पश्चिम बंगाल कैबिनेट के प्रस्ताव को अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनकी मंज़ूरी के बाद आवश्यक मंज़ूरी के लिए इसे राज्य विधानसभा के पास भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान उम्र की वजह से टिकट सूची से बाहर रखे गए वरिष्ठ नेताओं के लिए विधान परिषद बनाए जाने का वादा किया था.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के विधान परिषद बनाने के चुनावी वादे को मंजूरी दे दी. बनर्जी ने हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान उम्र की वजह से टिकट सूची से बाहर रखे गए वरिष्ठ नेताओं के लिए विधान परिषद बनाए जाने का वादा किया था.
पश्चिम बंगाल में फिलहाल 294 सदस्यीय विधानसभा है, लेकिन राज्य में विधान परिषद नहीं है.
एक अधिकारी ने बताया, ‘कैबिनेट ने विधान परिषद के गठन को मंजूरी दे दी. इसे अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद आवश्यक मंजूरी के लिए इसे राज्य विधानसभा के पास भेजा जाएगा.’
संवैधानिक प्रावधान के अनुसार विधान परिषद का गठन करने या उसे भंग करने के लिए राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाना जरूरी है, जिसे सदन की बहुमत से समर्थित होना आवश्यक है.
28 राज्यों में से छह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कोरोना वायरस के दूसरी लहर पर लगाम लगाने के लिए पूर्ण लॉकडाउन के कारण कैबिनेट की बैठक में केवल कुछ मंत्री उपस्थित थे.
सोमवार को नाबन्ना सभाघर में हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, बिजली मंत्री अरूप विश्वास सहित केवल आठ मंत्री मौजूद थे.
राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के दौरान टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुजुर्ग विधायकों को उम्मीदवारी छोड़ने के लिए कहा था और उन्हें विधान परिषद के सदस्यों के रूप में शामिल करने का वादा किया था.
कुछ अन्य महत्वपूर्ण फैसलों में कैबिनेट ने राज्य के विभिन्न विभागों में युवाओं की भर्ती के लिए विस्तृत नीति बनाने को अपनी मंजूरी दे दी. इसके अलावा राज्य में कोविड रोगियों का इलाज करने वाले विभिन्न अस्पतालों में उपकेंद्र स्थापित करने को भी मंजूरी दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)