कोरोना वायरस की दूसरी लहर और दिल्ली में जारी लॉकडाउन के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जोर-शोर से जारी है, जिसकी विपक्ष के नेता लगातार आलोचना कर रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि कोविन ऐप पर महज तीन घंटे में 80 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया, 1.45 करोड़ एसएमएस भेजे गए. इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पूछा कि क्या एसएमएस भेजा जाना कोविड-19 से निपटने में सफलता का संकेतक है?
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत निर्माण कार्य जारी रखने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि देश को प्रधानमंत्री आवास नहीं, सांस चाहिए.
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए त्रिकोणीय संसद भवन, एक साझा केंद्रीय सचिवालय, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का सौंदर्यीकरण और प्रधानमंत्री तथा उपराष्ट्रपति के नए आवासों का निर्माण किया जाना है.
दिल्ली में जारी लॉकडाउन के दौरान सरकार ने मजदूरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत होने वाले निर्माण कार्य को ‘आवश्यक सेवाओं’ की श्रेणी में रखा है.
देश को PM आवास नहीं, सांस चाहिए! pic.twitter.com/jvTkm7diBm
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 9, 2021
राहुल गांधी ने ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए कतारों में लगे लोगों और राजपथ पर सेंट्रल विस्टा के तहत चल रहे निर्माण कार्य की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘देश को प्रधानमंत्री आवास नहीं, सांस चाहिए.’
कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच विभिन्न राज्य ऑक्सीजन की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं.
गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस केंद्र सरकार से सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने और देश की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार को प्राथमिकता देने की मांग रही है.
विपक्षी दल ने परियोजना को ‘आवश्यक सेवा’ में रखे जाने की भी आलोचना की है और सरकार पर गलत प्राथमिकताएं तय करने का आरोप लगाया है.
शहरों के बाद, अब गाँव भी परमात्मा निर्भर! pic.twitter.com/KvJxN6fRIU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 9, 2021
गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ग्रामीण इलाकों में महामारी तेजी से फैल रही है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘शहरों के बाद अब गांव भी परमात्मा पर निर्भर.’
लॉकडाउन में सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य जारी रखने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की विपक्ष के कई नेता आलोचना कर चुके हैं.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर और दिल्ली में जारी लॉकडाउन के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना का काम जोर-शोर से जारी है.
इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितंबर में हुई थी, जिसमें एक नए त्रिभुजाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है. इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा. इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है.
यह योजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुताबिक नई इमारत संसद भवन संपदा की प्लॉट संख्या 118 पर बनेगी.
नरेंद्र मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य 3.2 किलोमीटर के क्षेत्र को पुनर्विकास करना है, जिसका नाम सेंट्रल विस्टा है, जो 1930 के दशक में अंग्रेजों द्वारा निर्मित लुटियंस दिल्ली के केंद्र में स्थित है. जिसमें कई सरकारी इमारतों, जिसमें कई प्रतिष्ठित स्थल भी शामिल हैं, को तोड़ना और पुनर्निर्माण करना शामिल है और कुल 20,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई संसद का निर्माण करना है.
संसद भवन को ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था और इसका निर्माण 1921 में शुरू होने के छह साल बाद पूरा हुआ था. इस इमारत में आजादी से पहले इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल था.
नई इमारत में ज्यादा सांसदों के लिए जगह होगी, क्योंकि परिसीमन के बाद लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है. इसमें करीब 1400 सांसदों के बैठने की जगह होगी. लोकसभा के लिए 888 (वर्तमान में 543) और राज्यसभा के लिए 384 (वर्तमान में 245) सीट होगी.
सितंबर 2019 में जब सरकार ने इस परियोजना के लिए जल्दबाजी में निविदाएं जारी कीं, तो इसकी घोर आलोचना की गई. पिछले एक साल में यह आलोचना और भी तेज हो गई है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने देश की स्वास्थ्य प्रणालियों और अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है.
जैसा कि कुछ लोगों ने कहा है कि सरकार सेंट्रल विस्टा परियोजना पर जो राशि खर्च कर रही है, वह हजारों ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों के निर्माण के लिए पर्याप्त होगी. केंद्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे 162 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की लागत 201 करोड़ रुपये है. इसके विपरीत सिर्फ नए संसद भवन का बजट लगभग पांच गुना अधिक 971 करोड़ रुपये का है.
हालांकि, बढ़ती आलोचनाएं भी सरकार को डिगा नहीं सकीं. बीते 20 अप्रैल को इसने उस भूखंड पर तीन भवनों के निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित कीं, जहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र वर्तमान में खड़ा है.
इस बीच, पुनर्विकास का काम जारी है, जबकि शहर के बाकी हिस्से बंद हैं.
देश की सांस फूल रही है, स्वास्थ्य मंत्री को कुछ और हकीकत दिख रही है: थरूर
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के इस बयान के लिए उन पर निशाना साधा कि पिछले सात दिनों में 180 जिलों से कोविड-19 के नए मामले नहीं आए हैं. थरूर ने कहा कि यह देखना बहुत दुखदायी है कि देश को सांस लेना मुश्किल हो रहा है और स्वास्थ्य मंत्री को कुछ और हकीकत नजर आ रही है.
सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर भी थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘इसमें हैरानी की बात नहीं कि वे उन्हें (नरेंद्र मोदी) को प्रथम सेवक क्यों कहते हैं.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘स्वयंसेवक स्वयं की सेवा में व्यस्त हैं.’
स्वयंसेवक स्वयं की सेवा में व्यस्त हैं… https://t.co/D3nV6oC2Ec
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 9, 2021
इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंत्रियों के समूह की 25वीं बैठक में शनिवार को महामारी की स्थिति पर चर्चा की. इसमें उन्होंने कहा कि पिछले सात दिनों में देश के 180 जिलों से संक्रमण के नए मामले नहीं आए हैं.
थरूर ने हर्षवर्धन की टिप्पणी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘यह देखना दुखदायी है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कुछ और हकीकत दिख रही है जबकि पूरा देश सांसों के लिए जूझ रहा है और दुनिया भारतीयों की बदहाली को देख रही है.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने कहा, ‘क्या कोई सोच सकता है कि (अमेरिका में ह्वाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार) डॉ. फाउची एसएमएस भेजे जाने का जश्न मना रहे हैं, फर्जी दवाओं और अप्रमाणित चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दे रहे हैं? हमारे आंकड़ों पर कोई भरोसा नहीं करता है.’
SMS delivered as an Indication of success in fighting #Covid? pic.twitter.com/g8bvgy9Q1p
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 9, 2021
थरूर ने हर्षवर्धन के कुछ दिन पहले के एक और ट्वीट को टैग किया, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘हमारे विश्वस्तरीय को-विन मंच ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के लिए लाभार्थियों के सुगम पंजीकरण का मार्ग प्रशस्त किया.’
हर्षवर्धन ने ट्वीट में कहा था कि महज तीन घंटे में 80 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया, 1.45 करोड़ एसएमएस भेजे गए और 38.3 करोड़ ‘एपीआई हिट’ दर्ज किए गए.
हर्षवर्धन पर तंज कसते हुए थरूर ने पूछा, ‘क्या एसएमएस भेजा जाना कोविड-19 से निपटने में सफलता का संकेतक है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)