यूपी: कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से गोरखपुर के बड़हलगंज में तीन मरीज़ों की मौत

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले के बड़हलगंज क़स्बे का मामला. अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत की बात से इनकार करते हुए कहा है कि मरीज़ पहले से ही गंभीर हालत में थे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: राॅयटर्स)

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले के बड़हलगंज क़स्बे का मामला. अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत की बात से इनकार करते हुए कहा है कि मरीज़ पहले से ही गंभीर हालत में थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: राॅयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: राॅयटर्स)

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बड़हलगंज कस्बे में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी वजह से तीन मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. बड़हलगंज के दुर्गावती अस्पताल में शुक्रवार दोपहर बाद यह घटना घटी.

हालांकि अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत होने की बात से इनकार किया है.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, परिजनों का आरोप है कि बृहस्पतिवार रात को ऑक्सीजन की कमी के बाद अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर लिए, जिसके बाद मरीजों की मौत हो गई.

दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने इस बात से इनकार करते हुए कहा है कि मरीज पहले से ही गंभीर हालत में थे. अस्पताल में 27 गंभीर मरीज भर्ती हैं. प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने रात में ही 30 सिलेंडर मंगा लिए थे.

परिजनों को आरोप है कि 17 ऑक्सीजन सिलेंडर ही देर रात तीन बजे तक अस्पताल पहुंच सके थे. इस पर अस्पताल संचालक का कहना है कि 13 सिलेंडर रास्ते में ही उतरवा लिए गए थे, जिन्हें वापस मंगा लिया गया था.

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में अस्पताल संचालक डाॅ. मनोज यादव की ओर से बड़हलगंज थाने में तहरीर दी गई है.

डाॅ. मनोज यादव के अनुसार, 110 खाली सिलेंडर गीडा स्थित मोदी केमिकल्स के प्लांट पर भरने के लिए भेजे गए थे. वहां से ऑक्सीजन भरा 30 सिलेंडर अस्पताल के लिए रवाना किए गए थे. रात दो बजे तक सिलेंडर नहीं पहुंचे तो अस्पताल में अफरातफरी मच गई.

रिपोर्ट के अनुसार, चालक रात तीन बजे ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल पहुंचा तो सिर्फ 17 सिलेंडर ही थे. अस्पताल प्रशासन ने इसका विरोध जताया तो चालक ने बड़हलगंज कस्बे में ही 13 अन्य सिलेंडरों को विभिन्न जगहों पर उतारने की बात स्वीकार की.

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन का कहना है कि बड़हलगंज में ऑक्सीजन भेज दिया गया था. रास्ते में कुछ सिलेंडर उतारने का मामला सामने आया थाए उसे भी अस्पताल को भिजवा दिया गया था. किसी मरीज की मौत आक्सीजन की कमी से नहीं हुई.