कि भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने रेमडेसिविर की कमी को देखते हुए विभिन्न दवा कंपनियों से संपर्क साधा था.
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के लिए रेमडेसिविर की व्यवस्था करने के लिए हमने गंभीर प्रयास किया था.’
फडणवीस ने कहा, ‘हमने चार दिन पहले ब्रुक फार्मा से रेमडेसिविर की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था, लेकिन तब तक अनुमति नहीं मिल पाने की वजह से वे ऐसा नहीं कर सके. मैंने केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात की थी और हमें एफडीए (खाद्य और औषधि प्रशासन) से मंजूरी मिल गई थी.’
महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता फडणवीस ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री के ओएसडी ने फार्मा कंपनी के अधिकारी को बुलाया था और उनसे पूछा कि वह विपक्षी दलों की अपील पर रेमडेसिविर की आपूर्ति कैसे कर सकते हैं.
फडणवीस ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने फार्मा कंपनी के निदेशक को शनिवार रात उनके घर से पकड़ा था.
भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रशासित क्षेत्र दमन में रहने वाले फार्मा कंपनी के निदेशक को तंग कर रही है, क्योंकि भाजपा नेताओं ने उनसे राज्य में रेमडेसिविर दवा की आपूर्ति के लिए संपर्क साधा था.
फडणवीस ने कहा, ‘हमने (भाजपा नेताओं ने) महाराष्ट्र में रेमडेसिविर की कमी को देखते हुए ब्रुक फार्मा से संपर्क साधा था. हमने राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री को भी इस बाबत सूचित किया था और आवश्यक अनुमति के लिए केंद्र सरकार से भी संपर्क किया था.’
भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं ने हाल ही में ब्रुक फार्मा के अधिकारियों से मुलाकात की थी और उनसे निर्यात के लिए रखा गया माल महाराष्ट्र में बेचने का अनुरोध किया था.
उन्होंने कहा, ‘कंपनी की ओर से उनसे कहा गया कि यदि केंद्र और राज्य सरकार मंजूरी देंगे तो वे पूरा माल महाराष्ट्र को बेच देंगे.’
फडणवीस ने कहा, किसी जांच से नहीं डरते
रेमडेसिविर दवा का स्टॉक जमा करने के आरोप में फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारी से पुलिस की पूछताछ पर आपत्ति जताने से सत्तारूढ़ दलों के निशाने पर आए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि वह अपने खिलाफ होने वाली किसी जांच से नहीं डरते, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.
फडणवीस ने नागपुर हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘मैं किसी जांच से नहीं डरता, क्योंकि मैंने 20 साल तक विपक्ष में काम किया और लोगों के पक्ष में आवाज उठाने के चलते मेरे खिलाफ 36 मामले दर्ज हैं.’
उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र के हितों के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कल (शनिवार) की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी. हमने रेमडेसिविर के वे इंजेक्शन भाजपा के लिए नहीं मंगाए थे और प्रवीण दारेकर (विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष) ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री से मुलाकात की थी और कहा था रेमडेसिविर के इंजेक्शन एफडीए और नगर निगम को दिए जाएंगे.’
Don’t spread rumours!
We demanded #Remdesivir for Maharashtra & not for BJP !
And accordingly meeting was held with concerned Minister.
I am not afraid of any threats.
I will keep working for Maharashtra,irrespective of cases they file against me.
Interaction with media at Nagpur pic.twitter.com/s5x0Ck9W3c— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 18, 2021
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा था, ‘अफवाहें मत फैलाएं. हमने भाजपा के लिए नहीं बल्कि महाराष्ट्र के लिए रेमडेसिविर की मांग की थी और उसी के अनुरूप संबंधित मंत्री के साथ बैठक की गई. मैं धमकियों से नहीं डरता. चाहे वे मेरे खिलाफ कितने भी मामले दर्ज करा दें, मैं महाराष्ट्र के लिए काम करता रहूंगा.’
फडणवीस ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति करना गलत है. उन्होंने कहा कि यह झूठी खबर फैलाई जा रही है उनके पास रेमडेसिविर के इंजेक्शन का स्टॉक था.
बता दें कि इस मामले में राजनीतिक तनातनी शनिवार सुबह उस समय शुरू हुई जब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार रेमडेसिविर उत्पादकों पर महाराष्ट्र में उनका स्टॉक नहीं बेचने के लिए दबाव बना रही है.
राज्य के भाजपा नेताओं के साथ ही केंद्र सरकार के दो मंत्रियों ने भी महाराष्ट्र सरकार पर पलटवार किया और आरोपों को झूठा करार दिया.
फडणवीस ने कहा, ‘मलिक और कुछ मंत्रियों को कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे लोगों की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें सियासत में ज्यादा दिलचस्पी है.’
सामाजिक कार्यकर्ता ने उठाए सवाल
महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने ट्वीट किया, ‘रेमडेसिविर की किल्लत को देखते हुए कल रात मुंबई पुलिस ने आपूर्ति संबंधी गड़बड़ी/जमाखोरी पर नजर रखने के अपने कर्तव्य को बखूबी निभाया. असल सवाल यह है कि क्या कोई भाजपा नेता, राज्य सरकार, स्थानीय अधिकारियों और पुलिस को सूचित किए बिना लाखों रुपये की जीवनरक्षक दवा खरीद सकता है. यह निम्न स्तर है.’
