तमिलनाडु के चेंगलपट्टू स्थित सरकारी अस्पताल में जिन 13 मरीजों की मौत हुई उनकी उम्र 40 से 85 वर्ष के बीच थी. रातभर में हुईं इन मौतों से इलाके के लोगों में दहशत है और मृतकों के परिजनों में आक्रोश है, जिन्होंने मौत की वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इससे इनकार किया है.
चेन्नई: तमिलनाडु के चेंगलपट्टू स्थित सरकारी अस्पताल में गत 24 घंटे में 13 मरीजों की मौत हुई है और परिजनों ने इसकी वजह ऑक्सीजन की कमी बताया है. हालांकि अधिकारियों ने बुधवार को इन आरोपों से इनकार किया.
शीर्ष अधिकारियों ने दावा किया कि चेंगलपट्टू स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 40 से 85 वर्ष के 13 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है.
वहीं रातभर में हुईं इन मौतों से इलाके के लोगों में दहशत है और मृतकों के परिजनों में आक्रोश है, जिन्होंने मौत की वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया है.
चेंगलपट्टू के जिलाधिकारी ए. जॉन लुईस ने मंगलवार रात को हालात की समीक्षा की, लेकिन ऑक्सीजन की कमी से मौत होने के आरोपों से इनकार किया है.
लुईस ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘मैं पूरी रात क्षेत्र में था और हालात की निगरानी कर रहा था. ऑक्सीजन (मरीजों के लिए) की आपूर्ति बाधित नहीं हुई.’
उन्होंने कहा कि तकनीकी पहलुओं की जांच चिकित्सा शिक्षा निदेशक द्वारा की जा रही है.
अस्पताल के डीन डॉ. जे. मुथुकुमारन ने कहा कि मृतकों में केवल एक कोविड-19 मरीज था, जबकि बाकी कोविड-19 निगेटिव थे और विषाणु की वजह से निमोनिया और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे.
उन्होंने बताया, ‘गत 24 घंटे में जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें छह मरीजों को अन्य गंभीर बीमारियां थीं, जबकि सात अन्य जटिल स्थिति में भर्ती थे व इलाज का उन पर असर नहीं हो रहा था.’
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों ने कुछ मरीजों में ऑक्सीजन के स्तर में कमी देखी और तत्काल उसे स्थिर करने की कोशिश की.
डीन ने कहा, ‘हम जिलाधिकारी के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने पिछली रात ऑक्सीजन आपूर्ति के अनुरोध पर कार्रवाई की और ऑक्सीजन टैंकर की व्यवस्था की. इस समय अस्पताल में तीन दिन के लिए ऑक्सीजन है.’
इंडियन एक्सप्रेस ने अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया है कि यहां कोविड-19 मरीजों का भी इलाज हो रहा है. मंगलवार रात को 447 लोगों को भर्ती किया गया था. सूत्रों ने बताया कि कम से कम 309 मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी. अन्य दिनों की तुलना में उस दिन यहां ऑक्सीजन की जरूरत ज्यादा थी.
चेंगलपट्टू जिले में मंगलवार को राज्य में चेन्नई के बाद सर्वाधिक 1,608 मामले दर्ज किए गए थे, जिसके बाद राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 86,265 हो गई थी. मामलों में वृद्धि के कारण जिला अस्पतालों में अधिक लोग आते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने बुधवार को अस्पताल परिसर के अंदर धरना दिया. स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने दावा किया कि अस्पताल ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा था. उन्होंने काम का प्रबंधन करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भी मांग की.
उन्होंने कहा कि कमी के बावजूद कुछ डॉक्टरों को दूसरे जिलों के अस्पतालों में ट्रांसफर कर किया गया था. उन्होंने दावा किया कि वे कर्मचारियों की कमी के कारण अतिरिक्त घंटे काम कर रहे हैं और शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)