पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भीड़ ने गाय ले जाते हुए दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या की.
जलपाईगुड़ी: प्रधानमंत्री के बार बार सख्त हिदायत के बाद भी गाय के नाम पर आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज रविवार को ही अपने नियमित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी’. उन्होंने यह भी कहा, ‘आस्था या धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’ लेकिन आज ही पश्चिम बंगाल में गाय लेकर जा रहे दो लोगों की भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी.
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के बरहोरिया गांव में रविवार को एक पिक-अप वैन में गाय ले जा रहे दो लोगों को भीड़ ने खींचकर बाहर निकाला और कथित तौर पर उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि भीड़ ने अनवर हुसैन (19) और हफीजुल शेख (19) को पीट-पीट कर मार डाला. भीड़ ने तड़के उनके वाहन का पीछा किया और वाहन से उन्हें खींचकर बाहर निकाला. वाहन को भीड़ ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया.
पुलिस हुसैन और शेख को धुपगुड़ी अस्पताल ले गई जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस वाहन से ले जाए जा रहे मवेशियों को लेकर गई. इलाके में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है.
पश्चिम बंगाल में इसके पहले भी गाय चोरी के नाम पर तीन लोगों की पीटकर हत्या कर दी गई थी. जून महीने के आखिरी हफ्ते में राज्य के उत्तर दिनाजपुर ज़िले के सोनापुर ग्राम पंचायत के दुर्गापुर गांव में देर रात गांव वालों की सामूहिक पिटाई में तीन लोगों की मौत हो गई थी.
आज रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही. गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा में हुई हिंसा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा की राह पर चलने वाले किसी व्यक्ति या समूह को बख्शा नहीं जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने लाल किले से भी कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी, चाहे वो सांप्रदायिक आस्था हो, चाहे वो राजनैतिक विचार धाराओं के प्रति आस्था हो, चाहे वो व्यक्ति के प्रति आस्था हो, चाहे वो परंपराओं के प्रति आस्था हो, आस्था के नाम पर, कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है.’
इसके पहले भी प्रधानमंत्री कई बार गाय के नाम पर हो रही पीट पीटकर हत्याओं पर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं लेकिन गाय के नाम हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)