एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते 31 मार्च को जब केंद्र से महाराष्ट्र को मिली 26.77 लाख वैक्सीन की खुराक को सभी ज़िलों में बांटा गया था, तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के गृह ज़िले जालना को उसके लिए आवंटित सत्रह हज़ार खुराक के साथ 60 हज़ार अतिरिक्त खुराक मिली थी.
मुंबई: बीते 7 अप्रैल से 10 अप्रैल तक जब महाराष्ट्र के कई जिलों को वैक्सीनों की कमी के कारण अपने टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़े थे, तब जालना में अतिरिक्त वैक्सीन उपलब्ध थी और वहां करीब 10 दिन तक वैक्सीन लगते रहे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 31 मार्च को जब केंद्र से महाराष्ट्र को 26.77 लाख वैक्सीन की खुराक मिली और सभी जिलों में बांटा गया तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले जालना को आवंटित 17 हजार खुराक की के साथ 60 हजार अतिरिक्त खुराक मिले.
सूत्रों ने कहा कि टोपे ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बुलाया और उन्हें अपने जिले में आवंटन बढ़ाकर 77,000 खुराक देने को कहा.
टोपे ने कहा, ‘किसी विशेष जिले को प्राथमिकता नहीं दी गई थी और अगर जालना को और अधिक स्टॉक मिले, तो यह अधिक टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था. हमने टीकाकरण बढ़ाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों को खुराक वितरित की.’
उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने वाले लक्षित जनसंख्या के प्रादेशिक औसत 27 फीसदी की जगह उस समय जालना में केवल 18.1 फीसदी टीकाकरण हुआ था.
हालांकि, महाराष्ट्र के जनस्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन वितरण के लिए जो दो मानदंड तय किए हैं वह रोजाना टीकाकरण का प्रदर्शन और सक्रिय मामलों संख्या है और यह उसके खिलाफ है.
बीते 31 मार्च को जालना में 773 सक्रिय मामले थे जो कि 30 जिलों से कम थे. दैनिक टीकाकरण के संदर्भ में मार्च के अंत तक 600-1,000 के आंकड़े ने इसे 10 सबसे कम प्रदर्शन करने वाले जिलों में रखा.
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. डीएन पाटिल ने 1 अप्रैल को औरंगाबाद से जालना के लिए 60,000 खुराक डायवर्ट कीं. राज्य के टीकों के छह संभागीय भंडारण केंद्रों में से एक औरंगाबाद ने 1.95 लाख खुराकें प्राप्त की थी, जो इसके 7,000-8,000 दैनिक टीकाकरणों पर आधारित थी.
उस समय जालना एक दिन में सिर्फ 600-1000 टीकाकरण हो रहा था. इस दर पर वहां वैक्सीन की खुराक पिछले 15-18 दिनों तक के लिए थी जबकि अन्य जिलों में केवल 5-10 दिनों के लिए स्टॉक था. अतिरिक्त खुराक के बाद जालना ने अप्रैल के पहले सप्ताह में दैनिक टीकाकरण को 3,000-5,000 तक बढ़ा दिया.
इस बीच, 8 और 9 अप्रैल के बीच महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के अधिकारियों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को अधिक आपूर्ति के लिए लगातार कॉल किए. अंत में टोपे ने जालना से आसपास के जिलों में 15,000 खुराक के हस्तांतरण की अनुमति दी.
इस अख़बार द्वारा संपर्क किए जाने पर टीकाकरण अधिकारी डॉ. पाटिल ने कॉल या मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया.
दिलचस्प बात यह है कि 7 और 8 अप्रैल को टोपे ने महाराष्ट्र में वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया था जिस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि राज्य के पास पर्याप्त स्टॉक है.