गोवा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कथित कमी से 13 और लोगों की मौत

गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल राज्य का सबसे बड़ा कोविड-19 केंद्र है. 13 मई को इस अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले 12 मई को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते 21 कोविड मरीज़ों और 11 मई को 26 ऐसे मरीज़ों की मौत हुई थी. विपक्ष इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल राज्य का सबसे बड़ा कोविड-19 केंद्र है. 13 मई को इस अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले 12 मई को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते 21 कोविड मरीज़ों और 11 मई को 26 ऐसे मरीज़ों की मौत हुई थी. विपक्ष इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

पणजी: गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में शुक्रवार सुबह कथित तौर पर ऑक्सीजन को लेकर 13 और मरीजों की जान चली गई. विपक्षी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने इन मौतों को लेकर भी ऑक्सीजन की कमी का आरोप लगाया है, हालांकि अस्पताल का कहना है कि मौत के कारणों का अभी पता लगाया जा रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी महेश कांबली ने कहा कि शुक्रवार सुबह 13 लोगों की मौत हुई है, इसका अभी पता नहीं चल सका है कि मौत ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने से हुई है. उन्होंने कहा कि नौ लोगों की मौत देर रात दो से सुबह छह बजे के बीच हुई है, जबकि चार लोगों की मौत सुबह छह से आठ बजे के बीच हुई है.

बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ द्वारा ऑक्सीजन की कमी की मौजूदा स्थितियों पर गहरी चिंता जाहिर करने के एक दिन बाद बीते 13 मई को भी इस अस्पताल में रात दो बजे से सुबह छह बजे के बीच कथित तौर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीजों की जान चली गई.

द वायर  ने बीते 12 मई को अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि जीएमसीएच में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा पहुंचाने के चलते 48 घंटे में 47 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी.

इसमें से मंगलवार (11 मई) को ऑक्सीजन की कमी के चलते 26 कोविड-19 मरीजों और 12 मई को 21 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी. इसे लेकर खुद गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने हाईकोर्ट से जांच करने की मांग की थी. इसके चलते मुख्यमंत्री प्रमोद सावंद और राणे के बीच विवाद भी खड़ा हो गया है.

दरअसल मुख्यमंत्री का कहना था कि ऑक्सीजन आपूर्ति में देरी से अस्पताल की केंद्रीय आपूर्ति में दबाव कम हो गया है और यह नहीं कहा जा सकता है कि मौत इसी वजह से हुई है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.

वहीं स्वास्थ्य मंत्री राणे ने पत्रकारों से बात करते हुए जीएमसीएच में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी की बात स्वीकार की थी और इसे लेकर हाईकोर्ट से जांच कराने का अनुरोध किया था.

इस घोर लापरवाही के लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

इन मौतों का ब्योरा होने का दावा करते हुए गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने कहा, ‘अस्पताल में पिछले चार दिनों से लगातार 75 लोगों की मौत हो चुकी है. 11 मई की रात 21 लोगों की मौत हुई थी. 12 मई को 15 और 14 मई को 13 लोगों की मौत हुई है’

उन्होंने कहा कि जीएमसीएम में देर रात दो बजे से छह बजे के बीच फिर मौत के मामले सामने आए हैं, अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई में दिक्कत आई है.

गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. प्रतीक सावंत पिछले एक साल से जीएमसीएच में कोविड ड्यूटी पर हैं. बीते शुक्रवार को उन्होंने कहा कि उन्हें सहकर्मियों से जानकारी मिली थी कि शुक्रवार सुबह केंद्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति में 20 मिनट के दबाव कम हुआ था, लेकिन मरीजों के सेचुरेशन लेवल में उस समय कोई कमी नहीं आई थी.

इसके अलावा शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ में एक स्थिति रिपोर्ट पेश करते हुए स्वास्थ्य सचिव रवि धवन ने बताया था कि अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति की निगरानी के लिए वह और शहरी विकास सचिव डॉ. तारीक थॉमस बृहस्पतिवार रात 10 बजे से शुक्रवार सुबह 5:45 बजे तक खुद अस्पताल में मौजूद थे.

उन्होने कहा, ‘इस दौरान ऑक्सीजन के दबाव में कमी की कोई शिकायत नहीं आई थी.’

रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सचिव ने यह भी दोहराया कि केंद्र ने बीते 13 मई को जारी एक आदेश में गोवा के तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) के दैनिक आवंटन को 26 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 46 मीट्रिक टन कर दिया है.

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने जीएमसीएच में 20,000 लीटर के मेडिकल ऑक्सीजन टैंक का निर्माण किए जाने की जानकारी ट्वीट कर दी थी.

दूसरी ओर राज्य के विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार से ऑक्सीजन के संबंध में गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है.

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष सरदेसाई ने कहा, ‘चामराजनगर (कर्नाटक) में भी ऐसी ही घटना (ऑक्सीजन की कमी) देखने को मिली थी, लेकिन यहां (गोवा) पर ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं.’

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, मुख्य सचिव परिमल रॉय और ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए जिम्मेदार नोडल अधिकारी स्वेतिका चौहान के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज कराने जा रही है.

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिगंबर कामत ने कहा, ‘गोवा में भाजपा सरकार द्वारा जीएमसीएच में घोर लापरवाही के कारण होने वाली मौतों को स्पष्ट रूप से स्वीकार करने के साथ मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सरकारी उदासीनता और गलती से मारे गए लोगों के परिवारों को तुरंत पर्याप्त मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए.’

रिपोर्ट के अनुसार, गोवा में शुक्रवार को कोविड-19 से हुईं 61 मौतों में से यहां के सबसे बड़े कोविड केंद्र जीएमसीएच में 39 लोगों की जान गई थी. इनमें से 14 लोगों की मौत दक्षिण गोवा जिला अस्पताल में हुई थी.

शुक्रवार को यहां 2,455 नए मामले सामने आए थे, जिसके बाद कोरोना संक्रमण के कुल सक्रिय मामले बढ़कर 32,387 हो गए थे. 36 प्रतिशत संक्रमण दर के कारण यहां स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.