विधानसभा चुनाव राउंड-अप: बंगाल में मुफ़्त वैक्सीन देने पर कांग्रेस ने पूछा कि बाकी भारत का क्या होगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कोलकाता की पहचान ‘सिटी ऑफ जॉय’ के रूप में रही है, लेकिन अब इसको ‘सिटी ऑफ फ्यूचर’ के रूप में विकसित किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने बंगाल को चुनावी दौरा रद्द किया, चुनाव आयोग ने रैलियों पर प्रतिबंध लगाए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा मोदी ने मतदाताओं को उकसाने के लिए अपने भाषण में आसनसोल दंगों का ज़िक्र किया.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में दो चरणों के चुनाव से पहले भाजपा ने शुक्रवार को घोषणा कि वह सत्ता में आने के बाद सभी को मुफ्त में कोविड-19 वैक्सीन मुहैया कराएगी.
बंगाल भाजपा के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर कहा गया है, ‘पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही कोविड-19 वैक्सीन सभी को मुफ्त में दी जाएगी.’
कांग्रेस की ओर से भाजपा की इस घोषणा पर सवाल उठाते हुए पूछा गया है कि बाकि के भारत के लोगों का क्या होगा?
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है, ‘बाकी के भारत का क्या होगा, जिन्हें वैक्सीन के दो डोज के लिए 1200 रुपये चुकाने हैं. लोगों को मूर्ख बनाना बंद कर दीजिए.’
What about rest of India, who have to pay ₹1,200 per person(₹600✖️ 2 dosages) for #vaccine !
Stop befooling people !#COVID19 #COVIDEmergency2021 https://t.co/HgczQx3gbm
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 23, 2021
तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय जुमलाबाज पार्टी की ओर से मुफ्त कोरोना वैक्सीन की घोषणा की गई है. इसी तरह का वादा उन्होंने चुनाव से पहले बिहार में लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए किया था, जिसे वे आसानी से भूल गए हैं. बंगाल को मूर्ख नहीं बनेगा. भाजपा पर भरोसा करना छोड़ दीजिए.’
मालूम हो कि टीका बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बीते 21 अप्रैल को कहा था कि कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये प्रति खुराक तथा निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी.
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने यह भी कहा था कि 150 रुपये प्रति खुराक का मौजूदा अनुबंध समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार के लिए भी दर 400 रुपये प्रति खुराक होगी.
सरकार के 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के निर्णय के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने एस्ट्राजेनका के टीके की कीमत की घोषणा की, जिसे वह अपने पुणे संयंत्र में तैयार कर रही है.
सीरम इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा था कि शुरुआती 10 करोड़ खुराक का अनुबंध समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार से भी 400 रुपये प्रति खुराक की दर से राशि ली जाएगी. उन्होंने कहा था, ‘मैं यह साफ कर दूं कि कीमत अलग-अलग नहीं है. नए अनुबंधों के लिए सभी सरकारों के लिए कीमत 400 रुपये ही होगी.’
कोलकाता को ‘सिटी ऑफ फ्यूचर’ के रूप में विकसित करेगी भाजपा: मोदी
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार, घुसपैठ, तस्करी, हिंसा और अवैध कारोबार को विकास का घोर दुश्मन करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि आज के बंगाल में शांति, सुरक्षा और विकास की एक ललक दिख रही है और इसलिए वह भेदभाव से मुक्त और सद्भाव से युक्त व्यवस्था के लिए मतदान कर रहा है.
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता, बीरभूम, मालदा और मुर्शीदाबाद के मतदाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह दावा भी किया कि दो मई को राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद कोलकाता को ‘सिटी ऑफ फ्यूचर’ (भविष्य के शहर) के रूप में विकसित किया जाएगा.
ज्ञात हो कि देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने शुक्रवार और शनिवार को राज्य में अपनी प्रस्तावित रैलियों को रद्द कर आज राजधानी दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी आखिरी चुनावी रैली को संबोधित किया.
