मध्य प्रदेश: अस्पताल में चूहों ने कुतरा नवजात का पांव, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

मामला मध्य प्रदेश के इं​दौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय का है. प्रशासन ने एक महिला नर्स को निलंबित कर दिया. इसके अलावा अस्पताल में साफ-सफाई और सुरक्षा की ठेकेदार कंपनी के दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)​​​

मामला मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय का है. प्रशासन ने एक महिला नर्स को निलंबित कर दिया. इसके अलावा अस्पताल में साफ-सफाई और सुरक्षा की ठेकेदार कंपनी के दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

इंदौर: मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने यहां एक सरकारी अस्पताल में चूहों द्वारा नवजात बच्चे की एड़ी कुतरे जाने के मामले का मंगलवार को संज्ञान लिया और प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की.

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इस निकाय के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन ने मीडिया की खबरों के आधार पर इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की है.

अधिकारी के मुताबिक, रिपोर्ट इस बारे में मांगी गई है कि शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) की नर्सरी (वह स्थान जहां नवजात बच्चों को देख-भाल के लिए रखा जाता है) में बीते 17 मई को चूहों ने नवजात बच्चे की एड़ी आखिर किन हालात में कुतर दी.

इस बीच, एमवायएच के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न किए जाने की शर्त पर समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि 23 दिन के बच्चे को अस्पताल की नर्सरी के झूले में रखा गया था जहां उसकी एड़ी को चूहों ने कुतर दिया.

उन्होंने बताया, ‘विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में बच्चे के घाव की मरहम-पट्टी की जा रही है. फिलहाल उसकी हालत ठीक है.’

अधिकारी के मुताबिक, एमवायएच में चूहों के हमले का शिकार बच्चा गर्भावस्था की सामान्य अवधि से करीब दो महीने पहले जन्मा था और प्रसव के वक्त उसका वजन सिर्फ 1.3 किलोग्राम था. इसलिए उसे नर्सरी में रखकर उसकी देखभाल की जा रही थी.

एमवायएच के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर ने बताया कि घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें अस्पताल के दो डॉक्टर और एक प्रशासकीय अधिकारी शामिल हैं.

अमर उजाला के मुताबिक, इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने मंगलवार रात तीन कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की. प्रशासन ने एक महिला नर्स को निलंबित कर दिया. इसके अलावा एमवायएच में साफ-सफाई और सुरक्षा की ठेकेदार कंपनी के दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. इसी कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, घटना सामने आने के बाद अस्पतालपहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ सुरक्षा गार्डों ने न केवल अभद्रता की बल्कि धमकी भी दी गई.  इसी दौरान कुछ मरीज के परिजन सामने आए.

रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों की नर्सरी में परिजन ने कहा कि यहां बहुत बड़े-बड़े चूहे हैं. इसी दौरान सुरक्षा गार्ड आ गए और अभद्रता करने लगे. यहां मौजूद मीडियाकर्मियो को गार्ड ने कवरेज से रोकते हुए धमकाया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)