तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार को हाईकोर्ट ने आगामी चारधाम यात्रा के लिए जल्द मानक परिचालन प्रक्रिया जारी करने का निर्देश दिया है. राज्य में कुंभ मेला भी चल रहा है, जिसे लेकर संक्रमण के मामलों के बढ़ने की बार-बार आशंका जताई गई है.
नैनीताल: तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार को आगामी चारधाम यात्रा के लिए जल्द मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का निर्देश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि तीर्थयात्रा को दूसरा कुंभ बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी मंगलवार को उत्तराखंड सरकार के महामारी से निपटने के तरीके को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर वर्चुअल सुनवाई के दौरान की.
अदालत ने राज्य सरकार को राज्य के सुदूर क्षेत्रों में सचल प्रयोगशालाओं की मदद से जांच करने और कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि करने के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त संख्या पीपीई किट तथा अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए.
अदालत ने सरकार से अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में केंद्रीय एजेंसियों से मदद लेने को कहा.
अदालत ने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन हो तथा निजी अस्पतालों में 25 फीसदी बिस्तर बीपीएल कार्डधारकों के लिए आरक्षित किए जाएं.
सरकार से अदालत ने कोविड-19 टीके तथा रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में पूछा और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी अस्पतालों और टीकाकरण केंद्रों के बारे में सूचना ऑनलाइन उपलब्ध कराए.
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को सुनवाई की अगली तारीख 10 मई से पहले इन सभी बिंदुओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने तथा व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है.
पिछले साल भी महामारी का प्रभाव चारधाम यात्रा पर पड़ा था और सभी मंदिर अपने तय समय से काफी बाद में खुले थे. हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा भी बहुत विलंब से खुला था.
बता दें कि चारधाम यात्रा 14 मई को अक्षयतृतीया के पर्व से शुरू हो रही है, जब उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट छह माह के शीतकालीन प्रवास के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.
बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. अमर उजाला के अनुसार, बीते 24 घंटे के अंदर राज्य में पहली बार 3,998 नए संक्रमित मिले हैं, वहीं 19 मरीजों की मौत हुई है. जबकि बुधवार को राज्य में पहली बार 48,07 नए संक्रमित मिले थे, वहीं 34 मरीजों की मौत हुई थी.
राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 26 हजार 980 हो चुकी है. प्रदेश में अब तक 138,010 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि राज्य में कुंभ मेला भी चल रहा है, जिसे लेकर संक्रमण के मामलों के बढ़ने की बार-बार आशंका जताई गई है.
10 से 14 अप्रैल के बीच हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में 1,701 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. कुंभ के दौरान 12 अप्रैल को अमावस्या पर और 14 अप्रैल को मेष संक्राति पर दो शाही स्नान हुए, जिनमें कुल 48.51 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था और उन्हें खुले तौर पर मास्क और सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन करते हुए देखा गया.
यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है और आशंका है कि लोगों की भीड़ से संक्रमण के मामलों में और तेजी से वृद्धि होगी. मेला आधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल को समाप्त होगा, जहां अगला शाही स्नान 27 अप्रैल को है.
बीते दिनों अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती किया गया था.
वहीं, निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कपिल देव की मृत्यु 13 अप्रैल को कोविड-19 इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में हो गई. इसके बाद कई अखाड़े आयोजन से बाहर हो गए थे.
वहीं, हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में शामिल हुए एक कोरोना संक्रमित 70 वर्षीय संत को एम्स ऋषिकेश और गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज (दून अस्पताल) में आईसीयू बिस्तरों की कमी के चलते लौटा दिया गया था, जिसके बाद 19 अप्रैल को उन्होंने हरिद्वार के बाबा बर्फानी कोविड केयर सेंटर में दम तोड़ दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)