इस महीने के शुरुआत में दिल्ली स्थित न्यूजीलैंड दूतावास ने ट्विटर पर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. को टैग कर ‘तत्काल’ उनके परिसर में ऑक्सीजन सिलेंडर देने की गुज़ारिश की थी. हालांकि जब इसे लेकर विवाद उठा कि भारत सरकार दूतावासों की मदद नहीं कर रही है, इसलिए उन्हें यूथ कांग्रेस से गुज़ारिश करनी पड़ रही है, तो न्यूजीलैंड दूतावास ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था.
नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित न्यूजीलैंड उच्चायोग के एक कर्मचारी की कोविड-19 वायरस के कारण मौत हो गई. आरएनजेड (रेडियो न्यूजीलैंड) ने रिपोर्ट कर ये जानकारी दी है.
खास बात ये है कि इस मरीज को बचाने के लिए यूथ कांग्रेस ने दूतावास में ऑक्सीजन पहुंचाई थी, जिसे लेकर बाद में काफी विवाद खड़ा हो गया था.
न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानिया माहुता ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दो दिन पहले एक भारतीय नागरिक, जो कि दूतावास में कर्मचारी थे, की मौत हो गई. इसी कर्मचारी के लिए न्यूजीलैंड उच्चायोग ने ट्वीट कर यूथ कांग्रेस से मदद मांगी थी, जिसकी उन्होंने आपूर्ति भी की थी.
इस कर्मचारी ने 1986 में सर एडमंड हिलेरी के अधीन आयोग में काम करना शुरू किया था, जो उस समय उच्चायुक्त थे.
मालूम हो कि मई महीने के शुरुआत में दिल्ली स्थित न्यूजीलैंड दूतावास ने ट्विटर पर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. को टैग करते हुए ‘तत्काल’ उनके परिसर में ऑक्सीजन सिलेंडर देने की गुजारिश की थी.
हालांकि जब इसे लेकर विवाद उठा कि भारत सरकार दूतावासों की मदद नहीं कर रही है, इसलिए उन्हें यूथ कांग्रेस से गुजारिश करनी पड़ रही है, तो न्यूजीलैंड दूतावास ने इस ट्वीट को तुरंत डिलीट कर दिया था.
लेकिन इस पर दिया गया श्रीनिवास का जवाब अब भी मौजूद है. इसके कुछ देर बाद न्यूजीलैंड दूतावास ने एक नया ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया कि वे तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर पाने के लिए सभी स्रोतों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे और उनकी अपील का गलत अर्थ निकाला गया जिसके लिए वे क्षमा प्रार्थी हैं.
इसके बाद श्रीनिवास ने एक वीडियो ट्वीट में बताया कि उनकी टीम द्वारा दूतावास में सिलेंडर पहुंचा दिए गए हैं. उन्होंने त्वरित राहत के लिए भारतीय यूथ कांग्रेस की टीम को धन्यवाद दिया.
माहुता ने पुष्टि की है कि यूथ कांग्रेस से इसी कर्मचारी के लिए मदद मांगी गई थी, जिनकी अब मौत हो चुकी है.
इस मामले को लेकर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने माफी भी मांगी थी और कहा था कि उच्चायोग को ऑक्सीजन के लिए ‘आधिकारिक चैनल’ का रास्ता अपनाना चाहिए था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि कई सारे स्टाफ बीमार हैं.
इस बीच विदेश मंत्रालय (एमएफएटी) ने आरएनजेड को बताया कि नई दिल्ली में न्यूजीलैंड के दो कर्मचारी भारत में कोविड-19 की नई लहर के बाद से घर लौट आए हैं.
एमएफएटी के एक प्रवक्ता ने कहा कि नई दिल्ली में उच्चायोग के पास परिसर में रहने वाले अस्वस्थ कर्मचारियों या परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए पर्याप्त चिकित्सा उपकरण और सेवाओं आपूर्ति की गई है.
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