नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही, क्योंकि मीडिया के एक धड़े में अधिकारी पर ममता की जीत की ख़बर चलने लगी थी. तृणमूल कांग्रेस ने इसके मद्देनज़र मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर दोबारा मतदान कराने की मांग की. हालांकि आयोग ने पार्टी के इस अनुरोध को ख़ारिज कर दिया.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे और अब भाजपा के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से हार गई हैं.
नंदीग्राम सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने मतगणना प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा मतों की गिनती करने की मांग की है.
हालांकि, एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट पर फिर से मतगणना कराने के तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को खारिज कर दिया है.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी 1,956 मतों से विजयी हुए हैं.
आयोग ने पुष्टि की है कि शुभेंदु अधिकारी को 110,764 मत मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बनर्जी के पक्ष में 108,808 मत पड़े.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, 6,227 मतों के साथ माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहीं.
हालांकि, आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही, क्योंकि मीडिया के एक धड़े में शुभेंदु अधिकारी पर ममता की जीत की खबर चलने लगी थी.
तृणमूल कांग्रेस ने इसके मद्देनजर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर दोबारा मतदान कराने की मांग की.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल ने आरोप लगाया कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और उनकी संख्या में विसंगति है, मतदान प्रक्रिया भी बार-बार रोकी गई और उसकी जानकारी चुनाव अधिकारियों ने नहीं दी.
पार्टी ने आरोप लगाया कि बनर्जी के पक्ष में पड़े वैध मतों को खारिज कर दिया गया, जबकि भाजपा के पक्ष में अमान्य मतों को भी गिना गया.
तृणमूल ने दोबारा मतों की गिनती करने से पीठासीन अधिकारी के इनकार को ‘कानून के लिए खराब’ करार दिया.
इस बीच, शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर उनके पक्ष में मतदान करने और उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया.
दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को शाम 4:25 बजे पर समाचार एजेंसी एएनआई ने ममता बनर्जी के 1200 वोटों से जीत की सूचना ने दी. कई बाद कई बंगाली न्यूज चैनल बनर्जी की जीत की खबरें चलाने लगे.
हालांकि, चुनाव आयोग की तरफ से कोई बयान नहीं आया और बाद में पता चला कि बनर्जी 9,000 वोटों से हार रही हैं.
शाम के 6:15 बजे के करीब चुनाव आयोग की आधिकारिक गणना में ये आंकड़े दिखाई दिए.
पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत के बाद अपने पहले सार्वजनिक भाषण में ममता ने नंदीग्राम में अपनी हार स्वीकार कर ली.
ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम नंदीग्राम को भूल गए. हमारे संघर्ष में हमें कुछ सीटों को छोड़ना पड़ता है. मैं नंदीग्राम के नतीजों को स्वीकार करती हूं. हमने 200 से ज्यादा सीटें जीती हैं और भाजपा चुनाव हार गई है. नंदीग्राम के बारे में चिंता न करें. मैंने नंदीग्राम के लिए संघर्ष किया, क्योंकि मैंने एक आंदोलन किया था. नंदीग्राम के लोग जो फैसला देना चाहते हैं, उन्हें वो फैसला लेने दें. मैं उसे स्वीकार करती हूं. मुझे बुरा नहीं लगा.’
इसके बाद शुभेंदु अधिकारी ने बंगाली अखबार आनंद बाजार पत्रिका से नंदीग्राम चुनाव जीतने का दावा किया.
हालांकि, टीएमसी ने ट्वीट कर कहा कि नंदीग्राम में मतगणना जारी है और कोई कयास न लगाए जाएं. इस दौरान चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 13 चरणों की मतगणना के बाद बनर्जी 1,453 वोटों से आगे दिखाई दे रही थीं.
रात के 7:54 बजे शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया कि वे 1,736 वोटों से जीत गए हैं, जो कि 17वें चरण की गणना के बाद चुनाव आयोग के आंकड़ों में भी सामने आया.
My sincere thanks to the great People of Nandigram for their love, trust, blessings, and support, and for choosing me as their representative and the MLA from #Nandigram. It is my never-ending commitment to be of service to them and working for their welfare. I am truly grateful! pic.twitter.com/oQyeYswDa8
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) May 2, 2021
हालांकि, रात के 10.50 बजे के चुनाव आयोग के आंकड़ों में ममता बनर्जी आगे दिखाई दींं.
इसके बाद रात 10:55 बजे के आधिकारिक आंकड़ों में शुभेंदु अधिकारी को विजयी दिखाया गया.
बंगाल में शानदार जीत सांप्रदायिक सौहार्द को बचाए रखने की लड़ाई की जीत: ममता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को सांप्रदायिक सौहार्द को बचाए रखने की अपनी लड़ाई की जीत बताई.
अपनी पार्टी को राज्य में भारी जीत दिलाने वाली ममता बनर्जी को हालांकि खुद नंदीग्राम सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा. निर्वाचन आयोग के मुताबिक भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें 1736 मतों से हराया. सीट पर परिणाम की घोषणा से पहले ही बनर्जी ने शाम को कहा था कि वह जनादेश का स्वागत करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे लगता है कि मेरी जीत की खबर आने के बाद कुछ गड़गड़ी हुई है. इसके बाद सुनने में आया कि परिणाम बदल गया. मैं इस मुद्दे पर अदालत जाऊंगी.’
नंदीग्राम में स्थिति को लेकर बनर्जी कुछ निराश हैं. सिर्फ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ रहीं बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से चुनाव न लड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था, क्योंकि यहीं से उन्होंने कृषि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘नंदीग्राम के लोगों को तय करने दें. उनका जो भी जनादेश होगा, मुझे स्वीकार्य होगा. लेकिन हमारी (तृणमूल कांग्रेस) जीत शानदार है और इसके लिए राज्य की महिलाओं, युवाओं, अल्पसंख्यकों ने वोट दिया है.’
बनर्जी ने कहा कि भाजपा के डबल इंजन सरकार के वादे के बावजूद उन्होंने कुल 294 सीटों में 221 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा था और परिणाम आने के बाद उन्होंने जनता को शानदार जीत के लिए धन्यवाद दिया.
करीब दो महीने बाद खड़े होकर बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं जनता को देश और सांप्रदायिक सौहार्द की रक्षा करने के लिए धन्यवाद देती हूं. मुझे बंगाल पर गर्व है. यह शानदार जीत है, इस पर कोई कुछ नहीं कह सकेगा. उन्होंने (भाजपा) 200 सीटें जीतने का दावा किया था. क्या इसके बाद वे अपना चेहरा दिखा सकेंगे?’ बनर्जी ने आशा जताई कि भाजपा को हर जगह ऐसी ही हार का सामना करना पड़े.
बनर्जी ने कहा, ‘यहां आकर हमारे खिलाफ प्रचार करने वाले केंद्रीय नेताओं को विनम्र नमस्कार. उन लोगों को भी जो अन्य जगहों से आए और हमारे खिलाफ प्रचार किया.’
बता दें कि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से तृणमूल कांग्रेस 213 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि भाजपा ने 77 सीटें जीती हैं. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है, जबकि एक सीट पर राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी को विजय हासिल हुई है. राज्य में 292 सीटों पर चुनाव हुआ था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)