ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों को मुआवज़ा देना होगा, ज़िम्मेदारी राज्य की है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों के नर्सिंग होम में हुईं मौतों के संबंध में रिपोर्ट दाख़िल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि वह ऑक्सीजन सिलेंडरों और कोविड रोगियों के इलाज से जुड़ीं महत्वपूर्ण दवाओं की कालाबाज़ारी रोके तथा ऑक्सीजन वितरण से जुड़े मुद्दे का समाधान करे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों के नर्सिंग होम में हुईं मौतों के संबंध में रिपोर्ट दाख़िल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि वह ऑक्सीजन सिलेंडरों और कोविड रोगियों के इलाज से जुड़ीं महत्वपूर्ण दवाओं की कालाबाज़ारी रोके तथा ऑक्सीजन वितरण से जुड़े मुद्दे का समाधान करे.

(प्रतीकात्मक फोटो: राॅयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: राॅयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों के नर्सिंग होम में हुई मौतों के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. इस संबंध में शपथ पत्र चार दिनों के भीतर दायर किया जाएगा.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा, ‘हम ऑक्सीजन की कमी के कारण उक्त अस्पतालों और नर्सिंग होम में हुईं मौतों के संबंध में सभी अस्पतालों और नर्सिंग होमों से पूछताछ करने के बाद दिल्ली सरकार को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हैं.’

ऐसी सभी मौतों का ब्योरा यानी मरीज का नाम, वार्ड/कमरे जिसमें वे भर्ती थे, मृत्यु का समय और मृत्यु का कारण सारणीबद्ध रूप में इंगित किया जाना चाहिए. इस संबंध में चार दिनों के भीतर हलफनामा दायर किया जाएगा.

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की खंडपीठ ने कोविड-19 की स्थिति और राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी से संबंधित याचिका पर विचार कर रही थी.

अदालत ने आदेश दिया, ‘इसके साथ ही न्यायालय ने तरल और गैसीय ऑक्सीजन और रिफिलरों की जानकारी प्रदान करने वाला एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया. कोर्ट ने ऑक्सीजन रिफिलर्स को सरकार के पोर्टल पर डेटा प्रदान करने का भी निर्देश दिया.’

हम यह स्पष्ट करते हैं कि यदि कोई भी ऑक्सीजन रिफिलर पोर्टल पर डेटा प्रदान नहीं करता है, तो न केवल दिल्ली सरकार बल्कि अदालत भी सख्त कार्रवाई करेगी.

मौत की संख्या का विवरण प्रदान करने के मामले पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘हमें ऑक्सीजन की कमी के कारण इन लोगों को मरने के लिए भी क्षतिपूर्ति करनी होगी. इसकी जिम्मेदारी राज्य की है.’

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन सिलेंडरों और कोविड रोगियों के उपचार से जुड़ीं महत्वपूर्ण दवाओं की कालाबाजारी रोके तथा अस्पतालों और लोगों को ऑक्सीजन वितरण से जुड़े मुद्दे का समाधान करे.

हाईकोर्ट ने कहा कि यदि राज्य सरकार स्थिति से नहीं निपट सकती है तो फिर केंद्र सरकार से ऑक्सीजन भरने वाली इकाइयों को अपने नियंत्रण में लेने को कहेगी, क्योंकि अदालत लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकती.

राष्ट्रीय राजधानी में कोविड रोगियों के उपचार में ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के मुद्दे पर तीन घंटे तक चली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि समस्या दिल्ली सरकार में है.

हाईकोर्ट ने नोडल अधिकारी उदित प्रकाश को अस्पतालों और नर्सिंग होम को सिलेंडरों से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

हाईकोर्ट ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन भरने वाले उस संयंत्र का नियंत्रण अपने हाथ में ले जो अस्पतालों को प्राणवायु की आपूर्ति नहीं कर रहा और कथित तौर पर इसकी कालाबाजारी कर रहा है.

अदालत ने स्पष्ट किया कि इसी तरह की कार्रवाई उन अन्य आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ भी की जाए, जो संबंधित दायित्व निभाने से इनकार करें.

इसके साथ ही इसने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि वह अस्पतालों तथा फार्मेसी में रेमडेसिविर, फैबिफ्लू और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं के भंडार और इसकी बिक्री का जायजा ले, क्योंकि लोगों को ये दवाएं नहीं मिल रही हैं और काले बाजार में महंगे दामों में बिक रही हैं.

पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति का लेखा-जोखा न रखे जाने का परिणाम ‘गैस की कृत्रिम कमी और कालाबाजारी के रूप में निकल रहा है.’

पीठ कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए ऑक्सीजन संकट और दवाओं की कमी से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रही थी.

अदालत ने कहा कि यह समय ‘गिद्ध बनने’ का नहीं है.

पीठ ने ऑक्सीजन सिलेंडरों को दोबारा भरने वालों से कहा, ‘क्या आप कालाबाजारी से अवगत हैं. क्या यह अच्छी मानव भावना है.’

इसने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार की समूची प्रणाली विफल हो गई है, क्योंकि ऑक्सीजन सिलेंडरों और कोविड महामारी के उपचार में काम आने वाली दवाओं की कालाबाजारी जारी है.

पीठ ने कहा कि यह गड़बड़ी है, जिसका समाधान करने में राज्य सरकार विफल रही है.

अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा, ‘आपके पास शक्ति है, ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं की कालाबाजारी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करिए.’

इसने कहा, ‘राहुल मेहरा (दिल्ली सरकार के वकील) अपनी व्यवस्था ठीक करिए.’

अदालत ने कहा, ‘बहुत हो गया. यदि आप यह नहीं कर सकते, हमें बताइए, हम केंद्र सरकार से इन (ऑक्सीजन भरने वाले) संयंत्रों को अपने हाथ में लेने को कहेंगे. हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)