महाराष्ट्र: विरार में अस्पताल में आग लगने से कोविड-19 के 13 मरीज़ों की मौत

महाराष्ट्र में पालघर ज़िले के विरार में शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगी. मृतकों में पांच महिलाएं और आठ पुरुष हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

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(फोटो: पीटीआई)

महाराष्ट्र में पालघर ज़िले के विरार में शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगी. मृतकों में पांच महिलाएं और आठ पुरुष हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

विरार/मुंबई: महाराष्ट्र में पालघर जिले के विरार में शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित  13 मरीजों की मौत हो गई.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक वातानुकूलन (एसी) इकाई में विस्फोट होने के बाद यह आग लगी और हादसे के वक्त अस्पताल में 90 मरीज मौजूद थे, जिनमें से 18 मरीज आईसीयू में थे. मृतकों में पांच महिलाएं और आठ पुरुष हैं.

टेलीविजन पर दिखाई जा रहीं तस्वीरों में आग के बाद धुएं से भर गए आईसीयू में अफरा-तफरी नजर आई, जहां कुछ जगहों पर पंखे गिर गए, बेड एवं अन्य फर्नीचर बिखरे हुए थे और मृतकों के परिजन अस्पताल के बाहर रोते-बिलखते दिखे.

अधिकारी ने बताया कि चार मंजिला विजय वल्लभ अस्पताल के दूसरे तले पर स्थित आईसीयू में तड़के तीन बजे आग लगी. अग्नि शामक दल ने आग पर सुबह पांच बजकर बीस मिनट तक काबू पा लिया.

उन्होंने बताया कि घटना के वक्त आईसीयू में 18 मरीज थे. पांच मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें इलाके के अन्य अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है.

अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के अन्य मरीज इससे प्रभावित नहीं हुए, क्योंकि आग आईसीयू तक ही सीमित थी.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि अधिकारियों को जांच करनी चाहिए कि अस्पताल का अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था या नहीं.

यह अस्पताल मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर है.

इस हादसे से दो दिन पहले ही महाराष्ट्र में नासिक के एक अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के बाद कम से कम 22 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई थी.

जिला आपदा नियंत्रण केंद्र के प्रमुख विवेकानंद कदम ने बताया कि विरार के अस्पताल में आग आईसीयू की वातानुकूलन इकाई में विस्फोट के बाद लगी.

हादसे के शिकार लोगों के परिजन सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचे. उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पालघर जिले के विरार में एक निजी अस्पताल में आग लगने से कोविड-19 के 13 मरीजों की मौत पर शुक्रवार को शोक व्यक्त किया और स्थानीय प्रशासन को हादसे की जांच के आदेश दिए.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ठाकरे ने आग लगने की घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की.

उन्होंने अधिकारियों से मरीजों को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित करने के लिए कहा.

बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया, ‘आग को पूरी तरह बुझाने को प्राथमिकता दें और सुनिश्चित करें कि अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों का इलाज प्रभावित न हो.’

उन्होंने कहा कि विजय वल्लभ अस्पताल एक निजी अस्पताल है और यह जांच की जाएगी कि वहां सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा था या नहीं.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एक ट्वीट में कहा, ‘विरार के विजय वल्लभ अस्पताल के आईसीयू में लगी आग में 13 लोगों की जान चली गई. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक हादसा है. मुख्यमंत्री ठाकरे ने हादसे की गहराई से जांच करने के आदेश दिए हैं.’

इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग लगने की घटना पर शुक्रवार को शोक जताया तथा इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषण की.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘विरार के कोविड-19 अस्पताल में आग लगने की घटना दुखद हैं. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी.

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विरार में एक निजी अस्पताल में आग लगने की घटना में कोविड मरीजों की मौत पर भी दुख जताया.

उन्होंने एक टेलीग्राम संदेश में कहा, ‘विरार के विजय वल्लभ कोविड सेंटर से दुखद खबर मिली है कि आग लगने से कई मरीजों की मौत हो गई. पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं राज्य सरकार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे सभी जरूरी मदद मुहैया कराएं.’

गौरतलब है कि बीते 9 अप्रैल को महाराष्ट्र के नागपुर में एक निजी अस्पताल में आग लग जाने से चार लोगों की मौत हो गई थी.

बीते 25-26 मार्च की दरम्यानी रात को मुंबई के ड्रीम्स मॉल में आग लग गई थी जिसकी तीसरी मंजिल पर कोविड समर्थित सनराइज अस्पताल अस्पताल था. आग में आठ लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखे गए मरीज भी शामिल थे.

नौ जनवरी को महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में लगी आग में दस नवजात बच्चों की मौत हो गई थी. एक से तीन महीने के 17 शिशु उस वक्त वार्ड में भर्ती थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से  इनपुट के साथ)