महाराष्ट्र के ठाणे स्थित वेदांता अस्पताल का मामला. मृतकों के परिजन ने ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण क़रार दिया. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने ऑक्सीजन की कमी से मौत की बात से इनकार करते हुए मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि आग या ऑक्सीजन की वजह से सात ऐसी घटनाएं हुईं, जिसमें 150 कोविड मरीजों की मौत हो गई.
ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे के एक निजी अस्पताल में बीते सोमवार को कोविड-19 के चार मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद मरीजों के परिवार वालों ने ऑक्सीजन की कमी का आरोप लगाया है.
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मृतकों की हालत गंभीर थी.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि राज्य सरकार ने अस्पताल में चार मरीजों की मौत के कारणों का पता लगाने के वास्ते एक समिति गठित की है.
अस्पताल का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने भिवंडी निजामपुर नगर निगम के आयुक्त पंकज अशिया को घटना की जांच करके रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.’
#NewsAlert | Thane: Family members of patients protest outside Vedanta hospital. Family members allege 6 deaths due to oxygen shortage.
Details by Aruneel. pic.twitter.com/20DEnxqQMW
— TIMES NOW (@TimesNow) April 26, 2021
इस बीच मृतकों के परिजन ने अस्पताल के गेट पर हंगामा किया और ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण करार दिया. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या छह बताई जा रही है.
मरीजों की मौत के कारणों के संभावित कारणों के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि अस्पताल के आईसीयू में 35 मरीज भर्ती थे और अगर ऑक्सीजन आपूर्ति के बाधित होने को कारण मानें तो सभी मरीज प्रभावित होने चाहिए, न कि उनमें से केवल चार मरीज.
ठाणे वेदांत अस्पतालमें दोषपूर्ण ऑक्सीजन की प्रणाली की वजह से 6 कोविड मरीजों की मौत
आग या ऑक्सीजन की वजह से 7 ऐसी घटनाएं (नागासोपारा, विरार, ठाणे भंडारा, भांडुप, नासिक, औरंगाबाद) हुई जिसमें 150 कोविड मरीजों की मौत हो गई
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को उनके पदसे बरखास्त करना चाहिए pic.twitter.com/G4avUMc3IY
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) April 26, 2021
भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने ट्वीट कर कहा, ‘ठाणे के वेदांता अस्पताल में दोषपूर्ण ऑक्सीजन की प्रणाली की वजह से छह कोविड मरीजों की मौत. आग या ऑक्सीजन की वजह से सात ऐसी घटनाएं (नागासोपारा, विरार, ठाणे भंडारा, भांडुप, नासिक, औरंगाबाद) हुईं, जिसमें 150 कोविड मरीजों की मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को उनके पद से बर्खास्त करना चाहिए.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, महाराष्ट्र के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने चार मरीजों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
अस्पताल के बाहर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए सभी का जीवन महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले को गंभीरता से लिया है.’
शिंदे ने कहा कि मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसमें भिवंडी निजामपुर नगर निगम के आयुक्त, ठाणे सिविल सर्जन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी और अन्य शामिल हैं.
शिंदे ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन में उन्हें सूचना दी थी कि चारों मरीज पहले से ही गंभीर स्थिति में थे.
ठाणे में ऑक्सीजन की कमी के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि कमी महाराष्ट्र में हर कहीं है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. इसके लिए दूसरे दूसरे राज्यों और ऑक्सीजन भंडार गृहों से संपर्क किया जा रहा है.
इस बीच भाजपा के ठाणे अध्यक्ष और एमएलसी निरंजन दवखरे ने भी अस्पताल का दौरा किया और मामले की जांच की मांग को लेकर जिला कलेक्टर राजेश नार्वेकर को एक ज्ञापन सौंपा है.
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से चार मरीजों की मौत हुई है.
सोमवार को ठाणे जिले में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 450,587 हो गई थी और मरने वालों की संख्या 7,278 हो चुकी है. ठाणे में कोरोना से मृत्यु दर 1.62 प्रतिशत है.
बता दें कि इससे पहले हरियाणा में दो दिनों (25 और 26 अप्रैल) को कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से कम से कम 13 लोगों की मौत का मामला सामने आया था. बीते 24 अप्रैल को पंजाब के अमृसतर स्थित एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से छह मरीजों की मौत हो गई थे.
23 अप्रैल को ही ऑक्सीजन के गंभीर संकट के बीच दिल्ली के रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 अत्यंत बीमार कोविड-19 मरीजों की रात भर में मौत हो गई थी.
बीते 23 अप्रैल को 24 घंटे के दौरान दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 मरीजों की मौत हो गई. घटना के पीछे संभावित वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया गया था.
बीते 23 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बड़हलगंज कस्बे में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी वजह से तीन मरीजों की मौत का मामला सामने आया था.
22 और 23 अप्रैल की दरमियानी रात में मध्य प्रदेश के जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन ख़त्म होने से पांच कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई.
बीते 21 अप्रैल को महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक सरकारी अस्पताल में बुधवार को भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 22 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई थी.
21 अप्रैल की रात उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक निजी एसजेडी हॉस्पिटल में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित पांच मरीजों की मौत हो गई.
बीते 18 अप्रैल को मध्य प्रदेश के ही शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वॉर्ड में कथित तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई की कमी की वजह से 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)