भोपाल: मृतकों का अधिकारिक आंकड़ा 104, लेकिन 2,557 लोगों के अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से हुए

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित दो श्मशान घाटों और एक क़ब्रिस्तान के रिकॉर्ड के अनुसार, एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुल 3,811 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें से 2,557 शवों को अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया. इस पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कोविड से हुईं मौतों को छिपाया नहीं जा रहा है.

/
भोपाल का एक शवदाह गृह. (फोटो: पीटीआई)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित दो श्मशान घाटों और एक क़ब्रिस्तान के रिकॉर्ड के अनुसार, एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुल 3,811 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें से 2,557 शवों को अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया. इस पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कोविड से हुईं मौतों को छिपाया नहीं जा रहा है.

भोपाल का एक शवदाह गृह. (फोटो: पीटीआई)
भोपाल का एक शवदाह गृह. (फोटो: पीटीआई)

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित दो श्मशान घाटों और एक कब्रिस्तान में अप्रैल में 2,557 शवों को अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि भोपाल जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में मात्र 104 लोगों की ही मौत इस महामारी से बताई गई है.

इन दो श्मशान घाटों और एक कब्रिस्तान के रिकॉर्ड के अनुसार, इनमें एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुल 3,811 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें से 2,557 शवों को अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया.

हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार की कोविड-19 बुलेटिनों के अनुसार, एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक भोपाल में केवल 104 लोगों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण से हुई.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोविड-19 के कुप्रबंधन के लिए भाजपा नीत राज्य सरकार पर निशाना साधा और इसे प्रशासन की तरफ से की गई ‘आपराधिक लापरवाही’ बताते हुए आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में मौत के आंकड़ों को दबाने और छिपाने का प्रयास किया जा रहा है.

हालांकि, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से हुईं मौतों को छिपाया नहीं जा रहा है.

भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने रविवार को बताया, ‘भदभदा विश्राम घाट में एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुल 2,052 शवों का अंतिम संस्कार किया. इनमें से 1,654 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया.’

उन्होंने कहा कि इन 1,654 शवों को शहर के विभिन्न कोविड-19 के लिए अधिकृत अस्पतालों से प्लास्टिक के वायुरोधक थैलों में बंद कर लाया गया था.

भदभदा विश्राम घाट प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिन्दुओं के बड़े श्मशान घाटों में से एक है.

शर्मा ने बताया कि भोपाल में भदभदा विश्राम घाट, सुभाष नगर विश्राम घाट एवं झदा कब्रिस्तान जहांगीराबाद में ही कोविड-19 के मरीजों का अंतिम संस्कार करने की अनुमति है.

वहीं, शहर के सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज सुखवानी ने बताया कि उनके विश्राम घाट में अप्रैल में 1,386 शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

उन्होंने कहा कि इनमें से 727 शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया. इन शवों को शहर के विभिन्न कोविड-19 के लिए अधिकृत अस्पतालों से प्लास्टिक के वायु रोधक थैलों में बंद कर लाया गया था.

सुखवानी ने बताया कि इनके अलावा भी कुछ अन्य शवों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, क्योंकि उनके परिजन ने कहा कि इनकी मौत निमोनिया व फेफड़ों में संक्रमण से हुई है.

झदा कब्रिस्तान जहांगीराबाद के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रेहान गोल्डन ने बताया, ‘पिछले महीने हमारे (मुस्लिम) कब्रिस्तान में कुल 373 शव दफनाये गए. इनमें से 176 को कोविड-19 के प्रोटोकोल के मुताबिक दफनाया गया, जबकि 42 शवों को कोरोना वायरस से हुई मौत के संदेह में दफनाया.’

हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार की एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक की कोविड-19 बुलेटिनों के अनुसार इस साल अप्रैल में भोपाल में मात्र 104 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से हुई, जबकि पिछले साल फरवरी से लेकर अब तक कुल 742 लोगों की इस बीमारी से मौत हुई है.

तीन श्मशान घाटों और कब्रिस्तान में दर्ज आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर राज्य के जन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘सरकार की मौतों का आंकड़ा छिपाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. शायद कई संदिग्ध मामले हैं, जिनका कोविड प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया गया है. इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं.’

अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) मोहम्मद सुलेमान ने कहा, ‘वास्तव में मौतों में अगर कोई बढ़ोतरी है तो ज्यादा जरूरी है कि इसकी जानकारी लोगों को दी जाए ताकि वे टीका लगवाएं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)