ममता बनर्जी ने कहा, देश में कोरोना मामलों में तेज़ वृद्धि ‘मोदी निर्मित आपदा’

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी बीमारी से लड़ने के लिए पर्याप्त दवा नहीं मुहैया करा सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए. कोविड मामलों में बढ़ोतरी के कारण बंगाल में राहुल गांधी की रैलियां रद्द होने पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि गांधी का इस सूबे में कोई अगला चुनावी कार्यक्रम था ही नहीं.

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ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी बीमारी से लड़ने के लिए पर्याप्त दवा नहीं मुहैया करा सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए. कोविड मामलों में बढ़ोतरी के कारण बंगाल में राहुल गांधी की रैलियां रद्द होने पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि गांधी का इस सूबे में कोई अगला चुनावी कार्यक्रम था ही नहीं.

ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)

मालदा/हरिरामपुर: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश में कोविड मामलों में तेजी से वृद्धि को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी पर हमला तेज कर दिया और इस स्थिति को ‘मोदी-निर्मित आपदा’ करार दिया. उन्होंने मांग की कि अगर वह बीमारी से लड़ने के लिए पर्याप्त दवा नहीं मुहैया करा सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए.

ममता ने आरोप लगाया कि महामारी से निपटने के लिए देश में बन रही 65 प्रतिशत दवाओं का निर्यात किया गया है. उन्होंने कहा, ‘कोविड -19 महामारी देश में कम हो गई थी, लेकिन केंद्र सरकार की भारी विफलता और उसकी लापरवाही तथा अक्षमता के कारण यह फिर से बढ़ गई.’

वह मालदा जिले के चंचल और दक्षिण दिनाजपुर जिले के हरिरामपुर में जनसभाओं को संबोधित कर रही थीं.

पश्चिम बंगाल में अंतिम तीन चरण के चुनाव एक ही दिन कराने का तृणमल कांग्रेस का अनुरोध चुनाव आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने के बीच ममता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में महामारी में तेजी से वृद्धि का ध्यान रख रही हैं, वहीं अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार भी कर रही हैं.

प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, ‘देश मोदी निर्मित आपदा का सामना कर रहा है. मोदी बाबू को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी कि कोविड के इलाज के लिए दवाइयां बाजार में उपलब्ध क्यों नहीं हैं. आपको दवाइयां मुहैया करानी होंगी या आप पद छोड़ दें. आप या तो कोरोना को नियंत्रित करें या हट जाएं.’

उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए देश में तैयार 65 प्रतिशत दवाओं का निर्यात किया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य देशों को दवाइयां भले ही दी जाएं, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि देश के लोगों को पर्याप्त दवाएं मिलें.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल की रीढ़ की हड्डी को तोड़ने का प्रयास कर रही है और ‘हमने (तृणमूल) भी उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ने का संकल्प किया है.’

ममता ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने की ताकत उनके अलावा किसी और के पास नहीं है. उन्होंने कहा, ‘बंगाल रॉयल बंगाल टाइगर की भूमि है और हम उसके जैसे ही लड़ते हैं.’

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने राज्य में राजबंशियों और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काफी काम किया है.

उन्होंने कहा, ‘हमने सब कुछ किया है- सिर्फ एक ही काम बाकी है- भाजपा को बाहर करना.’

उन्होंने कहा कि वह राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर या राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लागू नहीं होने देंगी. ममता ने लोगों से वोटों का विभाजन नहीं होने देने और एकजुट होकर तृणमूल का समर्थन करने का आग्रह किया.

सातवें चरण के 26 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के सातवें चरण के दौरान चुनाव मैदान में उतर 284 प्रत्याशियों में से 26 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, द वेस्ट बंगाल इलेक्शन वॉच और एडीआर ने सभी 284 प्रत्याशियों के स्वघोषित हलफनामे का विश्लेषण किया है, जो कि 26 अप्रैल को होने वाले मतदान में 36 विधानसभा क्षेत्रों से मैदान में हैं.

चुनाव निगरानी संस्था ने कहा, जिन 284 प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 73 (26 फीसदी) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. करीब 60 (21 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

बड़े राजनीतिक दलों में से 13 में से 9 (60 फीसदी) प्रत्याशी माकपा, 36 में से 19 (53 फीसदी) तृणमूल कांग्रेस, 36 में से 19 (53 फीसदी) भाजपा और 19 में से 9 (47 फीसदी) कांग्रेस के हैं, जिन्होंने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

बड़े राजनीतिक दलों में से 13 में से 7 (54 फीसदी) प्रत्याशी माकपा, 36 में से 16 (44 फीसदी) भाजपा, 36 में से 14 (39 फीसदी) तृणमूल कांग्रेस और 19 में से 7 (37 फीसदी) कांग्रेस के हैं, जिन्होंने हलफनामे में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

18 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है और तीन उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा 302) से संबंधित मामलों की घोषणा की है.

