उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी ज़िले के मोहम्मदी और बस्ती ज़िले के रूधौली से भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि उनके यहां कोविड-19 के मामले तेज़ी से फैल रहे हैं और महत्वपूर्ण सुविधाओं के अभाव में लोगों तेजी से मर रहे हैं. भाजपा के कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी ने ने भी डिप्टी सीएम को ऐसा ही पत्र लिखा है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की भाजपा नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ सरकार के कोरोना वायरस महामारी नियंत्रण और मरीजों के इलाज में सफलता के बारे में किए जा रहे दावों पर भाजपा के विधायक ही सवाल उठाने लगे हैं.
चार दिन के अंदर दो विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि उनके जिलों में ऑक्सीजन व अन्य जरूरी संसाधनों की कमी है. इस कारण लोग मर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मोहम्मदी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर दावा किया है कि ऑक्सीजन की गंभीर कमी ने उनके क्षेत्र में कई लोगों की जान ले ली है.
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले एक पत्र में विधायक ने विस्तार से बताया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर से लखीमपुर-खीरी जिला कितनी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
विधायक ने दावा किया कि जहां कोविड-19 के मामले तेजी से फैल रहे हैं तो वहीं वह महत्वपूर्ण सुविधाओं के अभाव में लोगों को मरते हुए देख रहे हैं.
सिंह ने लिखा कि वह मदद के लिए संपर्क किए जाने के बावजूद कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, राजनेताओं, शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों और वकीलों के जीवन को बचाने में विफल रहे.
उन्होंने लिखा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कोविड -19 की अधिकांश मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हैं. उन्होंने आगे कहा कि तहसील, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की कम चल रही है और लोग इसकी वजह से मर रहे हैं.
हालांकि, इस बीच सिंह ने महामारी को लेकर अपनी सरकार की प्रतिक्रिया का भी बचाव किया और कहा कि स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी कड़ी मेहनत कर रहा है, लेकिन जिले में ऑक्सीजन की कमी के कारण वह भी असहाय है.
विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह से इस पत्र के बावत उनके मोबाइल पर बात करने में सफलता नहीं मिली. उनका एक नंबर बंद था, जबकि दूसरा नंबर उठाने वाले व्यक्ति ने कहा कि विधायक जी की तबीयत खराब है.
इसके पहले दो मई को बस्ती जिले के रूधौली के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि जिले के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मरीज दम तोड़ रहे हैं.
उन्होंने द वायर से बातचीत में मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को चार पत्र लिख चुके हैं.
दो मई को लिखे पत्र में जायसवाल ने कहा है कि बस्ती जिले के प्राथमिक और सामुदायिक चिकित्सा केंद्रों के अलावा विभिन्न अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन, जांच किट, बेड की उपलब्धता की मांग काफी बढ़ गई है, लेकिन इन सभी सुविधाओं को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया कराने में देरी की जा रही है.
पत्र में भाजपा विधायक ने लिखा है कि बस्ती जिले में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. इलाज को लेकर डॉक्टरों, मरीजों एवं उनके तीमारदारों के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है. इस कारण से केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रति आम जन मानस का विश्वास घट रहा है.
पत्र में नौ बिंदुओं की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि विभिन्न सीएचसी एवं पीएचसी केंद्रों पर जांच किट, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं है. मरीजों को समय से भोजन, पानी, दवा उपलब्ध नहीं कराया जाता और तीमारदारों से बातचीत नहीं करने दिया जाता.
उनके अनुसार, ‘परिजनों द्वारा दिया जा रहा खाद्य पदार्थ अस्पताल के कर्मचारी फेंक दे रहे हैं और तीमारदारों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. विभाग द्वारा लिए गए नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त होने में देरी से अनजाने में संक्रमण फैल रहा है.’
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की कमी है.
भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा मरीजों और तीमारदारों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. वह जब मरीजों को देखने जाते हैं तो मरीजों के परिजनों को पुलिस द्वारा भगाया जाता है.
इसी दौरान गोरखपुर नगर के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने तीन मई को अपने फेसबुक वाल पर लिखा था, ‘मुख्यमंत्री जी के ओएसडी अभिषक कौशिक ने फोन किया. हमने बता दिया कि ऑक्सीजन की कमी, बेड की अनुपलब्धता, वेंटिलेटर नहीं मिलने से नागरिक बहुत नाराज हैं.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, सरकार ने बीते शुक्रवार को कहा है कि आवश्यक ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था कर ली गई है. उसने कहा कि केंद्र सरकार ने 400 मीट्रिक टन आवंटित किया है और रिलायंस और अडाणी ग्रुप जैसे बड़े कॉरपोरेट घरानों ने भी राज्य के लिए ऑक्सीजन टैंकर उपलब्ध करवाए हैं.
हालांकि, इससे पहले भाजपा के कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी ने अपने जिले के प्रभारी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को पत्र लिखकर समय पर इलाज न मिलने के कारण लोगों की जान जाने की ओर इशारा किया था और सरकार से कोविड-19 की तीसरी लहर की तैयारी के लिए कहा था.
इन विधायकों के अलावा पिछले महीने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखते हुए लखनऊ के मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने आरोप लगाया था कि जीवन बचाने के लिए आवश्यक वेंटिलेटर अस्पतालों में पड़े-पड़े धूल खा रहे हैं.
इसके अलावा उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, ‘निर्वाचन आयोग से मेरी अपील है लखनऊ में कोविड नियंत्रण से बाहर है, लखनऊ में कई हजार परिवार करोना की चपेट में बुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं, श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं. चुनाव जरूरी नहीं है लेकिन लोगों की जान बचाना जरूरी है, इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत के चुनाव को लखनऊ में निर्धारित मतदान की तिथि से एक महीना आगे बढ़ा देना चाहिए, जान बचाना जरूरी है चुनाव कराना जरूरी नहीं है.’
जबकि इससे पहले कानून मंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर राजधानी में खराब होती स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाया था.
बता दें कि, कोविड-19 के कारण ही उत्तर प्रदेश के चार भाजपा विधायकों की मौत हो चुकी है जिसमें से राज्य के पूर्व मंत्री और रायबरेली के सलोन से विधायक दल बहादुर कोरी का बीते शुक्रवार को ही लखनऊ में कोविड-19 से निधन हुआ.
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के बरेली जिले के नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से सदस्य केसर सिंह, लखनऊ पश्चिम के विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव, औरैया सदर के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर की कोविड संक्रमण से मौत हो गई थी.
(गोरखपुर से मनोज सिंह के इनपुट के साथ)