रविवार को इजरायल ने गाजा में पिछले एक हफ़्ते में सबसे घातक हमला किया, जिसमें आठ बच्चों सहित 26 फ़लस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार शाम को कहा कि जब तक ज़रूरत पड़ेगी तब तक यह अभियान जारी रहेगा.
गाजा सिटी/लॉस एंजिलिस/बीजिंग/संयुक्त राष्ट्र: इजरायल ने गाजा पट्टी में हवाई हमले जारी रखते हुए गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले संगठन हमास के एक वरिष्ठ नेता के घर पर बमबारी की, एक शरणार्थी शिविर पर हमला किया और एक बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त कर दिया, जिसमें समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस (एपी), कतर की न्यूज एजेंसी अलजजीरा और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय थे.
शरणार्थी शिविर पर किए हमले में एक ही परिवार के 10 लोगों की मौत हो गई जिनमें अधिकतर बच्चे थे.
वहीं, उग्रवादी समूह हमास ने इजरायल में रॉकेट हमले जारी रखे हैं. उसने देर रात तेल अवीव शहर पर भी रॉकेट दागे. शनिवार को एक घर पर रॉकेट गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, रविवार को इजरायल ने गाजा में पिछले एक हफ्ते में सबसे घातक हमला किया जिसमें आठ बच्चों सहित 26 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई. गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.
रविवार तड़के हुए इस हमले के साथ इस संघर्ष में गाजा में कम से कम 174 फलस्तीनी मारे गए, जिनमें 47 बच्चे और 27 महिलाएं शामिल हैं. इजरायल में 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर अलग-अलग बात की. हालांकि, उन्होंने इजरायल के अभियान का समर्थन किया है.
इजरायल के युद्धक विमानों ने रविवार तड़के गाजा सिटी के अहम हिस्से में कई इमारतों और सड़कों को निशाना बनाया.
निवासियों और पत्रकारों द्वारा जारी तस्वीरों के अनुसार, हवाई हमलों से गड्ढा बन गया, जिससे शिफा अस्पताल की ओर जाने वाली एक मुख्य सड़क अवरुद्ध हो गई. शिफा गाजा पट्टी में सबसे बड़ा अस्पताल है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ताजा हवाई हमलों में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए, जिनमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. उसने बताया कि बचावकर्ता अब भी मलबा हटा रहे हैं तथा अभी तक पांच और घायलों को निकाला गया है.
दो घंटों तक भारी बमबारी करने के बाद भी इजरायली सेना ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
इजरायल ने शनिवार को हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख नेता खलील अल-हायेह के घर पर बम गिराए. अभी अल-हायेह के मारे जाने या किसी अन्य के मारे जाने की कोई खबर नहीं मिली है.
अल-हायेह के घर पर बमबारी दिखाती है कि इजरायल अपना अभियान उग्रवादी समूह के सैन्य कमांडरों को निशाना बनाने से आगे बढ़ा रहा है. इजरायल ने कहा कि उसने हमास की सेना के दर्जनों लोगों को मार गिराया है. हालांकि हमास ने केवल 20 सदस्यों के मारे जाने की बात कही है.
संघर्ष शुरू होने के बाद से ही इजरायल ने गाजा सिटी के बड़े कार्यालयों और आवासीय इमारतों को निशाना बनाते हुए आरोप लगाया कि इसमें हमास के उग्रवादी रह रहे थे.
शनिवार को उसने 12 मंजिला अल-जाला इमारत को ध्वस्त कर दिया, जहां समाचार एजेंसी एपी, टीवी नेटवर्क अल-जजीरा और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय स्थित थे.
The logic by 🇮🇱 of destroying high rise buildings in Gaza, now even those housing international media, defies me completely. pic.twitter.com/4W2FvqYjz8
— Carl Bildt (@carlbildt) May 15, 2021
नेतन्याहू ने शनिवार शाम को टेलीविजन पर दिए भाषण में कहा, ‘जब तक जरूरत पड़ेगी तब तक यह अभियान जारी रहेगा.’ उन्होंने आरोप लगाया कि हमास की सैन्य खुफिया इकाई इस इमारत में काम कर रही थी.
इजरायल आवासीय इमारतों समेत कई स्थानों पर हवाई हमलों के पीछे हमास उग्रवादियों की मौजूदगी की वजह बताता है. सेना ने इस उग्रवादी समूह पर पत्रकारों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया, लेकिन इस संबंध में कोई सबूत नहीं दिया.
एपी का कार्यालय इस इमारत में पिछले 15 वर्षों से था, यानी कि इजरायल और हमास के बीच पहले के तीन युद्धों के दौरान भी उसने इसी इमारत से काम किया, लेकिन कभी उसे सीधे निशाना नहीं बनाया गया.
मीडिया संस्थानों के कार्यालय जिस इमारत में थे, उस पर दोपहर को हुए हमले से पहले इजरायली सेना ने इमारत के मालिक को फोन कर इसे निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी थी. इसके बाद एपी के कर्मचारी एवं अन्य लोगों ने तत्काल इमारत को खाली किया.
