कोविड-19: ऑक्सीजन संकट के बीच दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 मरीज़ों की मौत

राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी इलाके के जयपुर गोल्डन अस्पताल को उन्हें आवंटित ऑक्सीजन का कोटा शुक्रवार शाम को मिल जाना था, लेकिन यह आधी रात में पहुंचा. अस्पताल के निदेशक ने बताया कि उनके पास उपलब्ध ऑक्सीजन का भंडार कम होने के कारण फ्लो घट गया था, जिसके बाद मरीज़ों को नहीं बचाया जा सका.

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(फोटो: पीटीआई)

राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी इलाके के जयपुर गोल्डन अस्पताल को उन्हें आवंटित ऑक्सीजन का कोटा शुक्रवार शाम को मिल जाना था, लेकिन यह आधी रात में पहुंचा. अस्पताल के निदेशक ने बताया कि उनके पास उपलब्ध ऑक्सीजन का भंडार कम होने के कारण फ्लो घट गया था, जिसके बाद मरीज़ों को नहीं बचाया जा सका.

जयपुर गोल्डन अस्पताल. (फोटो साभार: ट्विटर)
जयपुर गोल्डन अस्पताल. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: ऑक्सीजन के गंभीर संकट के बीच दिल्ली के रोहिणी में जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 अत्यंत बीमार कोविड-19 मरीजों की रात भर में मौत हो गई. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. डीके बलूजा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘भंडार कम होने की वजह से ऑक्सीजन का दबाब घट गया है.’

उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, ‘मरीज क्रिटिकल केयर यूनिट में थे और ऑक्सीजन के उच्च फ्लो की जरूरत थी. हमारी ऑक्सीजन करीब 10 बजे खत्म हो गई थी और हमने मेन गैस पाइपलाइन से ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए थे. ऑक्सीजन के दबाव में गिरावट हुई और मरीज नहीं बच सके.’

खबरों के अनुसार, अस्पताल में शुक्रवार शाम 5.30 बजे इसका ऑक्सीजन का कोटा मिलना था, जो देर रात मिला.

उन्होंने कहा कि अस्पताल में करीब 200 मरीज भर्ती हैं और उनके पास 10 बजकर 45 मिनट पर केवल आधे घंटे की ऑक्सीजन शेष थी. कई घंटों की देरी के बाद अस्पताल को ऑक्सीजन की अंतिम रिफिल आधी रात में प्राप्त हुई थी.

बताया गया कि प्राप्त मात्रा इसे आवंटित कोटे की 40 प्रतिशत ही थी. यह हाल राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों के संकट को दिखता है.

शहर के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी को लेकर अदालतों में पहुंचे हैं और सोशल मीडिया पर अस्पताल के ख़राब हाल के बारे में बता रहे हैं.

डॉ. बलूजा ने कहा, ‘हम फिर मुश्किल में हैं. कल रात हम अधिकतर को बचा पाए लेकिन आज ऐसा नहीं हो सकेगा. हम बैकअप भी खत्म कर चुके हैं.

सरकार से किसी तरह की मदद मिली है, यह पूछे जाने पर चिकित्सा निदेशक ने कहा, ‘किसी ने भी कोई वादा नहीं किया है. हर कोई कह रहा है कि हम भरसक कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में भर्ती करीब 200 मरीजों में से 80 प्रतिशत मरीज ऑक्सीजन पर हैं. करीब 35 मरीज आईसीयू में हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऑक्सीजन की कमी के चलते दिल्ली के एक अस्पताल में 20 मरीजों की मौत होने पर शनिवार को दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत बहुत दुखद है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के प्रति हैं.’

कांग्रेस नेता ने दिल्ली सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करें.

गौरतलब है कि शुक्रवार को कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से ‘बड़ा हादसा’ होने की आशंका जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र को सेना की मदद से सभी ऑक्सीजन संयंत्र अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए.

कोविड-19 की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में केजरीवाल ने उनसे अनुरोध किया कि वह सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ऑक्सीजन टैंकरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दें.

प्रधानमंत्री के साथ बैठक में केजरीवाल ने कहा, ‘ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग बहुत तकलीफ में हैं. हमें डर है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ा हादसा हो सकता है और हम खुद को कभी माफ नहीं कर सकेंगे. मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं दिल्ली के लोगों की मदद नहीं कर पा रहा हूं. मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि दिल्ली आने वाले ऑक्सीजन टैंकरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश सभी मुख्यमंत्रियों को दें.’

उन्होंने कहा, ‘हमें इस संकट के समाधान के लिए राष्ट्रीय योजना की आवश्यकता है. केंद्र सरकार को सेना की मदद से सभी ऑक्सीजन संयंत्रों पर नियंत्रण कर लेना चाहिए और वहां से निकलने वाले प्रत्येक टैंकर को सेना के वाहन और सैनिक सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाएं.’

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 मरीजों की मौत हो गई. घटना के पीछे संभावित वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया गया था.

वहीं इसी दिन मध्य प्रदेश के जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन ख़त्म होने से पांच कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई.

बीते 18 अप्रैल को मध्य प्रदेश के ही शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वॉर्ड में कथित तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई की कमी की वजह से 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई थी.

वहीं, 21 अप्रैल की रात उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक निजी एसजेडी हॉस्पिटल में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित पांच मरीजों की मौत हो गई. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की बात से इनकार किया है.

इसके अलावा महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक सरकारी अस्पताल में बुधवार को भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 22 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)