कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच बहुत से लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें रिश्वत दिए बिना बिस्तर नहीं मिल रहे और वे अधिक कीमत पर दवाएं खरीद रहे हैं. भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बिस्तर अवरुद्ध करने के घोटाले के बारे में दावा किया था और इसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की संलिप्तता का संदेह जताया था. कांग्रेस ने भाजपा पर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है.
बेंगलुरु: कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा और यह आरोप लगाते हुए पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या और एक पार्टी विधायक की गिरफ्तारी की मांग की कि वे शहर में कोविड-19 रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तरों को अवरुद्ध करने के घोटाले के पीछे हैं.
दरअसल राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामले और होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर राज्य की भाजपा सरकार ने आदेश दिया है कि निजी अस्पतालों में भी कोविड-19 रोगियों के लिए 80 प्रतिशत बिस्तर आरक्षित होने चाहिए.
हालांकि, बहुत से लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें रिश्वत दिए बिना बिस्तर नहीं मिल रहे और वे अधिक कीमत पर दवाएं खरीद रहे हैं.
पुलिस ने कथित बिस्तर घोटाले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है और 90 लोगों को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
इससे पहले बेंगलुरु में तेजस्वी सूर्या सहित कई भाजपा नेताओं ने कोविड वॉर रूम में मुस्लिम समुदाय के लोगों की तैनाती को लेकर सवाल उठाते हुए बेड अवरूद्ध करने से जुड़े कथित घोटाले के पीछ इनका हाथ होने का आरोप लगाया था.
दक्षिण बेंगलुरु से भाजपा सांसद और युवा मोर्चा के अध्यक्ष सूर्या, बोमनहल्ली मे भाजपा विधायक एम. सतीश रेड्डी और बसावनगुड़ी विधायक रवि सुब्रमण्या ने बीते चार मई को बेंगलुरु में बिस्तर अवरुद्ध करने के घोटाले के बारे में दावा किया और इसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की संलिप्तता का संदेह जताया, जिन्हें बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के कोविड वार रूम में तैनात किया गया है.
बीते चार मई को भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया था कि देश और कर्नाटक में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे है, ऐसे समय में फर्जी नामों से बेंगलुरु शहर में कम से कम 4,065 बेड ‘अवरुद्ध’ कर दिए गए हैं. इन बिस्तरों को बिना लक्षणों वाले रोगियों के नाम पर रोक कर रखा गया है, जो कि घर पर आइसोलेशन में हैं.
This despicable guy #tejasvisurya has a problem in these short staffed #Covid times with the appointment of Muslim staff? That’s his priority! Playing communal politics in the pandemic is an utter shame!!! Shame!!!pic.twitter.com/mjjboZScUW
— Sangita (@Sanginamby) May 5, 2021
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोगों ने धोखे से अस्पतालों में बेड पर कब्जा किया हुआ है. आरोपों लगाते हुए तेजस्वी सूर्या ने मुस्लिम समुदाय के 16 लोगों का नाम लिया था और यह जानने की कोशिश की थी कि वे शहर में कोविड वार रूम को क्यों नियंत्रित कर रहे हैं.
बीते चार मई को इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और सूर्या द्वारा उनका नाम पढ़ने के बाद सुब्रमण्या ने बीबीएमपी अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘क्या आपने इन लोगों को मदरसे के लिए या निगम (बीबीएमपी) के लिए नियुक्त किया है?’
इस पर रेड्डी को यह कहते हुए देखा गया कि उन्हें काम पर रखने के पीछे एक इरादा था और ये लोग इसके पीछे हैं.
कांग्रेस ने मीडिया के एक वर्ग में आईं उन खबरों का हवाला देते हुए निशाना साधा, जिनमें रेड्डी की संलिप्तता का आरोप लगाया गया है.
कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘यह उसी तरह से है कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.’ सच्चाई अब सामने आ गई है कि बिस्तर अवरुद्ध करने के मामले के पीछे भाजपा नेता हैं.’
पार्टी ने कहा, ‘सतीश रेड्डी को गिरफ्तार किया जाए जो अपने समर्थकों की मदद से बिस्तर बुकिंग घोटाले का संचालन कर रहे थे और युवा सांसद (तेजस्वी सूर्या), जो उनके साथ थे तथा एक विस्तृत जांच की जाए.’
सतीश रेड्डी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.
इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या की ‘असंवेदनशील’ और मामले को ‘सांप्रदायिक’ बनाने के लिए निंदा की थी.
उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या की ओर से इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशील है. भोजन से लेकर मृत्यु तक भाजपा नेता कुछ समुदायों को निशाना बनाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं.’
सूर्या के इस दावे पर कि उन्हें इस घोटाले के बारे में 10 दिन पहले ही पता चला था, कांग्रेस नेता ने यह जानने की मांग की कि वह तब से चुप क्यों थे.
सिद्धारमैया ने कहा, ‘वह (तेजस्वी सूर्या) 10 दिनों तक चुप क्यों थे? क्या वह बीबीएमपी अधिकारियों के साथ एक सौदा कर रहे थे? या कर्नाटक भाजपा नेताओं की सुरक्षा के लिए एक स्क्रिप्ट तैयार कर रहे थे? यह केवल तेजस्वी सूर्या ही बता सकते हैं?’
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘नाटक’ का मंचन अपने राजनीतिक आकाओं की छवि को बचाने और नागरिक अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बलि का बकरा बनाने के लिए किया गया था.
इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने सूर्या पर हमला करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की.
भाजपा के वरिष्ठ नेता संतोष ने कहा, ‘तेजस्वी सूर्या द्वारा बीबीएमपी के अस्पताल बिस्तर बुकिंग घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद कुछ देर के लिए सभी चुप हो गए थे. अचानक सभी ने चिल्लाना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्होंने यह महसूस किया कि नाम एक ही समुदाय से थे. उनकी धर्मनिरपेक्षता खतरे में थी. कर्नाटक कांग्रेस के नेता विचार और क्रिया दोनों से दिवालिया हो गए हैं.’
इस बीच इन 17 मुसलमानों को काम पर रखने वाली एजेंसी ने कहा कि वे वार रूम में तैनात 214 लोगों में शामिल हैं.
कंपनी के एक कार्यकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा से कहा कि लोगों को काम पर रखने के लिए जाति और धर्म पर ध्यान नहीं दिया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘हमने उनसे (मुस्लिम कर्मचारियों) कहा है कि जब तक पुलिस जांच चल रही है उन्हें ‘वार रूम’ में नहीं रखा जाएगा, लेकिन हमने उन्हें निकाला भी नहीं है. वे तब तक हमारे कर्मचारी रहेंगे, जब तक कि वे किसी गलत कृत्य में लिप्त नहीं पाए जाते हैं.’
मामले को सांप्रदायिक रंग देने के सवाल पर इंडिया टुडे से बातचीत में तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘मैंने कोई भी धार्मिक नाम नहीं लिया. मैंने कभी कोई सांप्रदायिक बयान नहीं दिया. सिर्फ कुछ नाम पढ़ने के बाद मैंने पूछा था कि इन लोगों को कैसे नौकरी पर रखा गया.’
कर्नाटक में कोविड-19 के मामलों में तेजी देखी जा रही है. बुधवार को 50,000 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए थे और 346 मरीजों की मौत हो गई थी.
शहर में लगभग पांच लाख उपचाराधीन मामले हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)