छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले का मामला. घटना से संबंधित एक वीडियो वायरस हुआ था, जिसमें जिलाधिकारी रणबीर शर्मा को एक युवक को थप्पड़ मारने और उनका मोबाइल फोन फेंकते हुए देखा जा सकता है. घटना के बाद ज़िलाधिकारी ने इसके लिए माफ़ी मांग ली है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ में सूरजपुर के जिलाधिकारी द्वारा एक युवक को थप्पड़ मारने और उसका मोबाइल फोन फेंकने की घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिलाधिकारी को हटाने का निर्देश दिया है.
पुलिस के मुताबिक, युवक की पहचान अमन मित्तल (23) के रूप में की गई है. उसके खिलाफ लॉकडाउन के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है.
वीडियो के वायरल होने के बाद शर्मा की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है. लोगों ने उन्हें हटाने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है.
मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया, ‘सूरजपुर के जिलाधिकारी रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार किए जाने का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है. यह बेहद दुखद और निंदनीय है. छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘जिलाधिकारी रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गए हैं.’
बघेल ने एक अन्य ट्वीट किया, ‘शासकीय जीवन में किसी भी अधिकारी द्वारा इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है. मैं इस घटना से क्षुब्ध हूं. मैं युवक एवं उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूं.’
किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है।
इस घटना से क्षुब्ध हूँ। मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूँ।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 23, 2021
मुख्यमंत्री ने युवक को नया मोबाइल फोन भी देने का आदेश दिया है.
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ‘मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने निर्देश दिए हैं कि सूरजपुर में कलेक्टर द्वारा युवक के साथ दुर्व्यवहार के दौरान उसके क्षतिग्रस्त मोबाइल की प्रतिपूर्ति के रूप में उसे नया मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाए.’
मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel जी ने निर्देश दिए हैं कि सूरजपुर में कलेक्टर द्वारा नवयुवक के साथ दुर्व्यवहार के दौरान नवयुवक के क्षतिग्रस्त मोबाइल की प्रतिपूर्ति के रूप में उस नवयुवक को नया मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जाए।
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) May 23, 2021
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य प्रशासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी शर्मा का तबादला संयुक्त सचिव (प्रतीक्षारत) के रूप में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय (सचिवालय) में कर दिया है.
शर्मा की जगह रायपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है.
सूरजपुर जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन लागू किया गया है. शर्मा द्वारा एक युवक को थप्पड़ मारने का वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
Upper one was the trailor…here is climax of the DM's cruelty.😢😢Look there.. pic.twitter.com/TEzRIPy7sY
— ❤️ से…! (@govindtimes) May 22, 2021
इस वीडियो में दिख रहा है कि मास्क लगाए एक युवक को पुलिस ने रोका. युवक ने शर्मा को एक कागज और मोबाइल फोन पर कुछ दिखाने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान शर्मा ने यह कहते हुए उसका फोन जमीन पर फेंक दिया कि यह वीडियो बना रहा है.
वीडियो में दिख रहा है कि शर्मा ने बाद में युवक को थप्पड़ भी मारा. इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और अधिकारी वहां पहुंचे और दो पुलिसकर्मियों ने युवक की डंडे से पिटाई की. वीडियो में सुनाई दे रहा है कि शर्मा युवक की पिटाई का आदेश दे रहे हैं.
हालांकि, इस दौरान युवक बार-बार कहता है कि वह वीडियो नहीं बना रहा था.
वीडियो के वायरल होने के बाद शर्मा ने इस घटना के लिए माफी मांगी.
DM's Apology pic.twitter.com/2wnn4ClDjf
— ❤️ से…! (@govindtimes) May 22, 2021
युवक के नाबालिग होने के दावों को खारिज करते हुए शर्मा ने कहा, ‘वह एक 23 वर्षीय युवक था जो ओवरस्पीड में स्पोर्ट बाइक चला रहा था. उसके पास टीकाकरण के लिए जाने का एक फर्जी स्लिप था. लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए हमें थोड़ा सख्त होना पड़ता है. हालांकि मैं अपने व्यवहार के लिए माफी मांगता हूं.’
इस बीच आईएएस एसोसिएशन ने शर्मा के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है.
The IAS Association strongly condemns the behaviour of Collector Surajpur, Chhattisgarh.
It is unacceptable & against the basic tenets of the service & civility.
Civil servants must have empathy & provide a healing touch to society at all times, more so in these difficult times.— IAS Association (@IASassociation) May 23, 2021
एसोसिएशन ने ट्वीट किया, ‘आईएएस एसोसिएशन सूरजपुर के जिलाधिकारी के व्यवहार की कड़ी निंदा करता है. यह अस्वीकार्य है और सेवा एवं सभ्यता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. लोक सेवकों को हमेशा और खासकर इस कठिन समय में समाज के लोगों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)