घटना बीते नौ अप्रैल को महाराष्ट्र के अकोला ज़िले के वडगांव में हुई थी, महिला के शिकायत दर्ज कराने के बाद यह मामला सामना आया है. जाति पंचायत ने महिला पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. पुलिस ने बताया कि जाति पंचायत के 10 सदस्यों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
मुंबई: महाराष्ट्र के अकोला जिले में तलाक के बाद दूसरी शादी करने वाली 35 वर्षीय एक महिला को उसके समुदाय की एक ‘जाति पंचायत’ ने सजा के तौर पर थूक चाटने का आदेश दिया.
एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि जाति पंचायत ने महिला पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
महिला ने लेकिन हिम्मत दिखाते हुए इन फरमानों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
उन्होंने बताया कि यह घटना पिछले महीने की है, लेकिन महिला के अनाधिकारिक ग्राम परिषद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद यह मामला सामना आया.
अधिकारी ने बताया कि जलगांव में रहने वाली महिला के शिकायत करने के बाद महाराष्ट्र सामाजिक बहिष्कार से संरक्षण अधिनियम, 2016 की धारा पांच और छह के तहत जाति पंचायत के 10 सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी 13 मई की शाम जलगांव के चोपडा सिटी पुलिस थाने में दर्ज की गई. इसके बाद मामले की जांच अकोला के पिंजर पुलिस थाने को सौंप दी गई, जहां यह घटना हुई थी.
अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार घटना नौ अप्रैल को अकोला के वडगांव में हुई, जहां पीड़िता के दूसरी शादी पर फैसला लेने के मामले में जाति पंचायत बुलाई गई थी.
अधिकारी ने बताया कि पीड़िता का नाता ‘नाथ जोगी’ समुदाय से है और उसके समुदाय की जाति पंचायत उसकी दूसरी शादी स्वीकार नहीं करती.
उन्होंने बताया कि 2015 में पहले पति से तलाक के बाद पीड़िता ने 2019 में दूसरी शादी की थी. उसने पहली शादी 2011 में की थी.
अधिकारी ने बताया कि पंचायत ने महिला की दूसरी शादी पर चर्चा की और उसकी बहन तथा अन्य रिश्तेदारों को बुलाकर ‘फैसला’’ सुनाया. इस दौरान पीड़िता वहां मौजूद नहीं थी.
उन्होंने बताया कि फैसले के अनुसार, जाति पंचायत के सदस्य केले के एक पत्ते पर थूकते और पीड़िता सजा के तौर पर उसे चाटती. इसके अलावा पंचायत ने पीड़िता को एक लाख रुपये देने को भी कहा.
अधिकारी ने शिकायत के हवाले से बताया कि पंचायत की इन शर्तों को पूरा करने के बाद पीड़िता उसके समुदाय में ‘लौट’ सकती है.
यह फैसला जाति पंचायत ने पीड़िता के रिश्तेदारों को सुनाया था.
जलगांव के पुलिस अधीक्षक प्रवीण मुंडे ने बताया कि फैसले से स्तब्ध पीड़िता ने चोपडा सिटी पुलिस थाने में पंचायत के सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
उन्होंने बताया कि घटना अकोला में हुई थी, इसलिए आगे की जांच वहां के थाने को सौंप दी गई.