बिहार के पटना स्थित गांधी मैदान में तैयार हुई महागठबंधन की भूमिका, बसपा, माकपा को छोड़ 18 विपक्षी दलों की जुटान.
पटना: बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज रविवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ‘देश बचाओ, बीजेपी भगाओ’ रैली में 18 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान सभी नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर जमकर निशाना साधा.
भारी संख्या में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए लालू यादव ने नीतीश पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘हम नीतीश कुमार को जानते थे कि यह आदमी ठीक नहीं है. लेकिन उस समय देश टूट के कगार पर खड़ा था. इसलिए हमने नीतीश के समझौता किया था. लेकिन नीतीश कुमार अपनी बात से पलट गए और भाजपा के साथ चले गए.’
भाजपा के विरुद्ध विपक्षी एकता का प्रदर्शन करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, समेत कई दिग्गज नेताओं ने यहां लालू प्रसाद की महारैली में मंच साझा किया.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रैली में नहीं आने से विपक्षी एकता पर सवाल उठ रहे थे, लेकिन राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने रैली में अपना संदेश भेजकर विपक्षी एकता पर उठ रहे सवाल का जवाब देने की कोशिश की.
राजग में बिहार से जितने नेता हैं सब हमारे प्रोडक्ट हैं
लालू प्रसाद यादव केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हम नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं मान रहे थे. यह छली आदमी है. राजग में आज बिहार से जितने नेता शामिल हैं सब हमारे प्रोडक्ट हैं. शरद यादव ने नीतीश कुमार को दिल्ली में मंत्री बनवाया. आज नीतीश कुमार शरद यादव को गाली दे रहे हैं.’
लालू ने भीड़ को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार के ‘धोखे’ का बार बार जिक्र करते हुए कहा, ‘हमने नीतीश कुमार के तमाम उम्मीदवारों को घूम-घूम कर जिताया. हमारे 80 विधायक जीते, नीतीश के 71, कांग्रेस के 27 विधायक जीते. हमसे जब पूछा गया कि आपकी ज्यादा सीटें आई हैं सीएम कौन होगा तो हमने कहा कि हम सिद्धांत के पक्के हैं नीतीश कुमार ही सीएम होंगे. गरीबों ने हमारा चेहरा देखकर भारी बहुमत दिया था.’
नीतीश को तेजस्वी से खतरा लगता था
लालू ने कहा कि नीतीश कुमार को तेजस्वी से जलन थी इसलिए ही उन्होंने अचानक गठबंधन तोड़ दिया. नीतीश हमारे घर समर्थन मांगने आए थे. हमने दे दिया लेकिन लेकिन नीतीश को तेजस्वी से खतरा लगता था.
भाजपा से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए लालू ने कहा, नीतीश कुमार कहते थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी में नहीं जाएंगे. नीतीश कहते थे कि संघमुक्त भारत बनाना है लेकिन उसी की गोद में बैठ गए. अब नीतीश कुमार पर कोई भी पार्टी विश्वास नहीं करेगी.
भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे
तेजस्वी यादव ने कहा, गांधी मैदान में मौजूद लाखों लोगों और विपक्ष के अपने वरिष्ठ नेताओं के सामने में यह कसम लेता हूं कि गरीब गुरबों के हक़ में जब तक भाजपा को, धोखेबाजों को दिल्ली और पटना की गद्दी से उखाड़ नहीं फेंकूंगा तब तक यह संघर्ष हर गली, मुहल्ले और गांव में जारी रहेगा.
लालू ने इस रैली को 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पतन का सूत्रधार बताया. रैली में जदयू के बागी शरद यादव का मंच पर प्रसाद ने गले लगाकर स्वागत किया. शरद अपनी पार्टी जदयू के आदेश का उल्लंघन कर रैली में शामिल हुए.
पूरे देश में बनेगा गठबंधन
रैली को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा, राजनीति ऐसी जगह हो गई है कि हमारा छाया भी हमसे बगावत कर गया है. इसी मंच पर गठबंधन बना था. यहां के लोग ऐसा बदलाव लाया कि उसके बाद जीत का जश्न बना. लेकिन बिहार में महागठबंधन खत्म करने की कोशिश हुई है, अब पूरे देश में महागठबंधन बनाने की कोशिश तेज होगी.
अब सभी की निगाहें नीतीश कुमार और जदयू पर हैं. जदयू भाजपा गठबंधन के बाद से ही शरद यादव बगावत पर उतर आए हैं. जदयू नेता केसी त्यागी ने यादव को भेजे पत्र में उन्हें रैली से दूर रहने को कहा था. पत्र के अनुसार ऐसा नहीं करने पर यह माना जाएगा कि उन्होंने अपनी इच्छा से पार्टी छोड़ दी है. अब शरद यादव पर निष्कासन की तलवार लटक रही है. उनके साथ जदयू के राज्यसभासदस्य अली अनवर भी थे. हालांकि, जदयू का शरद गुट पहले ही चुनाव आयोग में पार्टी पर अपना दावा ठोंक चुका है.
इस रैली में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी और सचिव डी राजा, झामुमो प्रमुख एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, राकांपा नेता और सांसद तारिक अनवर ने भी रैली में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
(समाचार एजेंसियों से इनपुट के साथ)