गुजरात सरकार को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाना चाहिए: आईएमए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि अगर संभव हो तो गुजरात सरकार को 14 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए. अगर राज्य सरकार इसके पक्ष में नहीं है तो उसे लोगों को उनके घरों तक सीमित करने के लिए पाबंदी लगाने के बारे में सोचना चाहिए. गुजरात हाईकोर्ट ने डॉक्टरों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुझाव मांगें थे.

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(फोटो: पीटीआई)

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि अगर संभव हो तो गुजरात सरकार को 14 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए. अगर राज्य सरकार इसके पक्ष में नहीं है तो उसे लोगों को उनके घरों तक सीमित करने के लिए पाबंदी लगाने के बारे में सोचना चाहिए. गुजरात हाईकोर्ट ने डॉक्टरों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुझाव मांगें थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अहमदाबाद: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की प्रदेश इकाई ने मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय में सुझाव दिया कि राज्य सरकार को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए दो सप्ताह का लॉकडाउन लगाना चाहिए.

आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र पटेल ने न्यायालय से कहा कि यदि राज्य सरकार लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है तो उसे लोगों को उनके घरों तक सीमित कर देने के लिए गतिविधियों पर पाबंदी लगाने पर सोचना चाहिए.

उन्होंने मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ एवं जस्टिस भार्गव कारिया की खंडपीठ के सामने एक जनहित याचिका की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान ये सुझाव दिए. खंडपीठ राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति का संज्ञान लेते इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है.

खंडपीठ ने पटेल को डॉक्टरों की ओर से अपनी राय देने के लिए बुलाया था. गुजरात से करीब 30,000 डॉक्टर आईएमए की प्रदेश शाखा के सदस्य हैं.

पटेल ने कहा, ‘सरकार को सभी तरह के जमावड़े, चाहे वह सामाजिक हो या राजनीतिक या धार्मिक- पर पूर्ण रोक लगा देना चाहिए. यदि संभव हो तो सरकार को 14 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए. यदि ऐसा संभव नहीं हो तो उसे गतिविधियों पर गंभीर पाबंदियां लगानी चाहिए.’

सुझावों पर सरकारी वकील मनीषा साह ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का फैसला करना तलवार की धार पर चलने जैसा है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘जीवन और आजीविका’ बचाने के लिए कटिबद्ध है.

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को बिस्तरों की उपलब्धता को प्रदर्शित करने की केंद्रीयकृत प्रणाली अपनानी चाहिए, क्योंकि लोग बिस्तरों के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भाग रहे हैं.

इसी बीच गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि राज्य में फिलहाल लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है.

रूपाणी ने संवाददाताओं से कहा, ‘जरूरत पड़ने पर हम लॉकडाउन लगाने के बारे में विचार करेंगे. फिलहाल इस प्रकार की कोई जरूरत नहीं हैं. राज्य के 20 शहरों में रात का कर्फ्यू है और अगर मामले बढ़े तो हम अन्य शहरों में भी इस प्रकार के कर्फ्यू लगाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हमने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. हमने स्कूल ,कॉलेज, मॉल, सिनेमाघर बंद किए हैं और प्रमुख शहरों में बस सेवा भी बंद की है. मैं लोगों से स्थिति में सुधार आए बिना घरों से नहीं निकलने की अपील करूंगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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