दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि दिल्ली दंगा मामले में गिरफ्तार की गईं नताशा नरवाल के परिवार में अंतिम संस्कार करने के लिए कोई नहीं है. पिछले साल 22 फरवरी 2020 को दिल्ली के ज़ाफ़राबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ हुए एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर 23 मई 2020 को नरवाल को उनकी एक साथी देवांगना कलीता के साथ गिरफ़्तार किया गया था.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल को तीन हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी, ताकि वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो पाएं. नताशा के पिता महावीर नरवाल की बीते रविवार को कोरोना संक्रमण के चलते रोहतक में मौत हो गई.
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जे. भम्बानी की पीठ ने इस बात संज्ञान लिया कि उनके परिवार में अंतिम संस्कार करने के लिए कोई नहीं है और नताशा के पिता का पार्थिव शरीर अभी भी अस्पताल में पड़ा हुआ है.
करीब 15 साल पहले नताशा नरवाल के मां की मौत हुई थी और उनका एकमात्र भाई इस समय कोरोना के चलते आइसोलेशन में है.
लाइव लॉ के मुताबिक पीठ ने आदेश में कहा, ‘न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए, व्यक्तिगत पीड़ा और शोक की घड़ी में याचिकाकर्ता को रिहा किया जाना जरूरी है. इस तरह हम नताशा नरवाल को निम्नलिखित शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करते हैं.’
न्यायालय ने ये भी कहा है कि रिहा होने के लिए याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये का पर्सनल बॉन्ड जेल अधीक्षक को जमा करना होगा. इसके साथ ही दिल्ली दंगा संबंधित मामले में कोई भी टिप्पणी करने से कोर्ट ने नरवाल पर पाबंदी लगाई है. कोर्ट ने नरवाल को अपना फोन नंबर पुलिस को देने को कहा है.
मालूम हो कि 22 फरवरी 2020 को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर 23 मई 2020 को नरवाल को उनकी एक साथी देवांगना कलीता के साथ गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद दंगों की कथित साजिश रचने के आरोप में उन पर कठोर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) का भी मामला दर्ज किया गया था.
नरवाल पिंजरा तोड़ संगठन की संस्थापक सदस्य हैं, जो दिल्ली के कुछ कॉलेज की छात्राओं व पूर्व छात्रों का एक समूह है. वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज से पीएचडी की छात्रा भी हैं.
दंगे से जुड़े एक मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है, लेकिन यूएपीए मामले की वजह से वे अभी तक जेल में बंद हैं.
इससे पहले नरवाल ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनके वृद्ध पिता कोरोना पॉजिटिव होने के बाद हरियाणा के रोहतक में भर्ती हैं और उनका भाई भी कोरोना पॉजिटिव है, इसलिए उन्हें तत्काल जमानत दी जाए, ताकि वे उनकी देखभाल कर सकें.
कोर्ट ने 28 अप्रैल को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. नताशा नरवाल इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं.
Mahavir Narwal campaigned hard to prove the innocence of Natasha who was incarcerated for her peaceful participation in the protest against the CAB. This was not his first brush with prison. He himself had been imprisoned for his participation in protests during the Emergency.
— Pinjra Tod (@PinjraTod) May 9, 2021
उनके पिता महावीर नरवाल एक वैज्ञानिक और वामपंथी थे, जिनकी 71 साल के उम्र में एक हफ्ते v इलाज के बाद कोरोना के कारण मौत हो गई.
पिछले साल नताशा की गिरफ्तारी के बाद महावीर नरवाल ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व है और वे हमेशा उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने इस बात की भी संभावना जताई थी कि ऐसा भी हो सकता है कि वे इस दुनिया से चले जाएं और उनकी बेटी जेल में रहे.
पिछले साल नवंबर में राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के लिए हुई एक बैठक में उन्होंने कहा था, ‘उसे ऐसा नहीं लग रहा है कि वो जेल में है. वो ऐसा महसूस कर रही है कि वह भी अन्य लोगों की तरह है. जो बाहर हैं वो भी जेल में बंद लोगों की तहत पीड़ित हैं. मेरे परिवार में कोई भी इससे हतोत्साहित या डरा हुआ नहीं है. हम सभी इस विद्रोह के साथी हैं.’
महावीर नरवाल ने कहा था कि ये लड़ाई सिर्फ इसलिए नहीं लड़ी जा रही है कि ऐसे लोगों को जेल से रिहा किया जाए, बल्कि सभी अच्छे विचारों को बचाने का ये संघर्ष है.
CPIM expresses deep condolences on the demise of Comrade Mahavir Narwal, a senior member of CPIM.
It is criminal act of the Modi govt that his daughter Natasha Narwal was arrested under UAPA last year and couldn't even meet her father.
Lal Salaam Mahavir Narwal! pic.twitter.com/B6An9V5y9L— CPI (M) (@cpimspeak) May 9, 2021
इसके अलावा पिछले साल दिसंबर में हुए इसी तरह के एक कार्यक्रम में नताशा के पिता ने कहा था कि कई लोग तानाशाही शासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और सरकार इनके ऊपर ‘षड्यंत्र’ का झूठा आरोप दर्ज कर रही है.
वामपंथी दल माकपा ने भी महावीर नरवाल के निधन पर शोक जताया है और कहा कि यह मोदी सरकार का आपराधिक कृत्य है कि उनकी बेटी नताशा नरवाल को पिछले साल यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह अपने पिता से मिल भी नहीं सकी.