With shortage of #Remdesivir, last night @MumbaiPolice rightly fulfilled their duty to check any supply malpractices/hoarding.
The real Q is: Can any BJP leader, without any info to State govt/Local authorities/Police, procure lakhs of lifesaving drugs @PMOIndia?
It’s a new low. https://t.co/pZrw1W4K14— Jayant Patil- जयंत पाटील (@Jayant_R_Patil) April 18, 2021
वहीं, कार्यकर्ता साकेत गोखले ने फडणवीस के इस दावे पर सवाल उठाया कि भाजपा ने दवा की यह खेप लोगों के बीच वितरित करने के लिए खरीदी थी.
उन्होंने पूछा, ‘फडणवीस की तरह कोई निजी व्यक्ति गुजरात से रेमडेसिविर कैसे खरीद सकता है, जबकि इसकी बिक्री केवल सरकार को ही करने की अनुमति है.’
Last night, Vile Parle police station in Mumbai seized 4.75 crores worth of Remdesivir vials that were being secretly moved by a Gujarat company.
Suddenly, @Dev_Fadnavis shows up at the police station late night & says BJP ordered those vials from Daman & Gujarat.
(1/5)
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) April 18, 2021
गोखले ने ट्वीट किया, ‘फडणवीस ने आपूर्तिकर्ता से संबंधित राज्य सरकार को सूचित क्यों नहीं किया और स्टॉक की खरीद राज्य सरकार के चैनलों के जरिये करने में मदद क्यों नहीं की? दवा की गंभीर किल्लत के बीच भाजपा ने 4.75 करोड़ रुपये की रेमडेसिविर अपने पार्टी कार्यालय में (गुजरात की तरह) क्यों रखी.’
Last night, Vile Parle police station in Mumbai seized 4.75 crores worth of Remdesivir vials that were being secretly moved by a Gujarat company.
Suddenly, @Dev_Fadnavis shows up at the police station late night & says BJP ordered those vials from Daman & Gujarat.
(1/5)
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) April 18, 2021
बता दें कि इस मामले में राजनीतिक तनातनी शनिवार सुबह उस समय शुरू हुई जब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार रेमडेसिविर उत्पादकों पर महाराष्ट्र में उनका स्टॉक नहीं बेचने के लिए दबाव बना रही है.
राज्य के भाजपा नेताओं के साथ ही केंद्र सरकार के दो मंत्रियों ने भी महाराष्ट्र सरकार पर पलटवार किया और आरोपों को झूठा करार दिया.
फडणवीस ने कहा, ‘मलिक और कुछ मंत्रियों को कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे लोगों की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें सियासत में ज्यादा दिलचस्पी है.’
भाजपा मुंबई पुलिस पर दबाव बना रही है: महाराष्ट्र के गृह मंत्री
वहीं, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल का कहना है कि भाजपा मुंबई पुलिस पर दबाव बनाने और उसके काम में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है और इस तरह के प्रयासों को सहन नहीं किया जाएगा.
फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ को लेकर उन्होंने कहा, ‘पुलिस किसी को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है और भाजपा नेताओं का आचरण अधिकारियों पर दबाव बनाने तथा उनके काम में हस्तक्षेप करने के बराबर है. इस तरह की चीजें ठीक नहीं हैं और इसे सहन नहीं किया जाएगा.’
यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी? इस पर वलसे पाटिल ने कहा कि वह मुद्दे पर अपने सहकर्मियों के साथ चर्चा करेंगे और उचित निर्णय लेंगे.
उन्होंने कहा कि कंपनी निदेशक ने दवा का भंडार महाराष्ट्र सरकार को बेचने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन का अनुमति पत्र दिखाया. पाटिल ने कहा कि इस बारे में जांच की जा रही है कि दवा का भंडार निजी पक्षों को बेचा जाना था या सरकार को.
इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की कि पुलिस पर दबाव बनाने की वजह से फडणवीस और दारेकर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
फडणवीस का रेमडेसिविर की जमाखोरी करना मानवता के खिलाफ अपराध: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा नेता का रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमाखोरी करना मानवता के खिलाफ अपराध है.
जब देश के कोने-कोने से लोग रेमडेसिविर उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं और तमाम लोग जान बचाने के लिए किसी तरह एक शीशी रेमडेसिविर जुटाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, उस समय जिम्मेदार पद पर रह चुके भाजपा नेता का रेमडेसिविर की जमाखोरी करने का कृत्य मानवता के खिलाफ अपराध है। pic.twitter.com/arIl5fTnGO
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 19, 2021
उन्होंने फडणवीस के राज्य के एक थाने पहुंचने से जुड़ा वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘जब देश के कोने-कोने से लोग रेमडेसिविर उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं और तमाम लोग जान बचाने के लिए किसी तरह एक शीशी रेमडेसिविर जुटाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, उस समय जिम्मेदार पद पर रह चुके भाजपा नेता का रेमडेसिविर की जमाखोरी करने का कृत्य मानवता के खिलाफ अपराध है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)