घटना ठाणे के समीप मुंब्रा इलाके में स्थित प्राइम क्रिटिकेयर हॉस्पिटल की है, जहां बुधवार तड़के आग लग गई. बताया गया है कि अस्पताल में कोई कोरोना संक्रमित मरीज़ नहीं था. स्थानीय विधायक जितेंद्र अव्हाड ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है.
ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे के समीप एक निजी अस्पताल में बुधवार तड़के आग लगने के बाद चार मरीजों की मौत हो गई.
नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि ठाणे के समीप मुंब्रा इलाके में कौसा में स्थित प्राइम क्रिटिकेयर हॉस्पिटल में तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर आग लगी. अस्पताल में कोरोना वायरस का कोई मरीज नहीं था.
अधिकारी ने बताया कि मरीजों की मौत आग लगने के बाद दूसरे अस्पतालों में ले जाते वक्त हुई न कि जलने के कारण. हो सकता है कि आग लगने के बाद उनके शरीर में धुआं घुस गया हो.
4 people have died, cause of death will be ascertained through postmortem. Initially, we had received info that there are 12 people inside the hospital but the numbers may vary. Police investigation will be done. Action will be taken: Senior Police Inspector Madhukar Shivaji Kad pic.twitter.com/9wE9uI3mHH
— ANI (@ANI) April 28, 2021
उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर दमकल की तीन गाड़ियां और पांच एम्बुलेंस भेजी गई. आग पर काबू पा लिया गया है. उन्होंने बताया कि आईसीयू में भर्ती छह मरीजों समेत 20 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर मधुकर शिवजी काड ने बताया, ‘चार मरीजों की मौत हुई है, लेकिन इसका कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा. शुरुआत में जब हमें खबर मिली थी तो बताया गया था कि 12 लोग अंदर है और यह संख्या बदल भी सकती है. पुलिस जांच करेगी और कार्रवाई की जाएगी.’
महाराष्ट्र के मंत्री और स्थानीय विधायक जितेंद्र अव्हाड ने घटनास्थल पर पत्रकारों को बताया कि आग से अस्पताल की पहली मंजिल जलकर खाक हो गई.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हादसे की जानकारी दी गई है. प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा और घायलों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
अव्हाद ने बताया कि आग लगने की वजह का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है. समिति में ठाणे नगर निगम के अधिकारी और पुलिस तथा मेडिकल के अधिकारी भी शामिल होंगे.
गौरतलब है कि इससे पांच दिन पहले पालघर जिले के विरार में एक निजी अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से कोविड-19 के 15 मरीजों की मौत हो गई थी.
पिछले हफ्ते ही नासिक के एक सिविक अस्पताल के मुख्य भंडारण में खामी के कारण अचानक ऑक्सीजन आपूर्ति रुकने से कोविड-19 के 22 मरीजों की मौत हो गई थी.
10 अप्रैल को नागपुर के एक निजी अस्पताल में लगी आग में भी चार मरीजों ने अपनी जान गंवा दी थी.
मुंबई के ड्रीम्स मॉल में 25-26 मार्च की मध्यरात्रि को एक कोविड अस्पताल में भी आग लग गई थी. इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई थी.
राज्य में नौ जनवरी को भंडारा जिला अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में आग लगने से 10 शिशुओं की मौत हो गई थी. घटना के समय वार्ड में एक से तीन महीने की आयु के 17 शिशु मौजूद थे.
पिछले साल अक्टूबर में मुंबई के मुलुंड उपनगर में एक निजी अस्पताल में आग लगने के बाद दो मरीजों की मौत हो गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)