फेसबुक ने बृहस्पतिवार की सुबह एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसने ग़लती से उस हैशटैग को बाधित किया, जिसमें प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े (#ResignModi) की मांग की जा रही है. कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह मोदी सरकार के आदेश पर नहीं किया गया.
नई दिल्ली: बुधवार की रात फेसबुक ने दुनियाभर के अपने उपभोक्ताओं को अस्थायी तौर पर रिजाइनमोदी हैशटैग (#ResignModi) वाले कंटेंट को सर्च करने से रोक दिया था.
हालांकि, विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर लोगों द्वारा नाराजगी जताए जाने पर कुछ घंटे बाद ही फेसबुक ने हैशटैग और उससे जुड़े कंटेंट को बहाल कर दिया.
इसके बाद विवाद पर एक संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने कहा कि फेसबुक देख रहा है कि क्या हुआ था.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘इस हैशटैग को बहाल कर दिया गया है और हम देख रहे हैं कि क्या हुआ था.’
This hashtag has been restored and we are looking into what happened.
— Andy Stone (@andymstone) April 28, 2021
फेसबुक ने बृहस्पतिवार की सुबह एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसने गलती से उस हैशटैग को बाधित किया, जिसमें प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की जा रही है. कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह मोदी सरकार के आदेश पर नहीं किया गया.
फेसबुक के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘हमने गलती से इस हैशटैग को अस्थायी रूप से बंद किया था, न कि भारत सरकार द्वारा हमें ऐसा करने के लिए कहा गया था. हमने इसे बहाल कर दिया है.’
बुधवार की शाम फेसबुक उपभोक्ताओं ने पाया कि जब वे रिजाइनमोदी हैशटैग (#ResignModi) सर्च कर रहे हैं तब उससे संबंधित पोस्ट दिखाई देने के बजाय उन्हें ‘हमारे समुदाय को सुरक्षित रख रहे हैं’ (Keeping Our Community Safe) शीर्षक से एक मैसेज दिखाई दे रहा था, जिसमें लिखा था, ‘अस्थायी रूप से इस तक पहुंच बाधित कर दी गई है, क्योंकि पोस्ट में मौजूद कुछ सामग्री हमारे सामुदायिक मानकों के विपरीत है.’
हालांकि, ऐसा देखा गया कि लोगों को #ResignModi वाली सामग्री पोस्ट करने से रोका नहीं गया. यह साफ नहीं हो सका कि उन हैशटैग में ऐसी कौन सी सामग्री थी, जिसने फेसबुक के सामुदायिक मानकों का उल्लंघन किया.
द वायर द्वारा भेजी गई एक प्रश्नावली के जवाब में कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हैशटैग को एक गलती के कारण बाधित किया गया था और मोदी सरकार ने कंपनी को ऐसा करने के लिए नहीं कहा था.
बता दें कि फिलहाल भारत कोविड-19 की दूसरी लहर की भीषण चपेट में है. रोजाना सामने आ रहे लाखों मामलों ने पहले से ही चरमराई हुई देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.
कोविड-19 को संभालने के तरीके को लेकर मोदी सरकार की आलोचना पहले से ही मुश्किल बनी हुई है, क्योंकि केंद्र सरकार ने ट्विटर से विपक्षी नेताओं के कई ट्वीट्स को हटाने के लिए कहा था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी या हाल में कुंभ मेला में जुटी भीड़ संभालने को लेकर आलोचना की गई थी.
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