लगभग 14 उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा 307) से संबंधित मामलों की घोषणा की है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 36 निर्वाचन क्षेत्रों में से 13 (36 प्रतिशत) रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं. रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र वे हैं, जहां तीन या अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

पश्चिम बंगाल में राहुल गांधी का कोई अगला चुनावी कार्यक्रम था ही नहीं: भाजपा महासचिव

इंदौर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा कोविड-19 संकट का हवाला देकर पश्चिम बंगाल में अपनी आगामी चुनावी रैलियां रद्द करने की हालिया घोषणा पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को सवाल उठाया. उन्होंने दावा किया कि गांधी का इस सूबे में कोई अगला चुनावी कार्यक्रम था ही नहीं.

कैलाश विजयवर्गीय. (फोटो: पीटीआई)
कैलाश विजयवर्गीय. (फोटो: पीटीआई)

विजयवर्गीय, भाजपा संगठन में पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में संवाददाताओं से कहा, ‘गांधी ने बोला कि वह (कोविड-19 संकट के मद्देनजर) पश्चिम बंगाल में अब कोई चुनावी सभा नहीं करेंगे. पहले वह यह तो बताएं कि राज्य में उनकी आगामी चुनावों सभाओं का क्या कार्यक्रम था? उनका राज्य में चुनावी सभाओं का कोई आगामी कार्यक्रम था ही नहीं. केवल दो जिलों में सभा करने के बाद वहां उनके पास कोई काम ही नहीं था.’

गांधी ने 14 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए उत्तर दिनाजपुर और दार्जीलिंग जिलों में रैलियों को संबोधित किया था. वह चार चरण का मतदान खत्म होने के बाद पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में उतरे थे.

विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि समूची कांग्रेस के चुनाव प्रचार करने या इसे बंद करने से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के समीकरणों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि वहां यह पार्टी चुनावी मुकाबले में है ही नहीं. उन्होंने दावा किया कि इस सूबे में कांग्रेस का राजनीतिक वजूद केवल दो जिलों- मालदा और मुर्शिदाबाद तक सिमटा हुआ है.

गांधी के मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने का एक मीडियाकर्मी द्वारा जिक्र किए जाने पर भाजपा महासचिव ने कांग्रेस के 50 वर्षीय नेता का नाम लिए बगैर तंज कसा, झूठ बोलने के बाद ऐसा ही होता है.

गौरतलब है कि महामारी की जद में पाए जाने की जानकारी सार्वजनिक करने से दो दिन पहले गांधी ने 18 अप्रैल को ट्वीट किया था कि कोविड-19 संकट को देखते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल की अपनी सभी चुनावी रैलियां रद्द करने का निर्णय किया है.

इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के छठे चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर विजयवर्गीय ने दावा किया कि सूबे में भाजपा ‘100 फीसद’ सरकार बनाएगी.

उन्होंने कहा, ‘हमारी तैयारी एकदम पक्की है. मैं यह बात बेहद जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि हम पश्चिम बंगाल में 100 फीसद सरकार बनाएंगे.’

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटों के चुनाव आठ चरणों में हो रहे हैं. राज्य में बृहस्पतिवार को छठे चरण का मतदान होना है. मतदान का आठवां और आखिरी चरण 29 अप्रैल को संपन्न होगा, जबकि वोटों की गिनती दो मई को होगी.

चुनावी रैलियों के बजाय चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था ठीक करने पर ध्‍यान दें मोदी: अशोक गहलोत

जयपुर: राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में ऑक्‍सीजन व दवाओं की कमी से हो रहीं मौतों पर चिंता जताते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और उनसे अपील की कि वे बंगाल में चुनावी रैलियां करने बजाय देश में चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था को ठीक करने पर ध्‍यान दें.

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘भारत ऑक्सीजन, दवाई व टीका का दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से है. फिर भी देश में ऑक्सीजन एवं दवाइयों की कमी से मौतें होना दुर्भाग्यपूर्ण है. दुनिया के अन्य देशों में कभी इसके कारण मौतें नहीं हुई हैं.’

अशोक गहलोत. (फोटो साभार: फेसबुक/@AshokGehlot.Rajasthan)
अशोक गहलोत. (फोटो साभार: फेसबुक/@AshokGehlot.Rajasthan)

उन्‍होंने आगे लिखा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फिर अपील करता हूं कि हालात बिगड़ते जा रहे हैं. कोरोना की भयावहता को देखते हुए बंगाल में रैलियां करना छोड़कर मेडिकल व्यवस्थाओं को ठीक करने पर ध्यान दें.’

गहलोत के अनुसार, जितनी जल्दी हम अपनी व्यवस्थाएं ठीक कर लेंगे उतने ही अधिक लोगों की जान बचाई जा सकेंगी. केंद्र सरकार रोगियों को दवाएं व ऑक्सीजन उपलब्ध करवाना तथा टीकाकरण का काम जल्दी पूरा करना सुनिश्चित करे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)