यह कार्यशाला ऐसे समय आयोजित की गई है, जब कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण संक्रमण और मौत के मामलों बेतहाशा वृद्धि दर्ज की जा रही है. इसे लेकर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. इसका आयोजन सरकारी मंच माईजीओवी (MyGov) की ओर से किया गया, जिसमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी हिस्सा लिया.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के करीब 300 शीर्ष अधिकारियों ने प्रभावी संचार शीर्षक वाले एक वर्कशॉप में हिस्सा लिया, जिसका उद्देश्य सरकार की एक सकारात्मक छवि बनाने, सकारात्मक कहानियों और उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से उजागर करने और सरकार को संवेदनशील, निर्भीक, त्वरित, उत्तरदायी, परिश्रमी आदि दिखाने में मदद करना था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्कशॉप का आयोजन नागरिक सहभागिता के लिए एक महत्वपूर्ण सरकारी मंच माईजीओवी (MyGov) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिंह ने किया था.
90 मिनट तक चले इस ऑनलाइन वर्कशॉप में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी प्रतिभागियों से बात की.
यह वर्कशॉप ऐसे समय में आयोजित किया गया है, जब कोविड-19 की दूसरी और तेज लहर के कारण संक्रमण और मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और टीकाकरण अभियान अभी से लड़खड़ाने लगा है.
हिंदुस्तान टाइम्स अखबार ने पाया कि बैठक में कई सरकारी सचिव शामिल हुए और केंद्रीय मंत्री सकारात्मक खबरों पर ध्यान देने की जरूरत पर जोर दे रहे थे.
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर के ऑफिस ने अखबार के सवालों का जवाब नहीं दिया. यह पहली बार है जब ऐसा वर्कशॉप आयोजित किया गया.
अखबार ने वर्कशॉप में दिखाए गए प्रेजेंटेशन की कॉपी की समीक्षा की और इसमें शामिल होने वाले कुछ अधिकारियों से बात की. हालांकि अभिषेक सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
जबकि अधिकांश प्रेजेंटेशन कोविड-19 से जुड़े उदाहरणों से संबंधित थी. उसमें एक स्लाइड में यह भी उदाहरण दिया गया था कि कैसे माईजीओवी और सरकार ने तीन सुधारवादी कृषि कानूनों के बारे में सही संदेश भेजा.
वर्कशॉप में भाग लेने वाले और नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि वर्कशॉप में हिस्सा में लेने वालों में सभी विभागों के संयुक्त सचिव (मीडिया) शामिल थे और उन्हें बताया गया कि प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से संचार के पारंपरिक साधन अब काम नहीं करते.
उन्हें इसके बजाय ऐसे फोटो और वीडियो पोस्ट करने के लिए कहा गया, जिन्हें अधिक लोगों ने देखा हो.
बैठक में शामिल होने वाले एक दूसरे अधिकारी ने भी अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें उन प्रभावशाली लोगों को खोजने के लिए कहा गया था जो वैक्सीन पाने के बारे में ट्वीट करेंगे और लिंक्डइन जैसी साइटों से जुड़ने के लिए दिलचस्प व्यक्तियों की तलाश करेंगे.
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि कुछ दिन पहले वैक्सीन रजिस्ट्रेशन सोशल मीडिया के टॉप हैशटैग में शामिल था, जिसमें से 70 फीसदी सहभागिता और उनका उल्लेख निष्पक्ष था, 20 फीसदी नकारात्मक और पांच फीसदी सकारात्मक था.
प्रेजेंटेशन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर संपर्क के सर्वोत्तम और सबसे बुरे तरीकों को भी उजागर किया, जिसमें प्रतिक्रिया की गति, इन्फोग्राफिक्स का उपयोग और साफ संदेश महत्वपूर्ण थे.