13 विपक्षी नेताओं ने केंद्र से बड़े पैमाने पर मुफ़्त टीकाकरण अभियान शुरू करने की मांग की

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत 13 दलों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि केंद्र सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें.

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(फोटो: रॉयटर्स)

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत 13 दलों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि केंद्र  सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें.

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा समेत विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं ने रविवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति तथा देश भर में मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम सुनिश्चित करे.’

सोनिया गांधी, देवगौड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झामुमो नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, बसपा प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, भाकपा महासचिव डी. राजा और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की ओर से संयुक्त बयान जारी कर यह मांग की गई है.’

इन नेताओं ने कहा, ‘जब हमारे पूरे देश में महामारी नियंत्रण से बाहर जा चुकी है तो हम केंद्र सरकार का आह्वान करते हैं कि वह सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘हम केंद्र सरकार का आह्वान करते हैं कि वह पूरे देश में मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम सुनिश्चित करेगी. टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये के आवंटन का इस्तेमाल इसके लिए होना चाहिए.’

बाद में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र इस संयुक्त बयान को गंभीरता से लेंगे.

उन्होंने ट्ववीट किया, ‘आशा है कि प्रधानमंत्री विपक्षी नेताओं के इस संयुक्त बयान पर गंभीरता से और सही भावना से विचार करेंगे. राष्ट्रीय संकट के इस समय के दौरान विश्वास और विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए तुरंत उनसे मिलना एक अच्छा पहला कदम होगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)