पंजाब: अमृतसर के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से छह मरीज़ों की मौत

पंजाब के अमृसर स्थित नीलकंठ अस्पताल ने दावा किया कि उसके तीन प्रमुख ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं ने कहा कि आपूर्ति के मामले में सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जा रही है. उसने कहा कि ज़िला प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की. दो महिलाओं सहित छह मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

पंजाब के अमृसर स्थित नीलकंठ अस्पताल ने दावा किया कि उसके तीन प्रमुख ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं ने कहा कि आपूर्ति के मामले में सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जा रही है. उसने कहा कि ज़िला प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की. दो महिलाओं सहित छह मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

अमृतसर: पंजाब के अमृसतर स्थित एक अस्पताल में शनिवार को ऑक्सीजन की कमी से छह मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मृतकों में से पांच कोरोना वायरस से संक्रमित थे.

नीलकंठ अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुनील देवगन ने कहा, ‘जिला प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की.’

उन्होंने कहा, ‘दो महिलाओं सहित छह मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है.’

देवगन ने बताया कि मरीजों की मौत होने के बाद ऑक्सीजन के पांच सिलेंडर पहुंचाए गए.

अस्पताल के अध्यक्ष ने दावा किया कि उसके तीन प्रमुख ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं ने कहा कि आपूर्ति के मामले में सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जा रही है.

देवगन ने आरोप लगाया कि निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकने के लिए ऑक्सीजन संयंत्रों के बाहर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है.

उन्होंने बताया कि जिन छह मरीजों की मौत शनिवार को हुई, उनमें से दो मरीज गुरदासपुर जिले के और एक मरीज तरनतारण का था जबकि बाकी तीन मरीज अमृतसर के ही थे.

बार-बार संपर्क करने के बावजूद जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी मामले पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हुआ.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा, हम घटना की जांच करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

बता दें कि इससे पहले दिल्ली और मध्य प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से करीब 100 मरीजों की मौत हो चुकी है.

शुक्रवार को दिल्ली के रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 अत्यंत बीमार कोविड-19 मरीजों की रात भर में मौत हो गई.

इससे पहले गुरुवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 मरीजों की मौत हो गई. घटना के पीछे संभावित वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया गया था.

वहीं इसी दिन मध्य प्रदेश के जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन ख़त्म होने से पांच कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई.

बीते 18 अप्रैल को मध्य प्रदेश के ही शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वॉर्ड में कथित तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई की कमी की वजह से 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई थी.

वहीं, 21 अप्रैल की रात उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक निजी एसजेडी हॉस्पिटल में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित पांच मरीजों की मौत हो गई. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की बात से इनकार किया है.

इसके अलावा महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक सरकारी अस्पताल में बुधवार को भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 22 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)