पुदुचेरी की 30 विधानसभा सीटों में से एनआर कांग्रेस की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है. इस केंद्रशासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए विधानसभा में 16 विधायकों का समर्थन चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख एन. रंगासामी के नेतृत्व में एनआर कांग्रेस को 10 सीटों पर जीत मिली है.
पुदुचेरी: केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी कांग्रेस और द्रमुक मुनेत्र कषगम (डीएमके) गठबंधन को ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस (एआईएनसीआर) और भाजपा के गठबंधन के हाथों शिकस्त मिली.
पुदुचेरी की 30 विधानसभा सीटों में से एनआर कांग्रेस की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 16 सीटें जीतकर सरकार बनाने के लिए तैयार है.
इस जीत के सूत्रधार एनआर कांग्रेस प्रमुख एन. रंगासामी हैं, जिनके सिर पर पुदुचेरी के मुख्यमंत्री का ताज रखा जाएगा.
पुदुचेरी में एनआर कांग्रेस, भाजपा और ऑल इंडिया अन्ना दविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.
चुनाव आयोग के अनुसार, एनआर कांग्रेस ने 10, भाजपा ने छह, द्रमुक ने छह, कांग्रेस ने दो और निर्दलीय ने छह सीटें हासिल कीं.
पुदुचेरी में सरकार बनाने के लिए 30 सदस्यों वाली विधानसभा में 16 विधायकों का समर्थन चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘राजग को आशीर्वाद देने के लिए मैं पुदुचेरी को लोगों को धन्यवाद देता हूं. हम लोगों की सेवा करने और उनके सपनों को पूरा करने के लिए अभिभूत हैं. हमारे कार्यकार्ताओं ने लोगों के बीच काम करने और सुशासन के हमारे एजेंडे पर विस्तार करने के लिए उत्कृष्ट प्रयास किए.’
पूर्व मुख्यमंत्री और एनआर कांग्रेस प्रमुख एन. रंगासामी ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन अपनी परंपरागत थत्टनचावडी सीट से ही उन्हें जीत मिल सकी. यहां उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार के. सेतु सेल्वम को हराया.
इसके अलावा रंगासामी ने यनम सीट से भी चुनाव लड़ा था, जहां निर्दलीय उम्मीदवार गोल्लापल्ली श्रीनिवास से हार का सामना करना पड़ा.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, एनआर कांग्रेस ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था और भाजपा ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
कांग्रेस को इस केंद्रशासित प्रदेश में अब तक की सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा. पार्टी ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा किए थे, लेकिन उसे दो सीटों माहे और लॉसपेट पर ही जीत मिल सकी.
साल 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस ने आठ, एआईएडीएमके को चार और डीएमके को दो सीटें मिली थीं.
हालांकि यहां की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी. ऐन चुनाव से पहले इस साल 21 फरवरी को विधायकों के लगातार इस्तीफा देने के चलते 30 सदस्यीय पुदुचेरी विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई थी, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक थे.
इसके बाद विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने इस्तीफा दे दिया था और केंद्र शासित प्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार गिर गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)