भारत में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने भारत को ज़रूरत पड़ने पर एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला से मदद का प्रस्ताव दिया था, जिसके जवाब में उन्हें बताया गया कि इसकी ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारत के पास यथोचित ‘मज़बूत व्यवस्था’ है.
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला के जरिये की गई मदद की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है और कहा है कि देश के पास जरूरी साजो-सामान के साथ स्थिति से निपटने के लिए ‘मजबूत व्यवस्था’ है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के सवाल के जवाब में कहा, ‘हमने जरूरत पड़ने पर अपने एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला से सहायता की पेशकश की है. हमें बताया गया कि इस समय इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि भारत के पास इससे निपटने के लिए यथोचित मजबूत व्यवस्था है. लेकिन हम अपनी पेशकश पर कायम हैं और हम जो भी मदद कर सकते हैं वह करने को इच्छुक हैं.’
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा आवश्यक सामग्री भेजने की संभावना के बारे में पूछने पर हक ने कहा, ‘अब तक इसकी मांग नहीं की गई है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं हमारे पास लोग हैं जिनमें हमारे अपने लोग भी शामिल है- जो परिचालन एवं साजो सामान से संबंधित मुद्दों से निपट सकते हैं और मदद करने को इच्छुक हैं. हम भारत में अपने समकक्ष के संपर्क में हैं.
भारत के कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों से जूझने के बीच संयुक्त राष्ट्र भारत में अधिकारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर संपर्क में है.
हक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव की मुख्य सचिव मारिया लुइजा रिबेरियो वियोत्ती भारत में कोविड-19 की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति और व्यवस्था से जुड़े अन्य अधिकारियों के संपर्क में हैं.
हक ने इसके साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित कर रहा है कि भारत में उसके अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कर्मी सुरक्षित रहें ताकि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ नहीं बढ़े.
उन्होंने कहा, ‘सौभाग्य से हमारे कर्मियों में (संक्रमण के) बहुत कम मामले आए हैं. ऐसे में हमारा मानना है कि हम अपनी कोशिश में सफल हुए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं हम स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव नहीं बढ़ाएं जो पहले ही चुनौती का सामना कर रही है.’
इससे पहले, मंगलवार को दैनिक ब्रीफिंग में हक ने कहा था कि भारत में, संयुक्त राष्ट्र के सहयोगी महामारी के प्रभावों से निपटने के लिए अधिकारियों और समुदायों की मदद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की संस्थाएं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित कर रही हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महिला पहल के माध्यम से 10,000 नर्स शामिल हैं.
भारत में कोविड की स्थित पर चिंता जताते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कन बोज़किर ने मंगलवार को ट्विटर पर कहा कि जिस देश ने कमजोर देशों के लिए कोविड रोधी टीका सुनिश्चित करने के लिए इतना कुछ किया, अब वक्त है कि विश्व उस भारत की मदद करे.
I’m worried about the #COVID19 situation in India, a country which did so much to ensure #Vaccines4All in vulnerable countries. It’s time for the world to extend aid & support to India. No one’s safe until we’re all safe. My thoughts are w/ @IndiaUNNewYork & the Indian people.
— UN GA President (@UN_PGA) April 27, 2021
उन्होंने कहा, ‘जब तक हम सब सुरक्षित नहीं है, तब तक कोई सुरक्षित नहीं है.’
यूएन एजेंसियां भारत के लिए सात हजार ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, अन्य उपकरण खरीद रही हैं : प्रवक्ता
संयुक्त राष्ट्र कोविड- 19 महामारी से निपटने में भारत की मदद करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और हजारों ऑक्सीजन सांद्रक, ऑक्सजीन उत्पादन संयंत्र व अन्य अवश्यक उपकरणों को भेजने के लिए उनकी खरीद कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की टीम सचल अस्पताल बनाने में भी मदद कर रही है.
फरहान हक ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘मैं जानता हूं कि आप मौजूदा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भारत को हमारी मदद के बारे में जानना चाह रहे हैं. हमारी टीम वहां समन्वयक रेनेटा लोक डेस्सालियान के नेतृत्व में महामारी से लड़ रहे अधिकारयों को सहयोग दे रही है और उपकरण एवं अन्य आपूर्तियां कर रही हैं.’
हक ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) 7,000 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए 500 नेजल उपकरणों सहित अन्य सामान खरीद रहे हैं. इसके अलावा ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्र, कोविड-19 जांच मशीन और पीपीपी किट की मदद भी पहुंचाई जा रही है.
उल्लेखनीय है कि हक की यह टिप्पणी उनके उस बयान केबाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला के जरिये भारत की मदद करने की पेशकश की थी लेकिन इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)