समाचार संगठनों ने इजरायल के इस हवाई हमले के लिए स्पष्टीकरण देने की मांग की है.
एपी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गैरी प्रुइट ने एक बयान में कहा, ‘आज जो भी हुआ, उसके कारण गाजा में जो भी हो रहा है उसके बारे में दुनिया ज्यादा नहीं जान पाएगी.’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी समाचार एजेंसी इजरायली सरकार से जानकारी ले रही है तथा इसके बारे में और अधिक जानने के लिए अमेरिका के विदेश विभाग के साथ बातचीत कर रही है.
अल-जजीरा मीडिया नेटवर्क के कार्यवाहक महानिदेशक मुस्तफा सुआग ने इस हमले को ‘युद्ध अपराध’ बताया, जिसका मकसद ‘मीडिया को चुप कराना और गाजा के लोगों की पीड़ा को छिपाना है.’
इसके बाद ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने ट्वीट किया कि अमेरिका ने ‘इजरायलियों को साफ तौर पर बता दिया है कि पत्रकारों तथा स्वतंत्र मीडिया की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है.’
शनिवार को ही गाजा सिटी में घनी आबादी वाले शती शरणार्थी शिविर में एक अन्य हवाई हमले में दो महिलाओं और आठ बच्चों की मौत हो गई.
इस बीच मिस्र ने उम्मीद जताई कि अमेरिका के हस्तक्षेप से इजरायल के हमले रुक सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को रविवार को बैठक करनी है.
पूर्वी यरुशलम में इस महीने की शुरुआत में तनाव तब शुरू हुआ, जब फलस्तीनियों ने शेख जर्रा में उन्हें निकाले जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया और इजरायली पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद में कार्रवाई की.
यह लड़ाई 10 मई को शुरू हुई जब यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने लंबी दूरी के रॉकेट दागने शुरू किए. इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई हवाई हमले किए.
इजरायली हवाई हमले से ‘बेहद परेशान’ हैं संयुक्त राष्ट्र प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस उस इजरायली हवाई हमले से बेहद परेशान हैं, जिसमें गाजा शहर की एक ऊंची इमारत ध्वस्त हो गई.
इस इमारत में कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के कार्यालय और आवासीय अपार्टमेंट थे.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव हताहत आम नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ने से निराश हैं.
प्रवक्ता ने शनिवार को कहा, ‘महासचिव ने सभी पक्षों को याद दिलाया है कि असैन्य नागरिकों और मीडिया संगठनों को अंधाधुंध निशाना बनाया जाना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और हर कीमत पर इसे रोकना चाहिए.’
दुजारिक ने कहा कि गुतारेस ने गाजा में अल शती शरणार्थी शिविर में शुक्रवार को हुए इजरायली हवाई हमले के कारण बच्चों समेत एक ही परिवार के 10 सदस्यों की मौत का भी जिक्र किया.
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कार्रवाई की मांग की, अमेरिका की आलोचना की
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इजरायल और गाजा के हमास शासकों के बीच हिंसा जल्द से जल्द खत्म कराने की मांग की है. उन्होंने परिषद द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई न किए जाने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने वांग के हवाले से कहा, ‘यह खेदजनक है कि परिषद अभी तक किसी भी समझौते पर नहीं पहुंची है. वहीं अमेरिका अंतरराष्ट्रीय न्याय के विरुद्ध खड़ा है.’
वांग ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से शनिवार को फोन पर की बातचीत में यह बात कही.
उन्होंने दो-राष्ट्र के समझौते का समर्थन किया और कहा कि इस महीने सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष चीन सभी पक्षों से उम्मीद करता है कि रविवार को जब परिषद इस संघर्ष पर चर्चा करें तो वे एकसुर में आवाज उठाएं.
वांग ने कहा कि सुरक्षा परिषद को दो-राष्ट्र के समाधान की पुन: पुष्टि करनी चाहिए और फलस्तीनियों तथा इजरायलियों से इस आधार पर जल्द से जल्द वार्ता बहाल करने का अनुरोध करना चाहिए.
अमेरिका के शहरों में प्रदर्शनकारियों ने गाजा पर हवाई हमले की निंदा की
अमेरिका में फलस्तीन समर्थकों ने गाजा पट्टी पर इजरायली हवाई हमले खत्म करने की मांग करते हुए लॉस एंजिलिस, बोस्टन, फिलाडेल्फिया और अन्य अमेरिकी शहरों में प्रदर्शन किए.
हजारों लोगों ने लॉस एंजिलिस में संघीय इमारत से लेकर इजरायली वाणिज्य दूतावास तक शनिवार को रैली निकाली. उन्होंने ‘फलस्तीन को आजाद करो’ और ‘इंतिफादा (विद्रोह) कायम रहे’ के पोस्टर पकड़ रखे थे.
सैन फ्रांसिस्को में प्रदर्शनकारियों ने ड्रम बजाकर और ‘फलस्तीन आजाद होगा’ के नारे लगाकर प्रदर्शन किए तथा रैली निकाली.
इसके अलावा बोस्टन, वॉशिंगटन, फिलाडेल्फिया और पिट्सबर्ग समेत कई शहरों में प्रदर्शन हुए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)