उन्होंने कहा, ‘घुसपैठ, तस्करी, अवैध कारोबार, हिंसा, तोलाबाजी, सिंडिकेट, ये विकास के घोर दुश्मन हैं. भारत में निवेश करने के लिए दुनिया संभावनाएं तलाश कर रही हैं और लगातार रिकॉर्ड निवेश भारत में हो रहा है. इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल में लगे, यहां हर प्रकार के शिल्प को, हर प्रकार के रोजगार को बल मिले, इसके लिए भाजपा सरकार भरपूर प्रयास करेगी.’
मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल आज एक ऐसे शासन के लिए लालायित है, जहां सरकार का हर विभाग, अपना काम करे और अपना दायित्व निभाए.
उन्होंने कहा, ‘शांति, सुरक्षा और विकास की एक ललक बंगाल में देखने को मिल रही है. इसलिए भेदभाव से मुक्त, सद्भाव से युक्त, व्यवस्था के लिए पश्चिम बंगाल वोट दे रहा है.’
उन्होंने कहा कि कोलकाता की पहचान ‘सिटी ऑफ जॉय’ के रूप में रही है, लेकिन अब आधुनिक अवसंचना विकास के माध्यम से इसको ‘सिटी ऑफ फ्यूचर’ के रूप में विकसित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदा, मुर्शीदाबाद से लेकर बीरभूम और कोलकाता तक, हर कोई पश्चिम बंगाल का पुराना गौरव लौटते देखना चाहता है.
उन्होंने कहा, ‘हर कोई ये चाहता है कि जिस पश्चिम बंगाल में लोग सपने सच करने आते थे, वो पश्चिम बंगाल 21वीं सदी के अवतार के साथ हमें मिल जाए.’
उन्होंने दावा किया कि भाजपा की ‘डबल इंजन’ की सरकार, इसमें कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी.
उन्होंने कहा, ‘गांव हो या शहर, हर जगह बेहतर जीवन, बेहतर शिक्षा, बेहतर रोजगार, बेहतर विकल्प के लिए एक तड़प देख रहा हूं. पश्चिम बंगाल के कोने-कोने में जाकर मैंने अनुभव किया है कि पश्चिम बंगाल के बेहतर भविष्य के लिए एक सकारात्मक बदलाव की इच्छा कितनी प्रबल है. हर उम्र, हर वर्ग, हर मत, हर संप्रदाय के लोगों में शोनार बांग्ला के निर्माण के लिए एक संकल्प दिख रहा है.’
प्रधानमंत्री ने बंगाल को चुनावी दौरा रद्द किया, चुनाव आयोग ने रैलियों पर प्रतिबंध लगाए
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपना प्रस्तावित पश्चिम बंगाल दौरा रद्द कर दिया, क्योंकि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए वह एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे.
बीते बृहस्पतिवार को मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के लिए मैं कल (शुक्रवार) एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करूंगा. इसकी वजह से मैं पश्चिम बंगाल नहीं जा सकूंगा.’
Tomorrow, will be chairing high-level meetings to review the prevailing COVID-19 situation. Due to that, I would not be going to West Bengal.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2021
इसके बाद प्रधानमंत्री का पश्चिम बंगाल में कोई चुनावी कार्यक्रम तय नहीं है. ऐसे में समझा रहा है कि अब वह राज्य में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे.
निर्वाचन आयोग ने पदयात्रा, रोड-शो और वाहन रैलियों के आयोजन पर रोक लगाई
इस बीच पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान कोविड बचाव नियमों के उल्लंघन का संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने भी बृहस्पतिवार को राज्य में तत्काल प्रभाव से पदयात्रा, रोड-शो और वाहन रैलियों के आयोजन पर रोक लगा दी. साथ ही कहा कि किसी भी जनसभा में 500 से अधिक लोगों को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी.
आदेश में कहा गया कि आयोग ने पाया है कि कई राजनीतिक दल एवं उम्मीदवार अभी भी जनसभा के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.
