भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार और नीसिथ प्रमाणिक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर वे विधायक पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं. जगन्नाथ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद रहने के बावजूद उनका विधानसभा चुनाव लड़ना और जीतने के बाद इस्तीफ़ा देना भाजपा की किसी भी तरह संगठनात्मक कमज़ोरी को नहीं दर्शाता.
कोलकाता: हाल ही में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार और नीसिथ प्रमाणिक ने बुधवार को सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
राणाघाट से सांसद जगन्नाथ सरकार और कूच बिहार से सांसद प्रमाणिक ने विधानसभा जाकर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना त्याग-पत्र सौंपा.
प्रमाणिक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर वे विधायक पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में दो अन्य लोकसभा सांसदों बाबुल सुप्रियो और लॉकेट चटर्जी के अलावा राज्यसभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता को भी मैदान में उतारा था. हालांकि, वे चुनाव हार गए.
जगन्नाथ सरकार ने कहा, ‘भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में मिली तीन सीटों से काफी अच्छा प्रदर्शन करते हुए इस बार 77 सीटों पर जीत दर्ज की. सरकार संचालन में अनुभवी लोगों को जोड़ने के लिए कुछ सांसदों को भी विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा गया था.’
उन्होंने कहा कि लेकिन पार्टी राज्य में सरकार गठन के अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकी.
जगन्नाथ सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद रहने के बावजूद उनका विधानसभा चुनाव लड़ना और जीतने के बाद इस्तीफा देना भाजपा की किसी भी तरह संगठनात्मक कमजोरी को नहीं दर्शाता.
प्रमाणिक ने कहा कि वे एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं रह सकते.
प्रमाणिक ने दिनहाटा सीट से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार उदयन गुहा को मात्र 57 वोटों से हराया था, जबकि जगन्नाथ सरकार ने संतिपुर सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के 15,878 मतों से हराया.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा 77 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन अब उसके केवल 75 सांसद बचे हैं.
वहीं 213 सीटें हासिल कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बनाई है.
इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित सभी 77 भाजपा विधायकों को खतरा बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन सभी के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल की सुरक्षा मुहैया कराने को मंजूरी दी थी.
गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 77 में से 61 विधायकों को न्यूनतम ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी और सीआईएसएफ के कमांडो तैनात किए जाएंगे. बाकी को या तो केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त है अथवा उन्हें उच्च ‘वाई ’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)