राजस्थान: पोता कोरोना पॉजिटिव न हो जाए, इसके कथित डर से संक्रमित दादा-दादी ने आत्महत्या की

राजस्थान के कोटा शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि मामले में एफ़आईआर दर्ज कर लिया गया है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि बुज़ुर्ग दंपति को डर था कि उनका इकलौता पोता और परिवार के अन्य सदस्य उनकी वजह से वायरस की चपेट में आ जाएंगे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

राजस्थान के कोटा शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि मामले में एफ़आईआर दर्ज कर लिया गया है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि बुज़ुर्ग दंपति को डर था कि उनका इकलौता पोता और परिवार के अन्य सदस्य उनकी वजह से वायरस की चपेट में आ जाएंगे.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

कोटा: राजस्थान के कोटा जिले में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित बुजुर्ग दंपति ने कथित रूप से चलती ट्रेन के सामने कूद कर सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उन्हें डर था कि उनसे यह संक्रमण उनके पोते और बहू को फैल सकता है.

पुलिस ने बताया कि हीरालाल बैरवा (75 वर्ष) और उनकी पत्नी शांतिबाई (70 वर्ष) अपने 18 साल के पोते और बहू के साथ शहर के पुरोहित जी की टपरी इलाके में रहते थे. उनके बेटे की आठ साल पहले ही मौत हो चुकी है.

रेलवे कालोनी थाने के उपनिरीक्षक (एसआई) रमेश चंद शर्मा ने बताया कि बुजुर्ग दंपति के 29 अप्रैल को संक्रमित होने की पुष्टि हुई और उसके बाद से दोनों घर में ही क्वारंटीन थे.

दोनों ने रविवार की सुबह चंबल ओवरब्रिज के पास रेलवे लाइन पर दिल्ली-मुंबई अप ट्रैक पर ट्रेन के सामने छलांग लगा दी.

पुलिस ने बताया कि मौके ये कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

एसआई ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 174 (अप्राकृतिक मौत) के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और शवों को कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार के लिए दिया गया था.

उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि बुजुर्ग दंपति को डर था उनका इकलौता पोता और परिवार के अन्य सदस्य उनकी वजह से वायरस की चपेट में आ जाएंगे. दोनों रविवार सुबह घर से निकले थे और यह भयावह कदम उठा लिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)