यह आदेश बृहस्पतिवार शाम सात बजे से लागू रहेगा.
अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए निर्वाचन आयोग ने राज्य में भौतिक रूप से प्रचार पर ताजा प्रतिबंध लगा दिए हैं. पश्चिम बंगाल में अभी 26 और 29 अप्रैल को मतदान होना है.
ECI order…no road show/ pad yatra , public meeting etc in WB as per details attached wef 7pm of 22.4.21@PIB_India@PIBKolkata@DDNewslive@airnewsalertshttps://t.co/YSm4DPlSL2 pic.twitter.com/m9nHspgCYy
— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) April 22, 2021
आदेश के मुताबिक, ‘पश्चिम बंगाल में 22 अप्रैल शाम सात बजे से किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल, मोटरसाइकिल, अन्य वाहन रैलियों की अनुमति नहीं रहेगी. किसी भी जनसभा में 500 से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं रहेगी. ऐसी जनसभा में भी सामाजिक दूरी के नियमों समेत अन्य कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा.’
यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी वाहन रैली या रोड शो की अनुमति पूर्व में प्रदान की गई है तो उसे भी रद्द माना जाएगा.
निर्वाचन आयोग इस दिशानिर्देश के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को अपनी पूर्व-निर्धारित सभी चुनावी सभाओं को रद्द कर दिया.
भाजपा ने इससे पहले घोषणा की थी कि वह कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में छोटी-छोटी रैलियां करेगी, जिसमें 500 से अधिक लोग शामिल नहीं होंगे.
इसके बाद तय हुआ था कि प्रधानमंत्री शनिवार की प्रस्तावित रैलियों की जगह सिर्फ शुक्रवार को ही चुनावी कार्यक्रम करेंगे.
विपक्षी दलों के निशाने पर भाजपा और मोदी
मालूम हो कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बावजूद रैलियां करने को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री विपक्षी दलों के निशाने पर हैं. इसके अलावा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से निर्वाचन आयोग पर भाजपा के लिए काम करने के भी आरोप लगातार लगाए जा रहे हैं.
सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह के प्रतिबंधात्मक कदम इतनी देरी से क्यों उठाए जा रहे हैं, जब राज्य में सिर्फ दो चरणों के चुनाव बाकी रह गए हैं.
साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पश्चिम बंगाल चुनाव कार्यक्रम रद्द करने के साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा पदयात्रा, रैलियां आदि निकालने पर प्रतिबंध को लेकर भी आलोचना की जा रही है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने चुनाव कार्यक्रम रद्द करने की जानकारी ट्विटर पर बृहस्पतिवार शाम 5ः24 बजे दी गई है. इसके बाद रात 8ः19 बजे एक ट्वीट के माध्यम से निर्वाचन आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने बंगाल में चुनाव कार्यक्रम को लेकर प्रतिबंधों की घोषणा की थी.
इस बीच कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चल रही विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 रोधी नियमों के क्रियान्वयन को लेकर बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग से नाराजगी जताई है.
मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने चुनाव के दौरान कोविड रोधी प्रोटोकॉल के क्रियान्वयन का आग्रह करने वाली तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि कोविड सुरक्षा पर परिपत्र जारी करना और बैठकें करना पर्याप्त नहीं है तथा नियमों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों संबंध में शुक्रवार तक हलफनामा दायर किया जाना चाहिए.
इससे पहले बीते बुधवार को निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव कार्यक्रम में किसी तरह के बदलाव से इनकार करते हुए तृणमूल कांग्रेस से कहा था कि शेष तीन चरणों के चुनाव को एक साथ मिलाने का उसका सुझाव व्यावहारिक नहीं है.
दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस राज्य में बाकी चरणों के चुनाव एक साथ कराने का लगातार अनुरोध कर रही है, जबकि निर्वाचन आयोग इस बात से इनकार कर रहा है.
