यूपी: सब्ज़ी विक्रेता किशोर की कथित पिटाई से मौत, तीन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

घटना शुक्रवार शाम उत्तर प्रदेश उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में हुई. मृतक की प​हचान 17 वर्षीय फैसल हुसैन के रूप में हुई. इस संबंध में दो आरोपी कॉन्स्टेबलों को निलंबित करने के अलावा एक होमगार्ड को सेवा से मुक्त कर दिया गया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

घटना शुक्रवार शाम उत्तर प्रदेश उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में हुई. मृतक की पहचान 17 वर्षीय फैसल हुसैन के रूप में हुई. इस संबंध में दो आरोपी कॉन्स्टेबलों को निलंबित करने के अलावा एक होमगार्ड को सेवा से मुक्त कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में अपने घर के बाहर सब्जी बेच रहे एक किशोर की कोरोना कर्फ्यू के उल्लंघन को लेकर पुलिस की कथित पिटाई और प्रताड़ना के बाद मौत हो गई. इस संबंध में दो सिपाहियों तथा एक होमगार्ड के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने शनिवार को बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दर्ज की गई है, जिसमें कॉन्स्टेबल विजय चौधरी और सीमावत तथा होमगार्ड सत्यप्रकाश को नामित किया गया है. प्राथमिकी में मृतक के परिजन का आरोप है प्रभारी निरीक्षक के सामने किशोर को पीट-पीट कर मार डाला गया.

परिजनों का आरोप है कि 17 वर्षीय सब्जी विक्रेता फैसल हुसैन को पुलिस ने कथित तौर पर दोपहर में बाजार से शुक्रवार हिरासत में लिया था और उसे इतना पीटा गया कि उसकी मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शुरुआत में हार्ट अटैक से फैसल की मौत होने की बात कही थी. कोरोना कर्फ्यू नियमों के उल्लंघन के आरोप में उन्हें अन्य के साथ जिले के बांगरमऊ पुलिस थाने ले जाया गया था.

पुलिस के मुताबिक, इस मामले में आरोपी कॉस्टेबलों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और होमगार्ड की सेवा समाप्त कर दी गई है.

घटना शुक्रवार शाम उन्नाव जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कस्बे के मोहल्ला भटपुरी इलाके में हुई.

आरोप है कि कस्बा चौकी पुलिस के सिपाही ने फैसल को पकड़ लिया और कोरोना कर्फ्यू के उल्लंघन का आरोप लगाकर उसे डंडे से पीटते हुए थाने ले गया, जहां किशोर की मौत हो गई.

पुलिस की कार्रवाई से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, मुआवजा और पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी की मांग को लेकर लखनऊ रोड चौराहे पर जाम लगा दिया.

पुलिस की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि फैसल की मौत के मामले में आरोपी कॉस्टेबलों- विजय चौधरी और सीमावत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था तथा होमगार्ड सत्यप्रकाश को सेवा से मुक्त कर दिया गया है.

घटना के विरोध में ग्रामीणों ने विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार रात मार्ग अवरुद्ध कर दिए थे, जो देर रात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समझाने-बुझाने पर खुल पाया.

अधिकारियों ने किशोर के परिजनों को आश्वासन दिया कि उन्हें शहरी आवास योजना के अंतर्गत एक आवास दिलाया जाएगा. मृतक किशोर के घर के किसी एक व्यक्ति को जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से प्रशिक्षण दिलवाकर नौकरी में मदद की जाएगी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फैसल के चाचा मेराज ने मीडिया को बताया कि उसका भतीजा बाजार में सब्जी बेच रहा था, तभी पुलिसकर्मियों ने आकर उसे कई बार थप्पड़ जड़ दिया. उसके बाद वे उसे अपनी मोटरसाइकिल पर पुलिस स्टेशन ले गए. उन्होंने थाने में भी उसकी पिटाई की और उसकी वहीं मौत हो गई.

फैसल के चचेरे भाई सलमान ने संवाददाताओं से कहा, ‘एक सब्जी विक्रेता को बाजार से ले जाया गया और रास्ते में पीटा गया. फिर उन्होंने थाने में उसकी हत्या कर दी. फिर वे (पुलिसकर्मी) उसे अस्पताल में छोड़कर भाग गए. थाने के सभी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.’

उन्नाव के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आनंद कुलकर्णी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फैसल को कर्फ्यू मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए पुलिस स्टेशन लाया गया था.

उन्होंने कहा, ‘शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे उसे सब्जी मंडी से थाने लाया गया, जो एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है. वह एक घंटे से अधिक समय तक थाने में नहीं था और बीमार पड़ गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों का कहना है कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा और इससे मौत के कारणों के बारे में और जानकारी सामने आएगी.’

स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि फैसल को पुलिसकर्मी बहुत बुरी हालत में लाए थे.

कुमार के अनुसार, ‘फैसल ने पेट दर्द की शिकायत की, उसकी स्थिति को देखते हुए, हमने उसे रेफर कर दिया. इससे पहले कि वाहन उसे लेने आता, उसकी मौत हो गई, क्योंकि वह बहुत गंभीर था, इसलिए हम यह नहीं देख सके कि उसे चोट लगी है या नहीं और हमने सोचा कि पहले उसका इलाज करना बेहतर होगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)