भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा है कि पूरे देश में वैक्सीन के इंजेक्शन की कीमत एक ही होनी चाहिए और यह कीमत शून्य होनी चाहिए. उन्होंने कोविड-19 टीके की मूल्य नीति को जटिल और राजनीति से भरा बताया. भारत में कोविड वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियां सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक ने इसकी कीमत बढ़ा दी है.
नई दिल्ली: भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के टीके की पूरी लागत केंद्र को वहन करनी चाहिए और इसका बोझ राज्यों पर नहीं डाला जाना चाहिए.
उन्होंने भारत में कोविड-19 टीके की मूल्य नीति को जटिल और राजनीति से भरा बताया.
सुब्रमणियन ने ट्विटर पर एक के बाद एक कई संदेश में कहा, ‘भारत की वैक्सीन मूल्य नीति जटिल और राजनीति भरी है. सरकार को चाहिए कि वह विनिर्माताओं को तर्कसंगत कीमत दे. यह सौदेबाजी करने या घरेलू या विदेशी निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए अनिश्चितता पैदा करने का समय नहीं है.’
India's vaccine pricing being complicated/politicized.
Three simple principles to follow.
1. Govt. should pay manufacturers reasonable price. This is not the time for haggling and creating uncertainty for private sector, domestic or foreign 1/
— Arvind Subramanian (@arvindsubraman) April 24, 2021
सुब्रमणियन ने ट्वीट किया, ‘पूरे देश में वैक्सीन के इंजेक्शन की कीमत एक ही होनी चाहिए और यह कीमत शून्य होनी चाहिए. अत: सबके लिए वैक्सीन मुफ्त हो.’
भेदभाव और जटिलता अनैतिक और अनावश्यक है और इसे लागू करना भी कठिन होगा.
उन्होंने कहा कि सबके लिए वैक्सीन मुफ्त होने से इस पर राजनीति नहीं होगी. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की पूरी की पूरी लागत केंद्र को उठानी चाहिए न कि राज्यों को.
3. The Center-NOT states-should bear full fiscal "costs" of vaccines.
Why?
–Virus does not respect state borders.
–Center has better access to resources than states
–Fiscal "costs" are trivial compared to lives saved and economic activity preserved n/— Arvind Subramanian (@arvindsubraman) April 24, 2021
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 19 अप्रैल को घोषणा की कि एक अप्रैल से टीकाकरण अभियान में 18 साल के ऊपर के लोगों को भी वैक्सीन दी जा सकेगी. सरकार ने यह भी कहा था कि टीकाकरण के लिए निजी अस्पताल और राज्य सरकारें विनिर्माताओं से टीके की खुराक खरीद सकती हैं.
इसके साथ ही भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया (एसआईआई) ने बीते 21 अप्रैल को घोषणा की थी कि वह कोविशील्ड वैक्सीन राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति शीशी और निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति शीशी की दर पर देगी. कंपनी केंद्र सरकार को अभी तक 150 रुपये की दर से कोविशील्ड की खुराक दे रही थी.
सीरम इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा था कि शुरुआती 10 करोड़ खुराक का अनुबंध समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार से भी 400 रुपये प्रति खुराक की दर से राशि ली जाएगी.
बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि भारत के निजी अस्पतालों के लिए कोविशील्ड की 600 रुपये प्रति खुराक की कीमत दुनिया में सबसे अधिक है, जो कि एक मई से उपलब्ध होगा.
इसके बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने बीते शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन का मूल्य शुरुआती कीमत के मुकाबले डेढ़ गुना तय करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि शुरुआती कीमत अग्रिम वित्त पोषण पर आधारित थी और अब उसे उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश करने की जरूरत है.
सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा था, ‘भारत वैक्सीन की कीमत और वैश्विक कीमतों के बीच एक गलत तुलना की गई है. कोविशील्ड आज बाजार में उपलब्ध कोविड-19 की सबसे सस्ती वैक्सीन है.’
इस बीच भारत बायोटेक कंपनी ने शनिवार को बताया कि वह अपने कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ को राज्य सरकारों को प्रति खुराक 600 रुपये और निजी अस्पतालों को प्रति खुराक 1,200 रुपये में उपलब्ध कराएगी.
हालांकि शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘भारत सरकार के लिए दोनों ही कोविड-19 वैक्सीन की खरीद कीमत 150 रुपये प्रति खुराक रहेगी. ये खुराक राज्यों को मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते रहेंगे.’
मालूम हो कि भारतीय दवा महानियंत्रक डीसीजीआई ने जनवरी में दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन कोविशील्ड तथा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी.
भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर कोवैक्सीन का विकास किया है. वहीं, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है.
इसी माह रूस में निर्मित कोविड-19 की वैक्सीन ‘स्पुतनिक वी’ के सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए भारत में मंजूरी मिल गई थी. ‘स्पुतनिक वी’ भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली तीसरी वैक्सीन है. भारत में इसका निर्माण डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज की ओर से होगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)