बीते 20 अप्रैल को भी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को पत्र लिखकर कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के मद्देनजर विधानसभा चुनाव के शेष तीनों चरणों का मतदान एक साथ कराने के उसके अनुरोध को स्वीकार करने का आग्रह किया था.
मालूम हो कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के बाद से पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक समेत चुनाव मैदान में उतरे दो प्रत्याशियों की मौत इसके संक्रमण के कारण हो चुकी है.
बीते 17 अप्रैल को पांचवें चरण के चुनाव के दौरान बीरभूम जिले के मुरारई सीट से टीएमसी के निर्वतमान विधायक अब्दुर रहमान की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई.
अब्दुर रहमान से पहले रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) की ओर से मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुरा सीट से चुनाव मैदान में उतरे प्रदीप कुमार नंदी की मौत भी बीते 16 अप्रैल को कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई थी. उनसे पहले 15 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले की शमशेरगंज सीट से उम्मीदवार रेजाउल हक की भी संक्रमण से मौत हो चुकी है.
निर्वाचन आयोग ने शमशेरगंज और जंगीपुरा विधानसभा सीट पर मतदान स्थगित कर दिया है.
पिछले हफ्ते में भी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से बचे हुए चरणों के चुनाव एक साथ कराने का अनुरोध किया था. बीते 16 अप्रैल को राज्य के चुनाव आयोग के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में भी यह मांग उठाई गई थी, लेकिन आयोग ने इसे ठुकरा दिया. हालांकि बैठक में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव का भाजपा ने विरोध किया था.
कांग्रेस का कटाक्ष: चुनाव लगभग खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश दिया
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार को लेकर दिए निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देश को लेकर बृहस्पतिवार को उस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चार राज्यों में मतदान संपन्न होने और एक राज्य में लगभग संपन्न होने के बाद आयोग ने सख्त आदेश दिया है.
Ha ! Ha ! Ha !
What a strong direction by ECI after elections are over in 4 States and nearly over in fifth State. https://t.co/IhU2vhgtPr
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 22, 2021
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘हा हा हा. चुनाव आयोग ने चार राज्यों में चुनाव पूरा होने और पांचवें राज्यों में लगभग पूरा होने के बाद कड़ा निर्देश दिया है.’
मालूम हो कि निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया था. पहले चरण में 30 सीटों पर मतदान 22 अप्रैल को हुए थे. दूसरे चरण में 30 सीटों पर मतदान एक अप्रैल, तीसरे चरण की 31 सीटों पर मतदान छह अप्रैल, चौथे चरण में 10 अप्रैल को 44 सीटों पर मतदान हुए थे. पांचवें चरण के तहत 17 अप्रैल को 45 सीटों पर और छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को मतदान हुए थे.
राज्य में अब सिर्फ दो चरणों में चुनाव होने हैं. 26 अप्रैल को सातवें चरण में 36 सीटों पर और आखिरी चरण की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होंगे. मतगणना दो मई को होगी.
मोदी ने मतदाताओं को उकसाने के लिए भाषण में आसनसोल दंगों का जिक्र किया: ममता
आसनसोल/तपन/रातुआ: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में मतदाताओं को ‘उकसाने’ के लिए 2018 के आसनसोल दंगों का जिक्र किया. इसके साथ ही ममता ने कहा कि यह उनके जैसे कद के किसी व्यक्ति के लिए ‘अशोभनीय’ है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने दिन में तीन रैलियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि प्रधानमंत्री ने ऐसी ‘भड़काऊ’ टिप्पणियों से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश की.
ममता ने कहा, ‘आप, विभिन्न समुदायों के सदस्य, एक साथ सद्भाव में रह रहे हैं. पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने आसनसोल का दौरा किया और कई आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. उन्होंने दंगों का मुद्दा उठाया और भड़काऊ बयान दिए. यह किसी प्रधानमंत्री या किसी गृह मंत्री को शोभा नहीं देता.’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान 2018 में रामनवमी के दौरान आसनसोल में हुए दंगों का जिक्र किया था और हिंसा के लिए परोक्ष रूप से तृणमूल पर दोषारोपण किया था.
