मृतक डॉक्टर की पहचान 62 वर्षीय डॉ. आरके हिमथानी के रूप में हुई है. वह बत्रा अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेराइटिस विभाग के प्रमुख थे. कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच देश के विभिन्न अस्पतालों में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से मौत होने मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मेहरौली इलाके में स्थित बत्रा अस्पताल के आईसीयू में शनिवार दोपहर गैस्ट्रो-गैस्ट्रोएंटेराइटिस विभाग के प्रमुख सहित 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का मामला सामने आया है.
अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए ऑक्सीजन की कमी को जिम्मेदार ठहराया है. मृतक डॉक्टर की पहचान 62 वर्षीय डॉ. आरके हिमथानी के रूप में हुई है. उन्हें 15-20 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अस्पताल के कार्यकारी निदेशक सुधांशु बंकाटा ने कहा, ‘रोगी के एक बार ऑक्सीजन सपोर्ट से हटते ही, उन्हें बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. दुर्भाग्यवश हमें और लोगों की मौत होने की आशंका है.’
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, शुरुआत में ऑक्सीजन की कमी से आठ लोगों की मौत हुई, इसके बाद चार और रोगियों की मौत हो गई, जिससे मृतक संख्या बढ़कर 12 हो गई.
क्या आईसीयू में ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई, इसके जवाब में इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. एससीएल गुप्ता ने बताया, ‘हां बिल्कुल, अगर अस्पताल आधे घंटे तक बिना ऑक्सीजन के चलेगा… अब तक आठ कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. पांच मरीजों की जान बचाने की कोशिश की जारी है. उनकी हालत गंभीर है.’
"We are running out of Oxygen. We are in a crisis mode": Executive Director of Delhi's Batra Hospital sends SOS #OxygenShortage pic.twitter.com/Glwo8ORNnd
— NDTV (@ndtv) May 1, 2021
रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के 327 मरीजों में 48 क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में हैं. शनिवार दोपहर से ऑक्सीजन सप्लाई कम होने के बारे में जानकारी दी जा रही थी. दोपहर 12:30 बजे अस्पताल ने दावा किया उसके यहां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन खत्म हो गया है. दोपहर 1:35 बजे के आसपास एक ऑक्सीजन टैंकर अस्पताल पहुंचा.
इस बीच, अस्पताल ने कहा कि उसने शनिवार को ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर संकट कालीन संदेश (एसओएस) भेजा था.
चिकित्सा निदेशक डॉ. एससीएल गुप्ता ने कहा कि उन्होंने शनिवार सुबह जब 2,500 लीटर ऑक्सीजन बची थी तो इसकी कमी को लेकर अधिकारियों के जानकारी दी थी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर शोक व्यक्त किया है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘ये खबर बहुत ही ज़्यादा पीड़ादायी है. इनकी जान बच सकती थी- समय पर ऑक्सीजन देकर. दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सीजन दी जाए. अपने लोगों की इस तरह होती मौतें अब और नहीं देखी जाती. दिल्ली को 976 टन ऑक्सीजन चाहिए और कल केवल 312 टन ऑक्सीजन दी गई. इतनी कम ऑक्सीजन में दिल्ली कैसे सांस लें?’
इससे संबंधित एक अन्य घटनाक्रम में वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। अस्पताल के पास चार घंटे की ऑक्सीजन बची है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
दिल्ली कोरोना मोबाइल ऐप के अनुसार अस्पताल में कोविड-19 के 106 रोगी हैं.
इस बीच मीरा बाग स्थित सहगल नियो अस्पताल ने ट्विटर के जरिये अस्पताल में खत्म होती ऑक्सीजन को लेकर एसओएस भेजा है.
अस्पताल ने दोपहर करीब 12 बजकर 40 मिनट पर ट्वीट किया, ‘हम ऑक्सीजन हासिल करने में आपात सहायता का अनुरोध करते हैं. हमारी पिछली आपूर्ति खत्म हो रही है और सुबह से नई आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हमारे यहां ऑक्सीजन सपोर्ट पर 90 और आईसीयू में 13 रोगी हैं.’
राजधानी के विभिन्न अस्पतालों ने पिछले सप्ताह संकट कालीन संदेश (एसओएस) जारी कर ऑक्सीजन आपूर्ति खत्म होने के कगार पर होने की बात कही थी.
दिल्ली की सरकार भी लगातार कह रही है कि उसे उसके हिस्से का ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है.
मालूम हो कि कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच देश के विभिन्न अस्पतालों में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से मौत होने मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
बीते 26 अप्रैल को महाराष्ट्र में ठाणे स्थित वेदांता अस्पताल कोविड-19 के चार मरीजों की मौत हो गई थी. मृतकों के परिजन ने ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण करार दिया था.
हरियाणा में दो दिनों (25 और 26 अप्रैल) को कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से कम से कम 13 लोगों की मौत का मामला सामने आया था. बीते 24 अप्रैल को पंजाब के अमृसतर स्थित एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से छह मरीजों की मौत हो गई थे.
23 अप्रैल को ही ऑक्सीजन के गंभीर संकट के बीच दिल्ली के रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 अत्यंत बीमार कोविड-19 मरीजों की रात भर में मौत हो गई थी.
बीते 23 अप्रैल को 24 घंटे के दौरान दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 मरीजों की मौत हो गई. घटना के पीछे संभावित वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया गया था.
बीते 23 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बड़हलगंज कस्बे में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी वजह से तीन मरीजों की मौत का मामला सामने आया था.
22 और 23 अप्रैल की दरमियानी रात में मध्य प्रदेश के जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन ख़त्म होने से पांच कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई.
बीते 21 अप्रैल को महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक सरकारी अस्पताल में बुधवार को भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 22 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई थी.
21 अप्रैल की रात उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक निजी एसजेडी हॉस्पिटल में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित पांच मरीजों की मौत हो गई.
बीते 18 अप्रैल को मध्य प्रदेश के ही शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वॉर्ड में कथित तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई की कमी की वजह से 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)