दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी के बीच ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कथित जमाखोरी और कालाबाज़ारी के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी नवनीत कालरा को गिरफ़्तार किया है. बीते दिनों दिल्ली में उनके तीन रेस्तरां से 500 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर ज़ब्त किए गए थे.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी के बीच ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कथित तौर पर जमाखोरी करने और उनकी कालाबाजारी करने के आरोपी कारोबारी नवनीत कालरा को रविवार रात गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उसके तीन रेस्तरां से कुछ दिन पहले 500 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर जब्त हुए थे और वह उसके बाद फरार था.
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर कोविड-19 मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण उपकरण माने जाते हैं और संक्रमण की दूसरी लहर में इनकी भारी मांग है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कालरा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. एक सत्र अदालत द्वारा राहत देने से इनकार किए जाने के बाद 13 मई देर शाम कालरा ने उच्च न्यायालय का रुख किया था.
हाल में पुलिस की छापेमारी में कालरा के तीन रेस्तरां- खाना चाचा, नेगा जू और टाउन हॉल- से 524 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बरामद किए गए थे. इस मामले की जांच बाद में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई थी.
अमर उजाला के मुताबिक, दक्षिण दिल्ली पुलिस ने कालरा के खिलाफ 4 मई को मामला दर्ज किया था. इससे पहले पुलिस ने उसके मैनेजर रितेश व दूसरे कारोबारी गौरव सहित चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया था.
इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने छह मई को लोधी कॅालोनी स्थित रेस्तरां-बार से 419 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर बरामद किए थे. इसके बाद 7 मई को खान मार्केट स्थित खान चाचा रेस्तरां और टाउन हॉल रेस्तरां में छापा मारकर 105 कन्संट्रेटर बरामद किए.
पुलिस ने दावा किया था कि इन ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटरों को चीन से आयात किया गया था और 50 से 70 हजार रुपये में बेचा जा रहा था जबकि इनकी वास्तविक कीमत 16 से 22 हजार के बीच थी.
आरोपी रेस्तरां-बार नेग-जू में कन्संट्रेटर की ऑनलाइन कालाबाजारी कर रहे थे. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बहुत ही घटिया क्वालिटी के थे और मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकते थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने कालरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (जालसाजी), 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 34 (समान इरादे से काम करना) के तहत मामला दर्ज किया था. इसके अलावा ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटरों की कालाबाजारी के लिए आवश्यक वस्तु कानून और महामारी कानून के तहत भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
जांच के दौरान यह पाया गया कि कंपनी ने कथित तौर पर स्थानीय विक्रेताओं और चीनी कंपनियों से 7,000 से अधिक मशीनें खरीदीं और उन्हें कोविड रोगियों और उनके परिवारों को अत्यधिक दरों पर बेचा.
पुलिस ने इससे पहले कंपनी के सीईओ गौरव खन्ना और वाइस प्रेसिडेंट गौरव सूरी समेत तीन अन्य कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों पर धोखाधड़ी, महामारी रोग अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस का दावा है कि कालरा ने उपकरण बेचने के लिए मैट्रिक्स सेल्युलर सर्विसेज के मालिक गगन दुग्गल के साथ काम किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)