ममता ने कहा कि दंगों में अपने बेटे को खोने वाले स्थानीय मस्जिद के इमाम ने कहा था कि वह और खूनखराबा या मौत नहीं चाहते. उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री जो कहते हैं, इमाम के शब्द उसके विपरीत हैं.’
उन्होंने कहा, ‘विभिन्न समुदायों के लोग यहां शांति से रहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री दंगों के मुद्दे को उठाते हैं.’
ममता ने दावा किया कि उन्हें पता चला है कि प्रधानमंत्री द्वारा आसनसोल में अपनी रैली शुरू करने से कुछ मिनट पहले मंच से कवि काजी नजरूल इस्लाम की एक तस्वीर मंच से हटा दी गई थी.’ उन्होंने कहा कि मीडिया को इसकी पुष्टि करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘कवि नजरुल इस्लाम बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि हैं लेकिन उनका जन्म बंगाल में चुरुलिया गांव में हुआ था. हमने उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय और अंडाल हवाई अड्डे का नाम रखा है. वह हमारे गौरव हैं.’
इससे पहले ममता ने तपन में एक चुनावी रैली में कहा कि केंद्र को कोविड-19 रोधी टीकों की खुराक की अलग-अलग कीमत की अनुमति नहीं देनी चाहिए और लोगों को यह टीका मुफ्त में दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की कीमत केंद्र के लिए 150, राज्यों के लिए 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये रखी गई है. तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘क्या यह मजाक है? आखिर एक टीका अलग-अलग कीमत पर क्यों बेचा जा रहा है? टीके का वाणिज्यीकरण नहीं होना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में केंद्र के पास काफी धन है, लेकिन वह मुफ्त टीका उपलब्ध नहीं करवाएगा. आखिर वे (केंद्र के नेता) इन दिनों जरूरतमंदों की मदद क्यों नहीं कर सकते?’
ममता ने आरोप लगाया कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देश के लिए मोदी की देन है.
उन्होंने कहा, ‘अब तक आपने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने) कुछ नहीं किया, आपने लोगों को सचेत नहीं किया या समय रहते जरूरी एहतियात नहीं बरती. अब मामलों के बढ़ने के बीच आप लोगों से टीके की खुराक खरीदने और टीका लगवाने के लिए कह रहे हैं.’
ममता के वोट बैंक और अवैध प्रवासी बंगाल में हैं असली ‘बाहरी’: शाह
हरिरामपुर: गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनके ‘भीतरी-बाहरी’ वाले बार-बार दोहराए गए बयान के जरिये निशाना साधते हुए कहा कि ‘अवैध प्रवासियों का उनका वोट बैंक’ जिसके समर्थन के बल पर वह राज्य में शासन करना चाहती हैं, असल में बाहरी वे ही लोग हैं.
शाह ने आरोप लगाया कि बनर्जी के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वयं उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने के अलावा और कोई एजेंडा नहीं है.
दक्षिण दिनाजपुर जिले के हरिरामपुर क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘हर चुनावी रैली में अपने हर भाषण में वह दस मिनट प्रधानमंत्री और मेरे लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करती हैं. मैं देश का गृह मंत्री हूं, क्या मैं लोगों से बात नहीं कर सकता? मैं बाहरी कैसे हुआ?’
उन्होंने कहा, ‘मेरा जन्म इसी देश में हुआ है और मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार भी इस पवित्र भूमि पर होगा. अवैध प्रवासियों का आपका वोट बैंक ही बाहरी है जिनके बल पर आप बंगाल पर शासन करना चाहती हैं.’
शाह ने दावा किया कि वाम दल और कांग्रेस के वोट बैंक भी ‘ये बाहरी लोग’ ही हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता में आती है तो वह यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य की सीमाओं से कोई भी प्रवासी अवैध रूप से प्रवेश ना करे. उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की नई सरकार शरणार्थियों को नागरिकता देगी.