कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच भोपाल में भाजपा के स्थानीय नेता कुछ नये ‘मुक्ति वाहनों’ को समारोहपूर्वक फोटो खिंचवाकर रवाना करते हुए नज़र आए. कांग्रेस ने इस पर तंज़ कसते हुए कहा कि ‘फोटोबाज़ी’ करके आपदा में भी अवसर तलाशा जा रहा है. इससे पहले इंदौर में भाजपा नेताओं द्वारा ऑक्सीजन लेकर पहुंचे टैंकर के सामने पूजा-पाठ करने पर भी विवाद हुआ था.
इंदौर/भोपाल: कोविड-19 के प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश में भाजपा के स्थानीय नेता भोपाल में कुछ नये ‘मुक्ति वाहनों’ को समारोहपूर्वक फोटो खिंचवा कर रवाना करते हुए नजर आए. इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसकी निंदा करते सत्तारूढ़ भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ‘फोटोबाजी’ करके आपदा में भी अवसर तलाश जा रहा है. वहीं, भाजपा ने इसे कांग्रेस की तुच्छ राजनीति करार दिया है.
https://twitter.com/NarendraSaluja/status/1384122390767042562
सोशल मीडिया पर कुछ लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि इनमें से शव ले जा रहे एक मुक्ति वाहन को रोककर फोटो खिंचवाए गये हैं.
सोशल मीडिया पर डाले गये कुछ वीडियो में भाजपा नेता एवं पूर्व महापौर आलोक शर्मा छह नये शव वाहनों को शहर के विभिन्न अस्पतालों को सुपुर्द करते हुए फोटो खिंचवाते नजर आ रहे हैं.
इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया, ‘शर्म करो बेशर्मों… इंदौर में ऑक्सीजन के टैंकर को घंटो रोककर भाजपा नेताओं ने खूब फोटो बाजी की और अब भोपाल में भाजपा के पूर्व महापौर आलोक शर्मा शव वाहनों के साथ फोटो बाजी करते हुए. इंदौर में बन रहे कोविड केयर सेंटर पर भाजपा नेताओं का दौरा. आपदा में भी अवसर – फोटो बाजी.’
वहीं, कांग्रेस विधायक एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इस मामले में भाजपा पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘महामारी का उत्सव मनाना कोई इन भाजपाइयों से बिलकुल भी न सीखे.’
जब भाजपा नेता आलोक शर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इन आरोपों को निराधार बताया और कहा कि जब वह इन मुक्ति वाहनों को संबंधित अस्पतालों को सौंप रहे थे, तब वहां पर मीडिया के लोग भी थे.
आलोक शर्मा ने कहा, ‘जब मुझे खबर मिली कि शवों को ले जाने के लिए शव वाहनों की कमी है, तो मैंने इन वाहनों को खरीदा और संबंधित अस्पताल के प्रबंधन को सौंपा. सौंपते वक्त मीडिया भी वहां पर मौजूद थी.’
उन्होंने कहा, ‘इस मामले में विवाद पैदा करने के लिए कांग्रेस की यह गंदी राजनीति है. मुझे इन वाहनों की व्यवस्था करने के लिए बार-बार फोन आ रहे थे. मुक्ति वाहनों के अभाव में लोगों को शवों को ले जाने में इंतजार करना पड़ रहा था.’
इससे पहले कोविड-19 के मरीजों के लिए गुजरात के जामनगर से शनिवार रात ऑक्सीजन लेकर इंदौर पहुंचे टैंकर के सामने राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अन्य भाजपा नेताओं द्वारा पूजा-पाठ करने पर विवाद खड़ा हो गया था.
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने ‘मीडिया कवरेज की भूख के चलते’ टैंकर को ऐसी नाजुक घड़ी में शहर के दो स्थानों पर देर तक रोके रखा, जब शहर के अस्पतालों में भर्ती महामारी के गंभीर मरीज मेडिकल ऑक्सीजन का इंतजार कर रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने रविवार को कहा, ‘जामनगर से ऑक्सीजन लेकर शनिवार रात इंदौर पहुंचे टैंकर को यहां चंदन नगर चौराहे पर लगभग एक घंटे तक रोका गया, ताकि सिलावट और अन्य भाजपा नेता पूजा-पाठ के बहाने मीडिया कवरेज की अपनी भूख मिटा सकें.’
उनका कहना था कि जब यह टैंकर चंदन नगर चौराहे से शहर के एक फिलिंग स्टेशन पहुंचा, तो भाजपा नेता वहां भी आ गए और उसके सामने पूजा-पाठ के बहाने अपनी तस्वीरें खिंचवाईं.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा था, ‘भाजपा नेताओं ने यह पूरी नौटंकी उस वक्त की, जब शहर के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते महामारी के गंभीर मरीज एक-एक सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं.’
इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो आए थे जिनमें जल संसाधन मंत्री सिलावट, भाजपा की शहर इकाई के अध्यक्ष गौरव रणदीवे और अन्य भाजपा नेता ऑक्सीजन टैंकर के सामने पूजा-पाठ के दौरान नारियल फोड़ते नजर आ रहे हैं, जबकि एक पुरोहित मंत्रोच्चार करते दीखते हैं. इस दौरान भाजपा नेता टैंकर के सामने खड़े होकर मीडिया के कैमरों के सामने पोज देते भी दिखाई दे रहे हैं.
उधर, कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए रणदीवे का कहना था, ‘ऑक्सीजन टैंकर चंदन नगर चौराहे पर पांच मिनट भी नहीं रुका था. हमने उसे तुरंत एक स्थानीय फिलिंग स्टेशन के लिए रवाना कर दिया था.’
भाजपा के शहर अध्यक्ष ने आगे कहा था, ‘हमारे पूजा-पाठ को लेकर सोशल मीडिया पर तस्वीरें तब वायरल की हैं, जब ऑक्सीजन टैंकर को फिलिंग स्टेशन पर खाली किया जा रहा था.’
गौरतलब है कि इंदौर सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की पिछले कई दिनों से किल्लत बनी हुई है.
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर रविवार तक महामारी के कुल 89,317 मरीज मिले हैं. इनमें से 1,047 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)